खुमैनी के बाद कौन बनेगा ईरान का सुप्रीम लीडर? सामने आ रहा यह नाम

ईरान में सबसे बड़ा पद सुप्रीम लीडर का होता है. उसके पास असीमित शक्तियां होती हैं और पुलिस और सेना पर भी उसका ही नियंत्रण होता है.

Update: 2024-06-03 13:11 GMT

Iran Supreme Leader: ईरान में सबसे बड़ा पद प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति का नहीं, बल्कि सुप्रीम लीडर का होता है. सुप्रीम लीडर के पास असीमित शक्तियां होती हैं और पुलिस और सेना पर भी उसका ही नियंत्रण होता है. फिलहाल ईरान में सुप्रीम लीडर के तौर पर अयातुल्ला अली खुमैनी नियुक्त हैं. हालांकि, 85 साल के हो चुके खुमैनी की बढ़ती उम्र और सेहत को लेकर ईरान की सीनियर लीडर चिंता में हैं. ऐसे में उनको उत्तराधिकारी को लेकर दुनिया भर में चर्चा हो रही है.

ईरान अपनी नीतियों की वजह से खासकर पश्चिमी देशों के हमेशा निशाने पर रहा है. अमेरिका द्वारा प्रतिबंध लगाए जाने के बावजूद भी इसे देश ने घुटने नहीं टेके. हाल ही में इजरायल के साथ तनातनी को लेकर भी ईरान दुनिया भर में सुर्खियों में छाया हुआ है. हालांकि, भारत के साथ ईरान के राजनैतिक संबंध काफी अच्छे हैं और दोनों देश एक-दूसरे के दोस्त माने जाते रहे हैं.

मोजतबा

ईरान में सभी बड़े फैसलों में सुप्रीम लीडर की भूमिका अहम होती है और वह देश का सर्वोच्च नेता होता है. ऐसे में खुमैनी के बाद बागडोर किसी गलत नेता के हाथों में चली गई तो दुनिया भर अशांति फैल सकती है, खासतौर पर मिडिल-ईस्ट देशों में. इन दिनों खुमैनी की बढ़ती उम्र और सेहत सबके लिए चिंता का विषय बनी हुई है. हालांकि, उनकी मेडिकल टी्म ने खुमैनी को दुरुस्त बताया है. स्टिमसन की रिपोर्ट की मानें तो लोगों को इस बात पर ज्यादा भरोसा है कि खुमैनी के दूसरे बेटे मोजतबा उत्तराधिकारी हो सकते हैं. लेकिन सभी लोगों की इसमें एक राय नहीं है. क्योंकि, अली खुमैनी खुद भी वंशवाद को इस्लामी सिद्धांतों के विपरीत बता चुके हैं.

अराफी

राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी का नाम भी सुप्रीम लीडर बनने की दौड़ में चल था. खुमैनी के दूसरे बेटे के बाद रईसी के नाम पर सबसे अधिक चर्चा हो रही थी. खुमैनी को रईसी पर काफी भरोसा था और साल 1988 से 2019 के बीच रईसी को कई अहम पदों पर नियुक्त भी कर चुके थे. लेकिन हाल ही में रईसी की हेलीकॉप्टर क्रैश में मौत हो गई. ऐसे में अब 67 साल के अलीरेजा अराफी का नाम भी उभर कर सामने आ रहा है. जिनको खुमैनी का उत्तराधिकारी माना जा रहा है. ईरान की सत्ता अली खुमैनी ने उनको वर्ल्ड सेंटर फॉर इस्लामिक साइंसेज का प्रमुख बनाया है. इसके अलावा अराफी इस्लामिक विद्वानों और विशेषज्ञों के संगठन कोम सेमिनरी की सर्वोच्च परिषद के 7 सदस्यों में भी नियुक्त हैं.

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