रूस बोला ‘भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए रूसी तेल अहम’
ट्रम्प के दावे पर रूस की ओर से आई प्रतिक्रिया में भारत और रूस के स्वतंत्र द्विपक्षीय रिश्ते की बात की गयी. हम भारत के साथ तेल और गैस के लिए स्वतंत्र बातचीत जारी रखेंगे.
By : The Federal
Update: 2025-10-16 07:41 GMT
Trump's Claim And Russian Reaction : रूस ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस दावे पर प्रतिक्रिया दी है जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत जल्द ही रूस से सस्ता कच्चा तेल खरीदना बंद कर देगा। ट्रंप ने इस पर नाराज़गी जताते हुए कहा था कि भारत की तेल ख़रीद रूस को यूक्रेन युद्ध में “सहायता” दे रही है।
मॉस्को ने एक संक्षिप्त बयान जारी कर कहा कि “रूसी तेल भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है।” बयान में आगे कहा गया,“हम भारतीय सरकार की नीतियों को समझते हैं। वे भारतीय जनता और राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के हितों को प्रतिबिंबित करती हैं। इन लक्ष्यों का रूस-भारत संबंधों से कोई टकराव नहीं है। हम भारत के साथ तेल और गैस क्षेत्र में सहयोग पर बातचीत जारी रखेंगे।”
रूस ने यह भी स्पष्ट किया कि वह भारत-अमेरिका संबंधों में दखल नहीं देना चाहता, लेकिन साथ ही भारत को मॉस्को के साथ दशकों पुराने रिश्तों की याद भी दिलाई। रूस की तरफ से जारी बयान में ये भी कहा कि हम द्विपक्षीय संबंधों का सम्मान करते हैं. भारत के रूस के साथ स्वतंत्र द्विपक्षीय संबंध हैं।
अमेरिका-रूस के बीच भारत की तेल नीति को लेकर तनातनी
फरवरी 2022 में यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से भारत के रूसी कच्चे तेल की ख़रीद को लेकर अमेरिका और रूस के बीच तनाव लगातार बढ़ा है। पश्चिमी देशों, विशेष रूप से अमेरिका, ने भारत पर दबाव बनाया है कि वह मॉस्को से सस्ता तेल ख़रीदना बंद करे। वह तेल जो राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पश्चिमी प्रतिबंधों से बचने और युद्ध के लिए धन जुटाने के लिए रियायती दरों पर बेच रहे हैं।
डोनाल्ड ट्रंप, जिन्होंने पहले दावा किया था कि वे “एक फोन कॉल से युद्ध ख़त्म कर सकते हैं”, इस मुद्दे पर मुखर रहे हैं। अमेरिकी प्रशासन ने भारतीय निर्यात पर 25 प्रतिशत “दंडात्मक” शुल्क भी लगाया है, यह कहते हुए कि रूस से तेल ख़रीद अमेरिकी हितों के ख़िलाफ़ है।
भारत ने कहा कि राष्ट्रीय हित सर्वोपरि
भारत ने बार-बार स्पष्ट किया है कि वह किसी भी बाहरी दबाव में नहीं आएगा, क्योंकि ऊर्जा सुरक्षा देश की प्राथमिकता है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि रूसी तेल की खरीद तब तक जारी रहेगी जब तक यह आर्थिक रूप से लाभकारी है।
जयशंकर ने यह भी इंगित किया कि पश्चिमी देश खुद भी रूसी गैस ख़रीदना जारी रखे हुए हैं कि जिसे उन्होंने “दोहरा मापदंड” कहा।
ट्रंप का नया दावा और भारत की प्रतिक्रिया
इस सप्ताह ट्रंप ने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें आश्वस्त किया है कि भारत जल्द ही रूस से तेल ख़रीदना बंद कर देगा। “उन्होंने मुझसे कहा है कि रूस से अब तेल नहीं खरीदा जाएगा। यह तुरंत नहीं हो सकता, लेकिन यह प्रक्रिया जल्द पूरी होगी,” ट्रंप ने कहा। भारत ने जवाब में कहा कि उसका ध्यान स्थिर ऊर्जा मूल्य सुनिश्चित करने और दीर्घकालिक आपूर्ति सुरक्षा पर है।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि हमारा लक्ष्य ऊर्जा स्रोतों का विविधीकरण और बाज़ार की स्थिति के अनुसार अनुकूलन है, ताकि भारतीय उपभोक्ता के हित सुरक्षित रहें।
भारत ने यह भी संकेत दिया कि अमेरिका से ऊर्जा खरीद बढ़ाने पर बातचीत जारी है। वर्तमान अमेरिकी प्रशासन (ट्रंप का दूसरा कार्यकाल) भारत के साथ ऊर्जा सहयोग को गहरा करने में रुचि दिखा रहा है। इस पर बातचीत चल रही है।