आतंकवाद के खिलाफ कोई समझौता नहीं, G20 समिट में बोले पीएम मोदी
आतंकवाद के मुद्दे पर पीएम मोदी ने कहा कि इस वैश्विक खतरे के खिलाफ लड़ाई में दोहरे मानदंडों को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। शांति और समृद्धि के लिए आवश्यक है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एकजुट और निर्णायक कदम उठाए जाएं।
जी20 समिट के इतर आयोजित आईबीएसए (भारत–ब्राज़ील–दक्षिण अफ्रीका) नेताओं की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैश्विक संस्थाओं में व्यापक सुधार की तत्काल जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि यूएन सुरक्षा परिषद (UNSC) में सुधार अब वैकल्पिक नहीं, बल्कि अनिवार्य है। बैठक की मेजबानी दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति साइरिल रामाफोसा ने की, जबकि ब्राज़ील के राष्ट्रपति लुइज़ इनासियो लूला दा सिल्वा भी उपस्थित रहे।
UNSC सुधार पर कड़ा संदेश
पीएम मोदी ने कहा कि वैश्विक संस्थाएं अब 21वीं सदी की वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित नहीं करतीं। उन्होंने कहा कि हम तीनों में से कोई भी यूएनएससी का स्थायी सदस्य नहीं है। यह दिखाता है कि वैश्विक संस्थाओं में आज की दुनिया की झलक नहीं मिलती। इसलिए आईबीएसए को दुनिया को साफ संदेश देना चाहिए कि संस्थागत सुधार विकल्प नहीं, बल्कि अनिवार्यता है।
आतंकवाद के खिलाफ अपील
आतंकवाद के मुद्दे पर पीएम मोदी ने कहा कि इस वैश्विक खतरे के खिलाफ लड़ाई में दोहरे मानदंडों को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। शांति और समृद्धि के लिए आवश्यक है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एकजुट और निर्णायक कदम उठाए जाएं। इस मुद्दे पर दोहरे मानदंडों की कोई जगह नहीं है। उन्होंने तीनों देशों के बीच एनएसए स्तर की नियमित बैठकें संस्थागत करने का प्रस्ताव भी रखा, ताकि सुरक्षा सहयोग और मजबूत हो सके।
ग्लोबल साउथ का प्रभाव
पीएम मोदी ने कहा कि यह बैठक एक महत्वपूर्ण समय पर हुई है। अफ्रीकी महाद्वीप पर पहला जी20 शिखर सम्मेलन और लगातार चार वर्षों तक ग्लोबल साउथ देशों की जी20 अध्यक्षता। आईबीएसए देशों ने हाल के वर्षों में मानव-केंद्रित विकास, बहुपक्षीय सुधार और सतत विकास पर कई महत्वपूर्ण पहलें आगे बढ़ाई हैं।
IBSA डिजिटल इनोवेशन अलायंस का प्रस्ताव
मानव-केंद्रित विकास में प्रौद्योगिकी की भूमिका रेखांकित करते हुए पीएम मोदी ने ‘आईबीएसए डिजिटल इनोवेशन अलायंस’ बनाने का प्रस्ताव दिया। इसका उद्देश्य यूपीआई जैसी डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर साझा करना, CoWIN जैसे हेल्थ प्लेटफॉर्म, साइबर सुरक्षा ढांचे, महिलाओं द्वारा संचालित टेक पहल करना है। उन्होंने आईबीएसए देशों को अगले वर्ष भारत में होने वाले एआई समिट के लिए भी आमंत्रित किया।
क्लाइमेट-रेजिलिएंट एग्रीकल्चर फंड का सुझाव
पीएम मोदी ने आईबीएसए फंड की सराहना की, जिसने अब तक 40 देशों में शिक्षा, स्वास्थ्य, सौर ऊर्जा और महिला सशक्तिकरण से जुड़े कई प्रोजेक्ट्स को समर्थन दिया है। भारत ने प्रस्ताव रखा कि एक नया ‘आईबीएसए फंड फॉर क्लाइमेट-रेजिलिएंट एग्रीकल्चर’ बनाया जाए, ताकि दक्षिण-दक्षिण सहयोग को और मजबूती दी जा सके।