कंपनियों के दावे के मुताबिक ईवी देती है माइलेज? आइए जानते हैं
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कंपनियों के दावे के मुताबिक ईवी देती है माइलेज? आइए जानते हैं

कुछ रिपोर्ट कंपनियों के ईवी के माइलेज को लेकर किए जा रहे दावों पर संशय पैदा कर रहे हैं. इसके मुताबिक, कंपनियां माइलेज को लेकर जितना दावा करती हैं, चलाने पर उससे कम मिलता है.


Ev mileage: बढ़ती ईंधन की कीमतों ेको देखते हुए लोग इलेक्ट्रिक व्हीकल (ईवी) की तरफ बढ़ रहे हैं. क्योंकि एक बार मोबाइल की तरह चार्ज करने के बाद ईवी सड़कों पर सरपट दौड़ती है. जैसे-जैसे ईवी को चार्ज करने वाले स्टेशनों की तादाद बढ़ रही है. वैसे-वैसे ईवी की बिक्री में भी बढ़ोतरी देखी जा रही है. हालांकि, कुछ रिपोर्ट कंपनियों के ईवी के माइलेज को लेकर किए जा रहे दावों पर संशय पैदा कर रहे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनियां माइलेज को लेकर जितना दावा करती हैं, चलाने पर उससे कम मिलता है.

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो कंपनियां माइलेज तय करने के लिए ईवी को 25 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर बिना एसी के 50 किमी. प्रतिघंटा की रफ्तार पर चलाती है. लेकिन अगर कोई चालक इससे ज्यादा तापमान पर 50 किमी/घंटा की रफ्तार से ज्यादा की स्पीड पर एसी के साथ ईवी चलाएगा तो कंपनी दावे के मुताबिक माइलेज नहीं मिलेगी. वहीं, सड़कों की स्थिति और ट्रैफिक की समस्या पर भी माइलेज पर असर पड़ सकता है.

ईवी निर्माता कंपनियां यह जानकारी विज्ञापन इत्यादि में नहीं देती है, लेकिन दावे के माइलेज के आगे स्टार लगा देती है, क्योंकि कोई उनको इस मामले में चैलेंज न कर सके. उदाहरण के तौर पर जब कोई ईवी कंपनी यह दावा करती है कि उसकी कार एक बार चार्ज होने के बाद 350 किलोमीटर का माइलेज देती है. लेकिन जब कोई चार्ज करने के बाद कार को 350 किमी के सफर पर निकलता है तो उसका कार बीच रास्ते में बैटरी खत्म होने के चलते रुक सकती है.

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