
डिजिटल और कनेक्टेड फीचर्स: नई पीढ़ी के कार खरीदारों की पहली पसंद
cars with digital features: डिजिटल और कनेक्टेड फीचर्स अब कार खरीदने के फैसले में सबसे बड़ा फैक्टर बन चुके हैं। नई पीढ़ी के खरीदार न सिर्फ अपने गाड़ी में सुरक्षा और स्मार्ट टेक्नोलॉजी चाहते हैं, बल्कि इसे सोशल स्टेटस और लाइफस्टाइल का हिस्सा भी मानते हैं।
Connected cars: युवा और खासकर Gen Z खरीदार अब कार में डिजिटल और कनेक्टेड फीचर्स को सिर्फ सुविधा नहीं, बल्कि सोशल स्टेटस और डिजिटल पहचान का हिस्सा मानते हैं। यही वजह है कि प्रीमियम SUV से लेकर हैचबैक तक, हर कार में ये फीचर्स तेजी से दिखाई देने लगे हैं।
कनेक्टेड कारों की बढ़ती बिक्री
कनेक्टेड कारों में एम्बेडेड चिप्स होते हैं, जो इंटरनेट एक्सेस की सुविधा देते हैं। इसके जरिए ड्राइवर गाड़ी के सेंसर से जुटाई गई जानकारी को भेज, स्टोर और प्राप्त कर सकते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो जनवरी से अक्टूबर 2025 तक नई बिकने वाली कारों में से 27.4% कनेक्टेड कारें हैं। यह आंकड़ा 5 साल पहले के 14.47% से लगभग दोगुना है।
सुरक्षा और स्मार्ट फीचर्स
जियोफेंसिंग: गाड़ी को निर्धारित क्षेत्र से बाहर ले जाने पर मालिक को अलर्ट देता है।
चोरी और टोअवे अलर्ट
कार का रिमोट इम्मोबिलाइजेशन
अचानक ब्रेकिंग और गाड़ी की स्पीड पर निगरानी
कुछ कारों में ड्राइवर की रेटिना मूवमेंट स्कैन करने की तकनीक, ताकि ध्यान भटकने से होने वाले हादसों से बचाव किया जा सके।
इस मजबूत मांग के कारण कार निर्माता अब इन फीचर्स को केवल प्रीमियम SUVs तक सीमित नहीं रख रहे। कनेक्टेड और डिजिटल सुविधाएं अब कंपैक्ट मॉडल्स जैसे Hyundai Venue और हैचबैक जैसे Tata Altroz और MG Comet में भी उपलब्ध हैं।
युवा और Gen Z खरीदार बढ़ा रहे मांग
विशेषज्ञों का मानना है कि जनसांख्यिकी, तकनीकी और मनोवैज्ञानिक कारण कनेक्टेड कारों की बढ़ती मांग को बढ़ावा दे रहे हैं। उन्होंने कहना है कि युवा और Gen Z खरीदार डिजिटल नेटिव हैं। वे निर्बाध कनेक्टिविटी की उम्मीद करते हैं और सुविधा उनके जीवनशैली का हिस्सा है। तकनीक ने कार में सॉफ़्टवेयर फीचर्स को शामिल करना संभव बनाया है। जबकि पूरी तरह सॉफ़्टवेयर संचालित कार आने में अभी कुछ साल बाकी हैं, डिजिटल और कनेक्टेड फीचर्स अब स्टेटस और सोशल फ्रेंडली बनते जा रहे हैं।

