ट्रंप ने तोड़ी अमेरिकी प्रतिबंधों की दीवार, चीन को ईरानी तेल खरीदने की दी छूट
ट्रंप द्वारा ईरान से तेल खरीद को हरी झंडी देना सिर्फ एक राजनीतिक बयान नहीं, बल्कि एक व्यापक रणनीतिक बदलाव की ओर पहला कदम हो सकता है. इससे तेल बाजार में कीमतों पर सीधा असर पड़ा है.;
Iran-China oil trade: एक चौंकाने वाले कदम में, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन को ईरान से तेल खरीदने की खुली छूट दे दी है. ऐसे समय में जब दुनिया ईरान और इजरायल के बीच संघर्षविराम की खबरों पर निगाहें टिकाए थी, ट्रंप का यह बयान अमेरिकी विदेश नीति और अंतरराष्ट्रीय तेल बाजार दोनों को हैरान करने वाला है.
डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान पर लागू अमेरिकी प्रतिबंधों को कमजोर करते हुए कहा कि चीन अब ईरान से तेल खरीद सकता है. ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'Truth Social' पर लिखा कि चीन अब ईरान से तेल खरीदना जारी रख सकता है. उन्होंने साथ ही कहा कि वह चाहते हैं कि चीन यूएस क्रूड भी खरीदें. इस कदम से तेल बाजार पर असर पड़ा. वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट रेट में 6% की गिरावट देखी गई और प्रति बैरल कीमत लगभग $64 रह गई.
ट्रंप की टिप्पणी ने तेल व्यापारियों और प्रशासन के अधिकारियों को हैरान कर दिया. क्योंकि यह अमेरिका की पुरानी ‘मैक्सिमम प्रेशर’ नीति के विपरीत है. हालांकि, व्हाइट हाउस ने स्पष्ट किया कि प्रतिबंधों में अभी कोई आधिकारिक बदलाव नहीं हुआ है. लेकिन यह संकेत देता है कि ट्रंप ईरान के साथ नए परमाणु सौदे के लिए प्रतिबंधों को एक रणनीतिक चटखारे के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं.
मिडिल ईस्ट विवाद
ट्रंप की यह घोषणा मिडिल ईस्ट संघर्षविराम के तुरंत बाद आई, जिससे तेल के प्रवाह पर प्रतिबंधों का खतरा कम हुआ. तेल बाजार में किसी तरह का अंतरराष्ट्रीय व्यवधान न हो पाए, इसका सीधा असर तेल की कीमतों में गिरावट पर पड़ा.
चीन को फायदा मिलेगा?
चीन, जो ईरान का सबसे बड़ा तेल ग्राहक है, को यह बदलाव सबसे अधिक लाभ पहुंचा सकता है. ट्रंप की अनुमति से चीन के 'टीपॉट' रिफाइनरियों और डार्क-फ्लीट टैंकर नेटवर्क को फायदा मिल सकता है,. क्योंकि अब वो बिना डर के आयात कर सकते हैं.
राजनीतिक और आर्थिक मायने
यह कदम ट्रंप की रणनीति में बदलाव को दर्शाता है, जिसमें युद्ध विराम और व्यापार नीति को एक साथ जोड़ा गया है. इससे यूएस-चीन तेल व्यापार, सऊदी-अमेरिका संबंध और ईरान अमेरिकी दांव में नई समायोजन रचे जा सकते हैं.