ईरान ने दिया इजरायली हमलों का जवाब, तेल अवीव पर 100 से ज्यादा ड्रोन अटैक
इजरायली हमलों के बाद ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने चेतावनी दी कि इज़राइल को कड़ा और दर्दनाक अंजाम भुगतना होगा;
ईरान ने इज़रायली हमलों का अंधाधुंध ड्रोन अटैक से जवाब दिया। ईरान ने शुक्रवार रात और शनिवार तड़के इज़राइल के कई ठिकानों पर मिसाइल हमले शुरू कर दिए। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ईरान ने न सिर्फ मिसाइल दागीं बल्कि इज़राइल की ओर 100 से अधिक ड्रोन भेजे। हालांकि इज़राइल ने पहले से हमले की आशंका जताते हुए दावा किया कि उसने सीमा के बाहर ज़्यादातर ड्रोन को रोक लिया।
यह घटना क्षेत्र में वर्षों बाद सबसे खतरनाक टकरावों में से एक मानी जा रही है। प्रभावित क्षेत्रों में इज़राइल ने लोगों को निकालना शुरू कर दिया है। देश की सेना के अनुसार, यमन से दागी गई एक मिसाइल का भी पता चला है, जिसके बाद कई इलाकों में एयर सायरन बजाए गए। राजधानी तेल अवीव में लोग बम शेल्टर की ओर भागते देखे गए।
इज़राइल ने गुरुवार-शुक्रवार की रात ईरान पर अचानक हवाई हमले किए थे, जिसमें ईरान की सरज़मीं पर उसके कई शीर्ष सैन्य अधिकारी मारे गए जिनमें रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के प्रमुख हुसैन सलामी भी शामिल थे।
इज़रायली हमलों पर प्रतिक्रिया देते हुए ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने चेतावनी दी कि इज़राइल को कड़ा और दर्दनाक अंजाम भुगतना होगा। उन्होंने कहा, “इस अपराध के साथ, ज़ायोनी शासन ने अपने लिए एक कड़वा और दर्दनाक अंजाम सुनिश्चित कर लिया है और उसे यह अंजाम जरूर मिलेगा।”
यह नया संघर्ष तब शुरू हुआ जब इज़राइली सेना ने ‘ऑपरेशन राइजिंग लायन’ के तहत ईरान पर अचानक रातभर कई हवाई हमले किए, जिनमें उसके परमाणु और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया गया। इज़राइल ने इन हमलों को सही ठहराते हुए कहा कि उसे खुफिया जानकारी मिली थी कि ईरान ने उच्च संवर्धित यूरेनियम तैयार कर लिया है जिससे नौ परमाणु बम बनाए जा सकते हैं।
इज़रायली हमलों में ईरान को बड़ा नुकसान हुआ है। उसके कई कमांडर और छह परमाणु वैज्ञानिक मारे गए। ईरानी सरकारी टेलीविजन ने बताया कि ईरानी सशस्त्र बलों के चीफ ऑफ स्टाफ जनरल मोहम्मद बाघेरी भी इन हमलों में मारे गए।
हमले के बाद, इज़राइली रक्षा मंत्री इस्राएल काट्ज़ ने कहा कि उन्हें जवाबी हमले की आशंका थी। उन्होंने कहा, “ईरान पर इज़राइल के पूर्व-सक्रिय हमले के बाद, मिसाइल और ड्रोन के ज़रिए इज़राइल और उसकी नागरिक आबादी पर तत्काल जवाबी हमला हो सकता है।”
प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि उनके देश के हमले ईरान की परमाणु संरचना, बैलिस्टिक मिसाइल फैक्ट्रियों और कई सैन्य क्षमताओं को नुकसान पहुँचाने के लिए किए गए थे। उन्होंने इस हमले को एक "लक्षित सैन्य अभियान" बताया और कहा कि इसका उद्देश्य "ईरान से इज़राइल के अस्तित्व पर मंडरा रहे खतरे को समाप्त करना है। यह अभियान तब तक जारी रहेगा जब तक यह खतरा पूरी तरह समाप्त नहीं हो जाता।”
यह घटनाक्रम तब हुआ जब अमेरिका ने स्पष्ट कर दिया कि वह किसी भी हाल में ईरान को परमाणु हथियार नहीं हासिल करने देगा और इसके साथ ही उसने मध्य-पूर्व से अपने कर्मचारियों को निकालना भी शुरू कर दिया।