पहले नोबल पुरुस्कार की सिफारिश और अब निंदा, अमेरिका के प्रति बदलता पाकिस्तानी रुख

पाकिस्तान, जो ईरान के साथ 900 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करता है, ने कहा कि ये हमले “अंतर्राष्ट्रीय कानून के सभी मानदंडों का उल्लंघन करते हैं” और ईरान को अपनी रक्षा करने का वैध अधिकार है;

Update: 2025-06-22 11:19 GMT

America Iran And Pakistan : अमेरिका द्वारा इरान के तीन परमाणु ठिकानो पर हमले किये जाने के बाद पूरे विश्व से अलग अलग तरह की प्रतिक्रिया सामने आ रही हैं. इसी क्रम में पाकिस्तान ने भी अपनी प्रतिक्रिया देते हुए अमेरिका द्वारा किये गए हमले की आलोचना की है.

ईरान के साथ 900 किलोमीटर से ज़्यादा लंबी सीमा साझा करने वाले पाकिस्तान ने इस हमले पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय (FO) ने एक बयान में कहा कि अमेरिका के ये हमले "अंतर्राष्ट्रीय क़ानून के सभी नियमों को तोड़ते हैं."

बयान में कहा गया, "पाकिस्तान ईरान के परमाणु ठिकानों पर अमेरिका के हमलों की कड़ी निंदा करता है, खासकर इज़रायल द्वारा किए गए हमलों के बाद. हम इस इलाक़े में तनाव के और ज़्यादा बढ़ने की संभावना से बहुत चिंतित हैं."

पाकिस्तान ने साफ़ किया कि संयुक्त राष्ट्र चार्टर के तहत ईरान को अपनी रक्षा करने का पूरा हक़ है. उन्होंने चेतावनी दी, "ईरान के ख़िलाफ़ चल रही इस आक्रामकता से तनाव और हिंसा में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है, जो बेहद परेशान करने वाली है. इस तनाव में किसी भी तरह की और बढ़ोतरी से पूरे क्षेत्र और उसके बाहर भी गंभीर रूप से बुरे असर पड़ेंगे."

पाकिस्तान ने सभी पक्षों से अपील की है कि वे नागरिक जीवन और संपत्ति का सम्मान करें और तुरंत इस संघर्ष को ख़त्म करें. उनका मानना है कि बातचीत और कूटनीति ही इन मुश्किलों का एकमात्र रास्ता है.

ओवैसी का पाकिस्तान पर तंज: "क्या ट्रंप को नोबेल मिलेगा?"

अमेरिका द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों पर बमबारी होते ही, एआईएमआईएम प्रमुख और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने पाकिस्तान पर कटाक्ष किया. उन्होंने मज़ाकिया लहजे में पूछा, "हमें पाकिस्तानियों से पूछना चाहिए कि क्या वे चाहते हैं कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को इस 'उपलब्धि' के लिए नोबेल शांति पुरस्कार मिले?"

पाकिस्तान के मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव पर चिंता जताने पर ओवैसी ने चुटकी ली और कहा, "क्या उनके जनरल (पाकिस्तान के फील्ड मार्शल असीम मुनीर) ने इसके लिए ट्रंप के साथ डिनर किया था?"

ओवैसी ने यह भी कहा कि ईरान के पास परमाणु हथियार होने का एक हौवा खड़ा किया गया है, ठीक वैसे ही जैसे पहले इराक और लीबिया के साथ किया गया था, लेकिन बाद में कुछ नहीं निकला. उन्होंने अमेरिका के इस हमले को अंतर्राष्ट्रीय क़ानून, संयुक्त राष्ट्र चार्टर और परमाणु अप्रसार संधि (NPT) का उल्लंघन बताया. ओवैसी ने तो यहाँ तक कह दिया कि यह अमेरिकी संविधान का भी उल्लंघन है, क्योंकि उसके अनुसार कांग्रेस की अनुमति के बिना देश युद्ध नहीं कर सकता.

ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार की सिफ़ारिश: एक अजीब पेशकश

दिलचस्प बात यह है कि ईरान पर हमले से ठीक एक दिन पहले, शनिवार को ही पाकिस्तान सरकार ने ऐलान किया था कि वह हाल ही में भारत-पाकिस्तान संघर्ष के दौरान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के "निर्णायक कूटनीतिक हस्तक्षेप" के लिए उन्हें 2026 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए औपचारिक रूप से सिफ़ारिश करेगी. यह घोषणा व्हाइट हाउस में पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर और ट्रम्प की मुलाक़ात के ठीक तीन दिन बाद हुई थी.

याद रहे, 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों के मारे जाने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव काफी बढ़ गया था. भारत ने 7 मई को 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया और पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) में आतंकी शिविरों पर हमला किया. इसके बाद पाकिस्तान ने बड़े पैमाने पर मिसाइल और ड्रोन हमले किए, लेकिन उन्हें नाकाम कर दिया गया. जवाबी कार्रवाई में भारतीय सेना ने पाकिस्तान के हवाई अड्डों पर भी हमला किया. 10 मई को युद्धविराम के बाद संघर्ष ख़त्म हो गया था.


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