पीएम मोदी ऐसे देश पहुंचे, जहां साल भी अलग चलता है और घड़ी भी

जॉर्डन के बाद इथियोपिया पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी; अफ्रीका के इस अनोखे देश में अभी 2017 चल रहा है, जहां साल में होते हैं 13 महीने और समय की गणना भी दुनिया से बिल्कुल अलग है

Update: 2025-12-16 16:07 GMT

PM On Ethiopia Tour : जॉर्डन की यात्रा पूरी करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिन के राजकीय दौरे पर अफ्रीकी देश इथियोपिया पहुंच गए हैं। यह दौरा कूटनीतिक दृष्टि से जितना अहम है, उतना ही दिलचस्प उस देश की पहचान भी है, जहां पीएम मोदी पहुंचे हैं। इथियोपिया सिर्फ अफ्रीका का ही नहीं, बल्कि दुनिया का भी एक अनोखा देश है जहां वक्त, तारीख और साल तीनों ही अलग तरीके से चलते हैं


अफ्रीका का सबसे पुराना आज़ाद देश

इथियोपिया को अफ्रीका का सबसे पुराना स्वतंत्र देश माना जाता है। इतिहास में ऐसा कोई दौर नहीं रहा, जब इस देश पर किसी विदेशी ताकत ने लंबे समय तक कब्जा किया हो। यही वजह है कि यहां की संस्कृति, परंपराएं और समय की सोच आज भी पूरी तरह मौलिक बनी हुई हैं।


जब दुनिया में 2026 की तैयारी, यहां 2017

पूरी दुनिया जहां 2026 के स्वागत की तैयारी में जुटी है, वहीं इथियोपिया में अभी साल 2017 चल रहा है। यह सुनकर हैरानी जरूर होती है, लेकिन इसकी वजह है यहां का अनूठा इथियोपियाई कैलेंडर, जो पश्चिमी कैलेंडर से करीब सात साल और आठ महीने पीछे चलता है।


एक साल, लेकिन 13 महीने

इथियोपिया में साल की परिभाषा ही अलग है। यहां एक साल में 13 महीने होते हैं 


पहले 12 महीने 30-30 दिन के होते हैं

13वां और आखिरी महीना 5 या 6 दिन का होता है

यह तय करता है कि साल लीप ईयर है या नहीं


इसी वजह से यहां के बच्चों को महीनों के दिनों को याद रखने के लिए कोई तुकबंदी या कविता नहीं सीखनी पड़ती।


11 सितंबर को आता है नया साल

इथियोपिया में नया साल 1 जनवरी को नहीं, बल्कि 11 सितंबर को शुरू होता है। लीप ईयर में यह तारीख 12 सितंबर हो जाती है। इसका कारण यीशु मसीह के जन्म वर्ष की अलग गणना प्रणाली है। जब 500 ईस्वी में कैथोलिक चर्च ने अपनी गणना में बदलाव किया, तब इथियोपियाई रूढ़िवादी चर्च ने उसे स्वीकार नहीं किया, और यहीं से दोनों कैलेंडरों के बीच बड़ा अंतर पैदा हो गया।

घड़ी भी चलती है अपने हिसाब से

इथियोपिया में सिर्फ तारीख ही नहीं, समय की गणना भी बिल्कुल अलग है।
यहां दिन की शुरुआत सुबह 6 बजे से मानी जाती है।


दिन को दो हिस्सों में बांटा जाता है

हर हिस्सा 12 घंटे का होता है।

दोपहर 12 बजे और आधी रात दोनों को यहां 6 बजे कहा जाता है।

10 बजे की कॉफी यानी शाम 4 बजे


अगर अदिस अबाबा में कोई आपको 10 बजे कॉफी पर बुलाए, तो घबराइए मत। इथियोपियाई समय के हिसाब से यह पश्चिमी कैलेंडर में शाम 4 बजे होगा।


दौरे के साथ देश की खास पहचान

ऐसे अनोखे देश में पीएम मोदी का यह दौरा सिर्फ राजनयिक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक रूप से भी खास माना जा रहा है। जहां वक्त भी अपनी रफ्तार से चलता है, वहां भारत और इथियोपिया के रिश्तों को नई दिशा देने की यह यात्रा दोनों देशों के लिए अहम मानी जा रही है।


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