जब न्यूयॉर्क पुलिस ने पीएम मोदी के कार्यक्रम में खलल डालने की खालिस्तानी साजिश को किया विफल
न्यूयॉर्क के नासाउ कोलिसियम इनडोर स्टेडियम में प्रधानमंत्री मोदी के दुसरे दिन उनके संबोधन का कार्यक्रम था. उन्हें भारतीय समुदाय को संबोधित करना था. ऐसे में कुछ खालिस्तानी समर्थक वहां खलल डालने की मंशा से पहुंचे लेकिन पुलिस ने उन्हें वहा से हटा दिया और एक को गिरफ्तार कर लिया.
By : Abhishek Rawat
Update: 2024-09-23 12:57 GMT
PM Modi In America: पीएम मोदी के अमेरिकी दौरे के दौरान खालिस्तानी समर्थकों के प्लान पर न्यूयॉर्क पुलिस ने पानी फेर दिया. दरअसल खालिस्तानी समर्थक मोदी के कार्यक्रम में सिर्फ इस उद्देश्य से पहुंचे थे कि वे वहां का माहौल ख़राब कर सकें और इस कार्यक्रम में खलल पहुंचा कर सुर्खियाँ बटोर सकें लेकिन ऐसा न हो पाया. पुलिस को इन खालिस्तानी समर्थकों के पास से सिख फॉर जस्टिस के बैनर पोस्टर भी मिले हैं, जो भारत सरकार की तरफ से प्रतिबंधित व आतंकी संगठन है और उसका संचालक गुरपत्वंत सिंह पन्नू है, जिसे भारत ने आतंकवादी घोषित किया हुआ है.
नासाउ कोलिसियम इनडोर स्टेडियम की घटना
प्रधानमंत्री मोदी अपने अमेरिकी दौरे के दूसरे दिन न्यूयॉर्क के नासाउ कोलिसियम इनडोर स्टेडियम पहुंचे थे. वो यहाँ भारतीय-अमेरिकियों की एक विशाल सभा को संबोधित करने पहुंचे थे. इसी कार्यक्रम में कुछ खालिस्तानी समर्थकों ने खलल डालने की साजिश रची और उसे अंजाम देने के लिए वो यहाँ तक पहुंचे भी. इन खालिस्तानी समर्थकों ने कार्यक्रम में व्यवधान पैदा करने का प्रयास किया लेकिन वहां तैनात न्यूयॉर्क पुलिस ने सतर्कता का परिचय देते हुए न केवल उन्हें रोका बल्कि उस जगह से दूर भी ले गए. रिपोर्ट्स के अनुसार, एक खालिस्तानी प्रदर्शनकारी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया तो वहीँ एक समूह को “फ्री स्पीच ज़ोन” में जाने के लिए मजबूर किया गया.
पन्नू के सिख फॉर जस्टिस से जुड़े हैं तार
न्यूयॉर्क पुलिस ने इन खालिस्तानी समर्थकों के पास से पोस्टर बैनर भी बरामद किये हैं. इनमें सिख फॉर जस्टिस का पोस्टर भी शामिल है. पुलिस ने इस तरह से सभी बैनर पोस्टर को वहां से हटा दिया. माना जा रहा है कि ये कृत्य एसएफजे और खालिस्तानी समूहों द्वारा भारत सरकार के खिलाफ किया गया था.
उस कार्यक्रम में शिरकत करने वाले भारतीय मूल के कुछ लोगों ने मीडिया को बताया कि खालिस्तानियों के साथ काम करने वाले ‘सिर्फ मुट्ठी भर लोग थे’.
अमेरिकी चुनाव में अपनी महत्वता जताने का भी हो सकता है प्रयास
ऐसा भी दावा किया जा रहा है कि सिख फॉर जस्टिस और खालिस्तानी समर्थकों का समूह, जो संख्या में काफी कम हैं, उनका मकसद इस विरोध प्रदर्शन के माध्यम से ये जाताना था कि वो अमेरिका में अल्पसंख्यक जरुर हैं लेकिन महत्वपूर्ण हैं, इसलिए उन्हें भी इस चुनाव में महत्वता दी जाए.