प्रधानमंत्री मोदी ने किया सम्मान तो चीन ने भी की सरहाना, चीन और भारत का दोस्ताना !

प्रधानमंत्री मोदी ने पॉडकास्ट के दौरान चीन के साथ संबंधों पर सकारात्मक रुख दर्शाया और दोनों देशों के बीच अच्छे रिश्ते कायम करने पर जोर दिया, जिसके बाद चीन की भी प्रतिक्रिया देते हुए इसकी सरहाना की।;

Update: 2025-03-17 14:48 GMT

India And China : नई दिल्ली और बीजिंग के बीच एक दूसरे के प्रति सम्मान खुलकर सामने आ रहा है। इसका सबसे ताजा उदहारण हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भारत-चीन संबंधों पर "सकारात्मक" टिप्पणी की गयी, जिसकी बाद में चीन ने "सराहना" की है।

चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि भारत और चीन 2000 से अधिक वर्षों से मित्रतापूर्ण संबंध बनाए हुए हैं। दोनों देशों ने एक-दूसरे से सीखकर सभ्यता की उपलब्धियों और मानव प्रगति में योगदान दिया है।


चीन को लेकर पीएम मोदी ने क्या कहा ?

प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी पॉडकास्टर लेक्स फ्रिडमैन को दिए गए एक साक्षात्कार में कहा कि 2020 में पूर्वी लद्दाख में हुई झड़पों के बाद उनकी हालिया वार्ता के चलते भारत-चीन सीमा पर सामान्य स्थिति बहाल हो गई है। उन्होंने जोर दिया कि उनकी सरकार इस बात को सुनिश्चित करने पर केंद्रित है कि मतभेद विवादों में न बदलें।

पीएम मोदी ने कहा, "हम संवाद को प्राथमिकता देते हैं क्योंकि इससे ही एक स्थिर और सहयोगी संबंध बनाया जा सकता है, जो दोनों देशों के सर्वोत्तम हित में है।"

चीनी प्रवक्ता ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच अक्टूबर में रूस के कज़ान में हुई बैठक ने द्विपक्षीय संबंधों में सुधार और विकास के लिए रणनीतिक दिशा-निर्देश प्रदान किए।


सीमा पर गश्त की बहाली

चार साल के अंतराल के बाद, नवंबर 2023 में भारतीय और चीनी सैनिकों ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर दोबारा गश्त शुरू की। मई-जून 2020 में पैंगोंग झील और गलवान घाटी में झड़पों के कारण यह गश्त रोक दी गई थी।

पीएम मोदी ने स्वीकार किया कि "सीमा विवाद जारी हैं और 2020 की घटनाओं से हमारे संबंधों में तनाव आया। लेकिन राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ हालिया बातचीत के बाद, सीमा पर सामान्य स्थिति बहाल हो गई है।"


द्विपक्षीय संबंधों में सहयोग की अहमियत

चीनी प्रवक्ता ने बताया कि दोनों देशों ने आपसी समझौतों का पालन किया है, संपर्क को मजबूत किया है और सकारात्मक परिणाम हासिल किए हैं। भारत और चीन, दुनिया के दो सबसे बड़े विकासशील देश, एक-दूसरे की प्रगति को समझते हैं और समर्थन करते हैं।

उन्होंने कहा कि यह सहयोग 2.8 अरब से अधिक लोगों के हितों की रक्षा करता है, क्षेत्रीय देशों की आकांक्षाओं को पूरा करता है और विश्व शांति के लिए लाभदायक है।

चीनी विदेश मंत्री वांग यी की हालिया टिप्पणी को दोहराते हुए प्रवक्ता ने कहा कि "ड्रैगन और हाथी का सहयोग ही दोनों देशों के लिए सही रास्ता है।"

उन्होंने यह भी बताया कि चीन भारत के साथ मिलकर दोनों नेताओं के आपसी समझौतों को लागू करने और राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ को मजबूत द्विपक्षीय सहयोग के अवसर में बदलने के लिए तैयार है।


वैश्विक शांति के लिए भारत-चीन सहयोग

पीएम मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि "भारत-चीन सहयोग न केवल आपसी लाभ के लिए आवश्यक है, बल्कि वैश्विक शांति और समृद्धि के लिए भी महत्वपूर्ण है।"


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