अमेरिकी टैरिफ के बाद मोदी-पुतिन की पहली मुलाकात, यूक्रेन जंग खत्म करने के समाधान पर चर्चा
Modi Putin Meeting 2025: मोदी-पुतिन की यह बैठक न केवल भारत-रूस के मजबूत रिश्तों की पहचान बनकर उभरी, बल्कि वैश्विक स्तर पर युद्धविराम और शांति स्थापना की दिशा में भारत की सकारात्मक पहल का भी संदेश है.;
Modi Putin bilateral meeting: शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात करते हुए यूक्रेन में युद्ध समाप्ति की दिशा में उठाए जा रहे शांति प्रयासों का स्वागत किया. पीएम मोदी ने कहा कि हम यूक्रेन युद्ध की स्थिति पर लगातार चर्चा कर रहे हैं और हालिया शांति प्रयासों का स्वागत करते हैं. उन्होंने आशा जताई कि सभी पक्ष इस प्रक्रिया में रचनात्मक रूप से आगे बढ़ेंगे और जंग को जल्द खत्म करने के साथ स्थायी शांति स्थापित करेंगे.
रूस से दिसंबर में विजिट की पुष्टि
मोदी ने यह भी पुष्टि की कि राष्ट्रपति पुतिन इस वर्ष दिसंबर में भारत का दौरा करेंगे — यह कदम दोनों देशों के बीच कूटनीतिक रिश्तों को दोबारा गतिशील और मजबूतीपूर्ण बनाने के संकेत के रूप में देखा जा रहा है. मुलाकात से पहले दोनों नेता SCO मंच पर अनौपचारिक रूप से मिले और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ आदान-प्रदान किया. बाद में मोदी और पुतिन एक ही कार में शिखर सम्मेलन स्थल से निकले और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ द्विपक्षीय बैठक की.
यह उनकी पहली मुलाकात थी, जब अमेरिका ने भारतीय तेल आयात पर अतिरिक्त टैरिफ लगाया है. इसके अलावा पुतिन ने अगस्त में दो बार मोदी से बातचीत की थी — एक पहले और एक बाद में, जब उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति से मुलाकात की थी.
ऊर्जा सहयोग पर भारत का रुख
अमेरिका द्वारा रूसी तेल पर अतिरिक्त टैरिफ लागू करने के बावजूद भारत ने अपनी रणनीतिक निर्णय का हक स्पष्ट रखा. भारतीय राजदूत विनय कुमार ने एक न्यूज़ एजेंसी को बताया कि भारतीय कंपनियां जहां सबसे बेहतर सौदा मिलेगा. वहीं, से तेल खरीदना जारी रखेंगी.
भारत का दावा है कि चीन और यूरोप भी कम दरों पर रूसी तेल खरीद रहे हैं. लेकिन वॉशिंगटन केवल दिल्ली को खासतौर पर निशाना बना रहा है. रूस ने भी अमेरिकी टैरिफ को निंदनीय बताते हुए भारत के व्यापारिक विकल्प चुनने के हक का समर्थन किया है.
ज़ेलेंस्की से संवाद
SCO सम्मेलन में PM Modi की आगमन से पहले यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने भी उनसे बात की और कहा कि इस (यूक्रेन) युद्ध का अंत तत्काल युद्धविराम के साथ ही शुरू होना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि भारत आवश्यक प्रयास करने के लिए तैयार है और सम्मेलन के दौरान रूस और अन्य नेताओं को सही संदेश देने की प्रतिबद्धता रखता है.