ईरान के साथ जंग में इजरायल का सीक्रेट मिशन, खामेनेई थे टारगेट!

Khamenei News: इजरायल के रक्षा मंत्री इस्राइल काट्ज ने दावा किया कि हाल ही में हुए संघर्ष के दौरान ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई को निशाना बनाकर उनकी हत्या की योजना बनाई गई थी.;

Update: 2025-06-27 12:26 GMT

Iran Israel War: ईरान और इजरायल के बीच जंग के दौरान खुफिया एजेंसियां एक्टिव थीं, हमले हो रहे थे और उसी बीच सबकी जुबां पर एक ही नाम था- अयातुल्ला अली खामेनेई. जी हां, ईरान के सुप्रीम लीडर को इजरायल ने टारगेट किया था और उन्हें खत्म करने की पूरी योजना भी बना ली थी. लेकिन खामेनेई जमीन के नीचे इतने गहरे छुपे कि इजरायली ड्रोन तक उनकी परछाई नहीं पकड़ सके. अब इजरायल के रक्षा मंत्री ने खुद कबूल किया है कि अगर वो हमारे निशाने पर आते तो उनका ‘खात्मा’ तय था.

इजरायल के रक्षा मंत्री इस्राइल काट्ज ने एक इंटरव्यू में सनसनीखेज दावा किया कि हाल ही में हुए 12 दिवसीय ईरान-इजरायल संघर्ष के दौरान ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई को निशाना बनाकर उनकी हत्या की योजना बनाई गई थी. लेकिन वह भूमिगत होकर हमले से बच गए. काट्ज़ ने कहा कि अगर खामेनेई हमारी रडार में आ जाते तो हम उन्हें खत्म कर देते. लेकिन वह बहुत गहराई तक छिप गए और कमांडरों से संपर्क तोड़ दिया, जिससे हमला करना संभव नहीं रहा.

खामेनेई की तलाश

काट्ज़ ने कहा कि हमने उन्हें ढूंढ़ने की पूरी कोशिश की. हमारा मकसद शासन परिवर्तन नहीं था, बल्कि ईरानी नेतृत्व को अस्थिर करना और दबाव बनाना था. गौरतलब है कि 13 से 25 जून तक चले इस युद्ध के दौरान इजरायल ने कई शीर्ष ईरानी सैन्य कमांडरों और परमाणु वैज्ञानिकों को निशाना बनाकर हवाई हमले किए. काट्ज़ ने दावा किया कि इजरायल ने पूरी तरह से हवाई वर्चस्व बनाए रखा और यह कार्रवाई ईरान के मिसाइल और परमाणु पुनर्निर्माण को रोकने की नीति का हिस्सा थी.

अमेरिका से मंजूरी पर काट्ज़ का बयान

जब काट्ज़ से पूछा गया कि क्या इजरायल ने खामेनेई को मारने के लिए अमेरिका से अनुमति मांगी थी तो उन्होंने दो टूक कहा कि हमें इन चीजों के लिए किसी की मंजूरी की जरूरत नहीं है. उन्होंने खामेनेई की तुलना हिज़्बुल्लाह नेता हसन नसरल्लाह से की, जिनकी पिछले साल हत्या कर दी गई थी. काट्ज़ ने कहा कि मैं उन्हें सलाह दूंगा कि वह शांत न बैठें. उन्हें नसरल्लाह से सीख लेनी चाहिए और वैसा ही करना चाहिए.

ऑपरेशन मिडनाइट हैमर

युद्ध के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी खामेनेई को चेतावनी दी थी. 17 जून को ट्रंप ने सोशल मीडिया पर लिखा कि हमें पता है कि यह 'सुप्रीम लीडर' कहां छिपा है. हम अभी उसे नहीं मारने जा रहे, कम से कम फिलहाल नहीं. हालांकि, कुछ दिन बाद ट्रंप ने यह बयान वापस लेते हुए कहा कि शासन परिवर्तन उचित रणनीति नहीं है.

इसके बावजूद ट्रंप ने ‘ऑपरेशन मिडनाइट हैमर’ नाम से एक सीरीज ऑफ प्रिसिजन स्ट्राइक्स का आदेश दिया. इन हमलों में ईरान के तीन प्रमुख परमाणु स्थलों को निशाना बनाया गया. व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलीन लेविट ने दावा किया कि यह पूरी तरह सफल ऑपरेशन था, जिसने ईरान की परमाणु संरचना को “ध्वस्त कर दिया”. उन्होंने कहा कि यह सिर्फ हमारी खुफिया जानकारी नहीं कहती, बल्कि ईरानी विदेश मंत्री और संयुक्त राष्ट्र ने भी माना कि हमले प्रभावी थे.

कूटनीति की राह पर अमेरिका–ईरान

कैरोलीन लेविट ने यह भी पुष्टि की कि अमेरिका अब डिप्लोमैसी और शांति पर केंद्रित है. अगले सप्ताह अमेरिकी और ईरानी अधिकारियों के बीच बातचीत होने की संभावना है. अमेरिका कतर जैसे मध्यस्थों के माध्यम से कोशिश कर रहा है कि ईरान “गैर-संवर्धन नागरिक परमाणु कार्यक्रम” को अपनाए.

खामेनेई को अब निशाना नहीं बनाएगा इजरायल

इजरायल के रक्षा मंत्री काट्ज़ ने स्पष्ट किया कि अब सीजफायर के बाद इजरायल खामेनेई को निशाना नहीं बनाएगा. लेकिन उन्होंने चेतावनी भी दी कि सीजफायर से पहले और बाद में फर्क होता है. अगर ईरान ने भविष्य में कोई उकसावे वाली कार्रवाई की तो हम प्रतिक्रिया देने से पीछे नहीं हटेंगे. काट्ज ने यह भी स्वीकार किया कि इजरायल ने ईरान की संवर्धन क्षमताओं को नष्ट कर दिया है, लेकिन उन्हें यह नहीं पता कि संपूर्ण संवर्धित यूरेनियम कहां जमा है. फिर भी उन्होंने दावा किया कि यह हमला ईरान के परमाणु कार्यक्रम को कई वर्षों के लिए पीछे धकेल चुका है और दोहराया कि हम इसे फिर से नहीं होने देंगे.

Tags:    

Similar News