सऊदी अरब ने 2.7 लाख मुसलमानों को हज के लिए मक्का में आने से क्यों रोका?
हज 2025 से पहले भीड़भाड़ और सुरक्षा जोखिमों को कम करने के लिए सऊदी अरब ने लगभग 2.7 लाख लोगों को मक्का में प्रवेश करने से रोक दिया है।;
सऊदी अधिकारियों ने बताया है कि इस साल हज यात्रा से पहले लगभग 2,70,000 लोगों को मक्का में प्रवेश से रोक दिया गया है। अधिकारियों के अनुसार, यह कदम भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा जोखिमों को टालने की एक व्यापक योजना का हिस्सा है।
3 जून को मक्का के पास मिना में एक शिविर में हाजियों के आगमन की तस्वीरें सामने आईं। रविवार तक 1.4 मिलियन (14 लाख) पंजीकृत हाजी मक्का पहुंच चुके थे और अगले कुछ दिनों में और अधिक के आने की उम्मीद है।
2.7 लाख हाजियों को क्यों रोका गया?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सऊदी अरब सरकार द्वारा यह सख्त कार्रवाई अनधिकृत लोगों के प्रवेश पर कड़ी रोकथाम के तहत की गई है। अधिकारियों का कहना है कि पिछले वर्षों में, बिना पंजीकरण के आने वाले लोगों की वजह से भीड़भाड़ और गर्मी से मौत जैसी घटनाएं हुई थीं।
पिछले साल की गर्मी से संबंधित मौतों के लिए अनधिकृत हाजियों को एक बड़ा कारण माना गया। इसलिए इस साल सुरक्षा और व्यवस्था को मजबूत किया गया है।
अनधिकृत प्रवेश पर भारी जुर्माना
सऊदी सरकार ने चेतावनी दी है कि हज में बिना पंजीकरण के भाग लेने पर $5,000 (लगभग ₹4.2 लाख) तक का जुर्माना, निर्वासन (डिपोर्टेशन), और अन्य दंड दिए जा सकते हैं। ये नियम सऊदी नागरिकों और वहां के निवासियों पर भी लागू होते हैं।
मक्का में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में लेफ्टिनेंट जनरल मोहम्मद अल-ओमारी ने कहा, "हाजी हमारी निगरानी में है, और जो भी नियमों का उल्लंघन करेगा, वह हमारी गिरफ्त में होगा।"
अब तक 23,000 से अधिक स्थानीय निवासियों पर हज नियमों का उल्लंघन करने के लिए दंड लगाया जा चुका है, और 400 हज सेवा कंपनियों के लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं।
ड्रोन से होगी सुरक्षा निगरानी
इस साल हज यात्रा के दौरान ड्रोन का इस्तेमाल भी किया जा रहा है ताकि भीड़ की निगरानी, निगरानी व्यवस्था और आग बुझाने जैसे कार्यों में सहायता मिल सके।
हज का महत्व और सुरक्षा चिंताएँ
हज इस्लाम धर्म का एक प्रमुख स्तंभ है और यह जीवन में एक बार हर उस मुसलमान पर फर्ज है जो इसे शारीरिक और आर्थिक रूप से करने में सक्षम हो।
इतिहास में हज के दौरान कई बार भयानक भगदड़, आगजनी और हादसे हो चुके हैं। हज में हर साल 20 लाख से अधिक श्रद्धालु भाग लेते हैं, जिससे इसे एक विशाल और संवेदनशील आयोजन बना देता है।