तीन साल बाद फिर से भारत लौट रही अमेरिकन कंपनी फोर्ड मोटर, लेकिन भारतीयों को...
फोर्ड मोटर तमिलनाडु में एक्सपोर्ट के लिए एक मैन्युफैक्चरिंग प्लांट को फिर से शुरू करने की योजना बना रही है.
Ford Motor Restart Manufacturing: फोर्ड मोटर (Ford Motor) ने शुक्रवार को कहा की कि वह तमिलनाडु में एक्सपोर्ट के लिए एक मैन्युफैक्चरिंग प्लांट को फिर से शुरू करने की योजना बना रही है. यह निर्णय फोर्ड लीडरशिप और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बीच हाल ही में हुई बैठक के बाद लिया गया है. कंपनी की इस घोषणा से पता चलता है कि यह अमेरिकन ऑटोमोबाइल कंपनी भारत में दोबारा से वापसी के लिए प्लान तैयार कर रही है.
बता दें कि फोर्ड तीन साल पहले भारत से बाहर निकल गई थी. लेकिन अब अपने एक्सपोर्ट मांग को पूरा करने के लिए वाहनों के मैन्युफैक्चरिंग को फिर से शुरू करने के संबंध में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री से चर्चा के बाद राज्य सरकार को एक आशय पत्र प्रस्तुत किया है. यानी कि ये मैन्युफैक्चरिंग केवल ग्लोबल एक्सपोर्ट के लिए की जाएगी. फिलहाल भारतीय बाजार में कंपनी की दोबारा से बिक्री शुरू करने की कोई योजना नहीं है.
बता दें कि वाहनों की बिक्री में चुनौतियों के कारण फोर्ड ने साल 2021 में भारत में घरेलू कार उत्पादन बंद कर दिया और बाद में 2022 में निर्यात रोक दिया, जिससे दुनिया की तीसरे सबसे बड़ी ऑटोमोटिव कंपनी भारतीय बाजार से बाहर हो गई.
फोर्ड इंटरनेशनल मार्केट्स ग्रुप के अध्यक्ष के हार्ट ने कहा कि हम तमिलनाडु सरकार के सपोर्ट के लिए आभारी हैं, क्योंकि हमने चेन्नई प्लांट के लिए विभिन्न विकल्पों की खोज की है. इस कदम का उद्देश्य भारत के प्रति हमारी निरंतर प्रतिबद्धता को रेखांकित करना है. क्योंकि हम तमिलनाडु में उपलब्ध मैन्युफैक्चरिंग विशेषज्ञता का लाभ उठाकर नए वैश्विक बाजारों की सेवा करना चाहते हैं.
वर्तमान में, फोर्ड के पास तमिलनाडु स्थित वैश्विक व्यापार संचालन में 12,000 कर्मचारी हैं और अनुमान है कि अगले तीन वर्षों में 2,500 से 3,000 नौकरियों की वृद्धि होगी. साणंद में इंजन मैन्युफैक्चरिंग सुविधाओं के साथ, भारत वैश्विक स्तर पर फोर्ड का दूसरा सबसे बड़ा वेतनभोगी कर्मचारी आधार है.
फोर्ड का कहना है कि मैन्युफैक्चरिंग के प्रकार और अन्य विवरणों के बारे में आगे की जानकारी समय आने पर बताई जाएगी. सितंबर 2021 में, फोर्ड मोटर कंपनी ने बाजार में उपस्थिति स्थापित करने के लगभग तीस वर्षों के प्रयासों के बाद, भारत में अपनी दो सुविधाओं में वाहन उत्पादन बंद करने का निर्णय लिया था. कंपनी इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) एक्सपोर्ट के लिए अपने भारतीय प्लांट का उपयोग करने की संभावना भी तलाश रही है.