टशन का दिखावा या हादसों को दावत! जानें कितना जरूरी है गाड़ियों में सनरूफ
x

'टशन' का दिखावा या हादसों को दावत! जानें कितना जरूरी है गाड़ियों में 'सनरूफ'

कभी भारतीय कारों में लग्जरी की निशानी मानी जाने वाली सनरूफ अब भारत में हर कीमत रेंज की कारों में एक आम फीचर बन गई है.


cars sunroofs feature: भारत दुनिया के सबसे बड़े ऑटो बाजारों में से एक हैं. यही वजह है कि हर ऑटोमोबाइल कंपनियां देश में निवेश करना चाहती हैं. क्योंकि यहां लग्जरी सेगमेंट से लेकर निचले स्तर तक के गाड़ियों के खरीदार मिल जाते हैं. वाहन निर्माता कंपनी अपनी गाड़ियों को बेचने के लिए कई तरह के फीचर देती हैं. इनमें से एक फीचर सनरूफ का भी है. आजकल 10 लाख से ऊपर की अधिकतर गाड़ियों में सनरूफ का फीचर मिल जाता है. हालांकि, कुछ कंपनियों तो इससे भी कम दामों पर यह सुविधा उपलब्ध कराने लगी है. इसकी वजह लोगों की तरफ से सनरूफ की भारी डिमांड है. हालांकि, यह फीचर भारतीय सड़कों, मौसम के लिहाज से कितना प्रैक्टिकल है. आइए जानने की कोशिश करते हैं.

कभी भारतीय कारों में लग्जरी की निशानी मानी जाने वाली सनरूफ अब भारत में हर कीमत रेंज की कारों में एक आम फीचर बन गई है. आज आप इसे हाई-एंड एसयूवी से लेकर बजट-फ्रेंडली सबकॉम्पैक्ट सेडान के साथ-साथ हैचबैक तक हर चीज में पा सकते हैं. यह सच है कि इन दिनों कारों में एक लोकप्रिय और सबसे अधिक मांग वाला फीचर है. लेकिन इसको लेकर एक बात अक्सर लोगों के जेहन में आती है कि क्या यह फीचर वास्तव में उपयोगी है?

इन दिनों भारत में बिकने वाली 25 प्रतिशत से अधिक नई कारें सनरूफ के साथ आती हैं. एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, जिन मॉडलों में यह सुविधा मिलती है, उनमें सनरूफ बिक्री को 55 प्रतिशत तक बढ़ा सकती है. भारत में कुछ निर्माताओं के लिए उनकी 60 प्रतिशत से अधिक बिक्री मिड या हाई-एंड ट्रिम्स से होती है, जहां सनरूफ की सुविधा दी जाती है.

हालांकि, भारत का मौसम काफी बदलाव भरा होता है. यहां कड़ाके की सर्दी पड़ती है तो कई भयंकर गर्मी. कहीं बर्फ की चादर बिछी रहती है तो कहीं बारिश की वजह से सड़कों पर लबालब पानी भरा रहता है. ऐसे में भारत में हमेशा सनरूफ प्रैक्टिकल नहीं माना जाता है. सनरूफ में पानी की लीकेज जैसी समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है. इसके साथ ही सनरूफ द्वारा लिया गया अतिरिक्त वजन और जगह हर किसी के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता है. साथ ही, सनरूफ अक्सर अधिक कीमत के साथ आता है, जो आमतौर पर टॉप-एंड मॉडल में ही मिलता है.

सुरक्षा

कुछ लोगों को अपने बच्चों या यहां तक ​​कि खुद को सनरूफ से अपना सिर बाहर निकालने देते हैं, जो न केवल खतरनाक है, बल्कि अवैध भी है. यह स्पष्ट है कि सनरूफ का आकर्षण वास्तव में प्रैक्टिकल होने की तुलना में अच्छा दिखने के बारे में अधिक है. ऐसे देश में जहां प्रैक्टिकैलिटी अक्सर सबसे ज्यादा मायने रखती है, सनरूफ एक ट्रेंडी फीचर बना हुआ है, जिसे कई लोग चाहते हैं. लेकिन जरूरी नहीं कि इसकी जरूरत हो.

Read More
Next Story