SCO बैठक में भारत का कड़ा रुख, पहलगाम हमले के जिक्र के बिना साझा बयान पर नहीं हस्ताक्षर

Shanghai Cooperation Organisation: संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर से इनकार करना भारत की ओर से एक कड़ा कूटनीतिक संदेश है और यह हालिया ऑपरेशन सिंदूर के बाद वैश्विक स्तर पर भारत की आतंकवाद विरोधी नीति को दर्शाता है.;

Update: 2025-06-26 06:34 GMT
SCO बैठक में भारत का कड़ा रुख, पहलगाम हमले के जिक्र के बिना साझा बयान पर नहीं हस्ताक्षर
  • whatsapp icon

SCO meeting 2025: भारत ने शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक में उस साझा बयान पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया, जिसमें पहलगाम आतंकी हमले का जिक्र तक नहीं था. इस इनकार ने न सिर्फ SCO मंच पर पाकिस्तान और चीन को कड़ा संदेश दिया, बल्कि दुनिया को यह भी बता दिया कि अब भारत आतंकवाद पर कोई समझौता नहीं करेगा.

शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की रक्षा मंत्रियों की बैठक में भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उस संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया, जिसमें पहलगाम आतंकी हमले का कोई उल्लेख नहीं किया गया था. इस हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान गई थी. इस बयान में बलूचिस्तान का जिक्र किया गया था, जिससे अप्रत्यक्ष रूप से भारत पर वहां अस्थिरता फैलाने का आरोप लगाया गया. वहीं, पहलगाम हमले को नजरअंदाज करना इस ओर इशारा करता है कि पाकिस्तान के दबाव में यह कदम उठाया गया. जबकि SCO की वर्तमान अध्यक्षता चीन के पास है, जो पाकिस्तान का करीबी सहयोगी माना जाता है.

पाकिस्तान पर दोहरे मापदंडों का आरोप

भारत ने एक बार फिर बलूचिस्तान को लेकर पाकिस्तान के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि इस्लामाबाद को आतंकी संगठनों को समर्थन देना बंद करना चाहिए और अपने अंदर झांकना चाहिए, न कि बेबुनियाद आरोप लगाने चाहिए. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह\ फिलहाल चीन के किंगदाओ शहर में SCO रक्षा मंत्रियों की बैठक में हिस्सा ले रहे हैं, जहां रूस, पाकिस्तान, चीन सहित अन्य सदस्य देश क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा मुद्दों पर चर्चा कर रहे हैं. वर्ष 2001 में स्थापित SCO\ का उद्देश्य क्षेत्रीय स्थिरता को बढ़ावा देना है और इसमें वर्तमान में 10 सदस्य देश शामिल हैं– बेलारूस, चीन, भारत, ईरान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, पाकिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान.

आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने का आह्वान

सम्मेलन को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि SCO सदस्य देशों को आतंकवाद को जड़ से खत्म करने के लिए एकजुट होना होगा. उन्होंने कहा कि शांति, सुरक्षा और विश्वास की कमी सबसे बड़ी चुनौतियां हैं, जिनकी जड़ें कट्टरता, उग्रवाद और आतंकवाद में हैं. शांति और समृद्धि आतंकवाद और हथियारों के प्रसार के साथ नहीं चल सकती– खासकर जब ये गैर-राज्य तत्वों और आतंकी समूहों के हाथों में हों. ऐसे देशों को जवाबदेह ठहराना जरूरी है, जो अपने संकीर्ण स्वार्थ के लिए आतंकवाद को बढ़ावा देते हैं.

राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना उस पर परोक्ष हमला बोला और कहा कि कुछ देश सीमा पार आतंकवाद को अपनी नीति का हिस्सा मानते हैं और आतंकियों को शरण देते हैं. उन्होंने कहा कि SCO को ऐसे दोहरे मापदंडों को स्वीकार नहीं करना चाहिए. रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत ने आतंक के खिलाफ कार्रवाई का अधिकार सुरक्षित रखा है. पहलगाम में धार्मिक पहचान के आधार पर निर्दोषों को गोली मारी गई. इस हमले की जिम्मेदारी द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली, जो संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का मुखौटा संगठन है.

उन्होंने कहा कि यह हमला लश्कर की पुरानी शैली से मेल खाता है और भारत की जीरो टॉलरेंस नीति इसके जवाब में स्पष्ट दिखी. हमने दिखा दिया है कि आतंक के अड्डे अब सुरक्षित नहीं हैं और हम उन्हें निशाना बनाने से पीछे नहीं हटेंगे.

भारत की आतंकवाद के खिलाफ रणनीति

राजनाथ सिंह ने आतंकवाद के अपराधियों, आयोजकों, वित्तपोषकों और प्रायोजकों को न्याय के कठघरे में लाने की आवश्यकता पर बल दिया. उन्होंने कहा कि SCO सदस्य देशों को आतंकवाद की बिना शर्त निंदा करनी चाहिए.

Tags:    

Similar News