
Thala, किस लिए? Dhoni, Deepika और BluSmart की चढ़ती कहानी के पीछे के बड़े निवेशक
Gensol के जग्गी ब्रदर्स इतने समझदार थे कि उन्होंने एम.एस. धोनी और दीपिका पादुकोण के फैमिली ऑफिस से निवेश दिलवाया।
BluSmart की सफलता के पीछे कौन? BluSmart एक इलेक्ट्रिक व्हीकल कंपनी है, जिसमें मशहूर क्रिकेटर एम.एस. धोनी और एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण के फैमिली ऑफिस ने निवेश किया है. ये निवेश Gensol कंपनी के जरिए हुआ, जिसके प्रमोटर हैं जग्गी ब्रदर्स.
शेयर बाजार में शानदार शुरुआत
31 दिसंबर तक Gensol Engineering के 37.4% शेयर पब्लिक इन्वेस्टर्स के पास थे. उस समय तक कंपनी का शेयर 68% का रिटर्न दे चुका था और मुख्य शेयर बाजार में शामिल हो चुका था. हालांकि, कंपनी की तीसरी तिमाही की कमाई ज्यादा नहीं थी.
सब कुछ अचानक कैसे गिरा?
मार्च 2025 में Gensol की क्रेडिट रेटिंग घटाकर डिफॉल्ट कर दी गई, जिससे निवेशकों में घबराहट फैल गई और शेयर की बिकवाली शुरू हो गई. सिर्फ 30 दिनों में कंपनी की मार्केट वैल्यू का 80% हिस्सा खत्म हो गया.
SEBI की जांच और विवाद
SEBI ने कंपनी के प्रमोटरों पर कार्रवाई की और जांच का दायरा बढ़ा दिया. इससे आम निवेशक ये सोचने लगे कि उन्हें धोखे में रखकर निवेश कराया गया. लेकिन धोनी और दीपिका ने क्यों किया निवेश? आपको बता दें, Gensol के प्रमोटर इतने समझदार थे कि उन्होंने एम.एस. धोनी और दीपिका पादुकोण के फैमिली ऑफिस जैसे बड़े निवेशकों से पैसा जुटा लिया है.
BluSmart की असल कहानी
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार Gensol और BluSmart का गहरा रिश्ता है. SEBI का आदेश आने के बाद BluSmart की सेवाएं दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु में बंद हो गईं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार BluSmart का करीब एक-तिहाई हिस्सा जग्गी ब्रदर्स के पास है. BP Ventures के पास 14.3% हिस्सेदारी है. साल 2019 में दीपिका पादुकोण के फैमिली ऑफिस और संजीव बजाज (Bajaj Finserv) ने भी इसमें निवेश किया था. जुलाई 2024 में BluSmart ने Rs 200 करोड और जुटाए, जिसमें ResponsAbility एम.एस. धोनी का फैमिली ऑफिस और ReNew के चेयरमैन सुमंत सिन्हा जैसे नाम शामिल थे.
ब्लूस्मार्ट एश्योर स्कीम 20% रिटर्न का दावा
BluSmart ने केवल इक्विटी निवेश ही नहीं, बल्कि आम लोगों को अपनी EV इलेक्ट्रिक व्हीकल देकर पैसा कमाने का मौका भी दिया. कंपनी की BluSmart Assure योजना के अनुसार, EV देने पर 20% से ज्यादा रिटर्न मिलने का दावा किया गया. कंपनी ने ये भी कहा कि उसे IREDA और PFC जैसे सरकारी वित्त संस्थानों से फंडिंग मिली है. हालांकि SEBI की रिपोर्ट बताती है कि Gensol ने IREDA और PFC से Rs 978 करोड़ का लोन लिया था, जिसमें से Rs 664 करोड़ का इस्तेमाल 6,400 EV खरीदने में होना था. लेकिन केवल 4,704 गाड़ियों का ही रिकॉर्ड मिला.
BluSmart और Gensol का संबंध
BluSmart कभी भी Gensol की सब्सिडियरी नहीं रही, फिर भी Gensol की सालाना रिपोर्ट में BluSmart की सब्सिडियरी कंपनियों के साथ Rs 148 करोड़ से ज़्यादा के कॉन्ट्रैक्ट दिखाए गए हैं. इससे पता चलता है कि दोनों कंपनियों के बीच कितने गहरे व्यापारिक रिश्ते थे.