थाईलैंड-कंबोडिया में सीजफायर की सहमति, ट्रंप ने खुद लिया क्रेडिट

थाईलैंड और कंबोडिया ने सीमा संघर्ष को लेकर सैद्धांतिक संघर्षविराम पर सहमति जताई है। ट्रंप की मध्यस्थता और संयुक्त राष्ट्र की अपील ने अहम भूमिका निभाई ।;

Update: 2025-07-27 02:46 GMT

थाईलैंड द्वारा शनिवार देर रात घोषित किया गया सैद्धांतिक संघर्षविराम कंबोडिया के साथ लंबे समय से चले आ रहे सीमा विवाद के बीच एक महत्वपूर्ण लेकिन अस्थायी राहत के रूप में देखा जा रहा है। यह घोषणा ऐसे समय आई है जब दोनों देशों के बीच सैन्य तनाव चरम पर पहुंच चुका हैऔर यह टकराव पिछले एक दशक में सबसे भीषण माना जा रहा है। लेकिन जमीनी स्तर पर संघर्ष जारी है। सीमा क्षेत्रों में रॉकेट, तोपखाने और संभावित क्लस्टर बम के उपयोग ने न केवल क्षेत्रीय सुरक्षा को चुनौती दी है, बल्कि नागरिक आबादी के विस्थापन और मानवीय संकट को भी जन्म दिया है।

कंबोडिया के प्रधानमंत्री हुन मानेट ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हस्तक्षेप का स्वागत करते हुए संघर्षविराम पर बातचीत की इच्छा ज़ाहिर की। उन्होंने कहा कि उनके विदेश मंत्री अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो से संपर्क करेंगे ताकि थाई अधिकारियों के साथ समन्वय हो सके। साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि अगर बैंकॉक ने किसी समझौते से पीछे हटने की कोशिश की तो उसके गंभीर परिणाम होंगे।

हजारों लोग विस्थापित

कंबोडियाई सूचना मंत्री नेत फेकत्रा ने बताया कि अब तक तीन सीमावर्ती प्रांतों से करीब 10,865 परिवारों (लगभग 37,635 लोग) को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। वहीं थाई अधिकारियों के अनुसार, 1,31,000 से अधिक लोग सीमा के गांवों से पलायन कर चुके हैं।

थाईलैंड की पुष्टि

थाई विदेश मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर बयान जारी कर कहा थाईलैंड संघर्षविराम पर सैद्धांतिक सहमति देने को तैयार है।

ट्रंप का हस्तक्षेप

संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दोनों देशों के नेताओं से बात कर संघर्ष रोकने की अपील की। उन्होंने इस संघर्ष की तुलना भारत और पाकिस्तान के बीच पुराने तनाव से की और इसे "व्यापारिक सौदेबाज़ी की पृष्ठभूमि में शांति लाने का अवसर" बताया।

'अगर युद्ध चल रहा हो, तो व्यापार नहीं'

ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Truth Social पर लिखा कि उन्होंने कंबोडिया के प्रधानमंत्री से बातचीत की है। अब थाईलैंड के कार्यवाहक प्रधानमंत्री से बात करने जा रहे हैं। हम इन दोनों देशों के साथ व्यापार पर बातचीत कर रहे हैं, लेकिन तब तक कोई डील नहीं करेंगे जब तक वे युद्ध नहीं रोकते।"

'भारत-पाक जैसा संघर्ष, जटिल लेकिन हल संभव'

एक अन्य पोस्ट में ट्रंप ने कहा कि स्थिति को सरल करने की कोशिश कर रहे हैं और यह हालात उन्हें भारत-पाकिस्तान के संघर्ष की याद दिलाते हैं जिसे अमेरिका ने पहले शांत किया था।

'कंबोडिया की ओर से सच्ची मंशा ज़रूरी'

थाई विदेश मंत्रालय ने पुष्टि की कि ट्रंप और कार्यवाहक पीएम फुमथम के बीच फोन पर बातचीत हुई। मंत्रालय ने बयान में कहा कि थाईलैंड चाहता है कि अमेरिका कंबोडिया को संदेश दे कि वह जल्द से जल्द द्विपक्षीय वार्ता शुरू करना चाहता है जिससे संघर्षविराम और दीर्घकालिक समाधान की रूपरेखा तय की जा सके।

संयुक्त राष्ट्र की चिंता

यूएन महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने रविवार को गहरी चिंता जताते हुए तुरंत संघर्षविराम और संवाद की अपील की। उन्होंने X पर लिखा मैं कंबोडिया और थाईलैंड की सीमा पर हुई हालिया झड़पों को लेकर गहराई से चिंतित हूं। दोनों पक्ष तुरंत संघर्षविराम पर सहमत हों और शांति की दिशा में संवाद करें।"

प्राचीन मंदिर विवाद से फैला संघर्ष

इस टकराव की शुरुआत वर्षों पुराने प्राचीन मंदिरों को लेकर विवाद से हुई थी, जो अब सीमा के जंगलों और खेतों में फैल चुका है। दोनों पक्षों ने रॉकेट और तोपों का इस्तेमाल किया है।कंबोडिया द्वारा थाईलैंड पर क्लस्टर बम के उपयोग का आरोप लगाने के बाद थाई सैन्य प्रवक्ता ने स्वीकारा कि आवश्यकता पड़ने पर ऐसे हथियार उपयोग किए जा सकते हैं"।ह्यूमन राइट्स वॉच ने घनी आबादी वाले क्षेत्रों में क्लस्टर बम के इस्तेमाल की कड़ी आलोचना की है।

क्लस्टर म्यूनिशन पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध से बाहर दोनों देश

थाईलैंड और कंबोडिया दोनों क्लस्टर म्यूनिशन कन्वेंशन पर हस्ताक्षरकर्ता नहीं हैं। 2011 में दोनों देशों की सीमा पर हुए संघर्ष में थाई सेना ने ऐसे हथियारों का उपयोग किया था, जिसमें 20 लोगों की मौत हुई थी।थाईलैंड और कंबोडिया के बीच चल रहा यह संघर्ष केवल सीमाओं का नहीं, बल्कि मानव जीवन, वैश्विक कूटनीति और अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानूनों की परीक्षा भी है। अमेरिका की सक्रिय मध्यस्थता और संयुक्त राष्ट्र की चेतावनी के बाद उम्मीद है कि इस भीषण टकराव को कूटनीति से समाप्त किया जा सकेगा।

Tags:    

Similar News