पाकिस्तानी पीएम ने कबूली नूर खान एयरबेस पर भारत के मिसाइल अटैक की बात
10 मई को पाकिस्तान को भारत के साथ सीजफायर की गुहार क्यों लगानी पड़ी, इसकी तस्दीक खुद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के एक ताजा बयान से हो जाती है।;
पाकिस्तान ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान उसके एयर बेस पर भारत द्वारा हमला किए जाने की बात पहली बार सार्वजनिक तौर पर कबूल कर ली है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अपने देश के अहम सैन्य ठिकाने नूर खान एयरपोर्ट पर भी भारतीय मिसाइल दागे जाने की पुष्टि की है।
राजधानी इस्लामाबाद में एक कार्यक्रम में पाकिस्तानी सेना के प्रमुख जनरल आसिम मुनीर की मौजूदगी में प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ ने कहा,"9 और 10 की दरम्यानी रात को तरकरीबन ढाई बजे सिपाहसलार जनरल सैयद आसिम मुनीर ने सिक्योर फोन पर मुझे बताया कि वजीरे-आजम साहब हिंदुस्तान ने अपने बैलेस्टिक मिसाइल अभी लॉन्च किए हैं। एक नूर खान एयरपोर्ट पर गिरा है और कुछ दूसरे इलाकों में गिरे हैं।"
दोनों देशों के बीच सीजफायर के करीब हफ्तेभर के भीतर पहली बार पाकिस्तान ने मान लिया है कि भारत ने उसके एयर बेस को निशाना बनाया। भारत ने पहले ही बता दिया था कि हमारी एयर फोर्स की जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तानी एयर बेस को बहुत नुकसान पहुंचा है, जिसके बाद पाकिस्तान को सीजफायर की गुहार लगानी पड़ी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा, "पाकिस्तानी वायुसेना के एयर बेस को नुकसान पहुंचा जिस पर भारत को बहुत घमंड था। भारत ने पहले तीन दिनों में ही पाकिस्तान को इतना तबाह कर दिया जिसका उसे अंदाजा भी नहीं था। इसलिए भारत की आक्रामक कार्रवाई के बाद पाकिस्तान बचने के रास्ते खोजने लगा।"
प्रधानमंत्री ने तब यह भी कहा था कि, "पाकिस्तान दुनियाभर में तनाव कम करने के लिए गुहार लगाने लगा और बुरी तरह पिटने के बाद, इसलिए मजबूरी में 10 मई की दोपहर को पाकिस्तानी सेना ने हमारे DGMO को संपर्क किया। तब तक हम आतंकवाद के इन्फ्रास्ट्रक्चर को बड़े पैमाने पर तबाह कर चुके थे।"
यही नहीं, पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ ने ये भी खुलासा कर दिया कि भारत के साथ सैन्य संघर्ष के दौरान पाकिस्तान ने चीन के जेट्स का इस्तेमाल किया। शरीफ ने कहा, "हमारी वायुसेना ने स्वदेशी तकनीक का इस्तेमाल कर देश की रक्षा की, और उन्होंने चीनी जेट्स पर आधुनिक उपकरणों और तकनीक का भी उपयोग किया।"