धर्मशाला से बीजिंग तक हलचल, दलाई लामा के उत्तराधिकारी पर विवाद

India China Tensions: दलाई लामा के उत्तराधिकारी को लेकर चीन और भारत के बीच राजनयिक तनाव बढ़ता दिखाई दे रहा है. भारत जहां धार्मिक स्वतंत्रता और तिब्बती संस्थाओं के निर्णय को महत्व दे रहा है. वहीं, चीन इस पर कड़ा नियंत्रण रखना चाहता है.;

Update: 2025-07-04 13:38 GMT

दुनिया के सबसे शांतिप्रिय नेता के उत्तराधिकारी को लेकर भारत और चीन के बीच सियासी तूफान उठ खड़ा हुआ है! दलाई लामा का उत्तराधिकारी कौन होगा — ये सवाल अब सिर्फ धार्मिक नहीं, अंतरराष्ट्रीय राजनीति का मुद्दा बन चुका है. भारत कह रहा है कि फैसला दलाई लामा का है. लेकिन चीन अब भारत को खुलेआम धमकी दे रहा है! चीन ने कहा है कि भारत को तिब्बत से जुड़े मामलों में सावधानी से कदम उठाना चाहिए, ताकि दोनों देशों के बीच संबंधों पर इसका बुरा असर न पड़े. चीन की यह प्रतिक्रिया केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू की उस टिप्पणी के बाद आई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि दलाई लामा को अपने उत्तराधिकारी का फैसला स्वतंत्र रूप से करने का अधिकार है.

चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि भारत को दलाई लामा की चीन विरोधी गतिविधियों को समझना चाहिए और तिब्बत (जिसे चीन ‘शिजांग’ कहता है) से जुड़े मामलों में अपनी प्रतिबद्धता निभानी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि भारत को चीन के आंतरिक मामलों में दखल नहीं देना चाहिए, खासकर तिब्बत के मुद्दे पर.

भारत का बयान

केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू, जो खुद बौद्ध धर्म के अनुयायी हैं. उन्होंने गुरुवार को कहा था कि दलाई लामा के उत्तराधिकारी का फैसला केवल वही संस्था करेगी, जिसे दलाई लामा ने तय किया है. इसमें किसी और को दखल देने का हक नहीं है. यह बयान भारत सरकार की ओर से इस मुद्दे पर पहली आधिकारिक प्रतिक्रिया माना जा रहा है.

दलाई लामा की राय

हाल ही में दलाई लामा ने कहा था कि दलाई लामा की संस्था बनी रहेगी. अगला दलाई लामा गादेन फोडरंग ट्रस्ट के ज़रिए तय किया जाएगा. उत्तराधिकारी के चयन में किसी बाहरी ताकत का दखल नहीं होगा.

चीन क्यों नाराज है?

चीन पहले ही दलाई लामा की उत्तराधिकारी प्रक्रिया को मान्यता देने से इनकार कर चुका है. उसका कहना है कि उत्तराधिकारी का चयन चीन के "स्वर्ण कलश" सिस्टम और केंद्र सरकार की मंजूरी से ही होगा. दलाई लामा को भी पहले इन्हीं प्रक्रिया से मंजूरी मिली थी. चीन का यह भी कहना है कि जो भी अगला दलाई लामा होगा, उसे चीन के कानून, परंपराओं और धार्मिक अनुष्ठानों का पालन करना होगा.

किरेन रिजिजू और केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह ने 6 जुलाई को धर्मशाला में दलाई लामा के 90वें जन्मदिन समारोह में हिस्सा लिया. रिजिजू ने साफ किया कि यह सिर्फ धार्मिक कार्यक्रम था, इसका राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है.

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