नई जीएसटी दरें ऑटो उद्योग के लिए क्यों हैं फायदेमंद?
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नई जीएसटी दरें ऑटो उद्योग के लिए क्यों हैं फायदेमंद?

22 सितंबर से प्रभावी इस निर्णय के तहत 350 सीसी तक के छोटे वाहनों और मोटरसाइकिलों पर कर 28 प्रतिशत से घटकर 18 प्रतिशत रह जाएगा, जिससे उपभोक्ताओं को लाभ होगा।


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GST : वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद ने बुधवार (3 सितंबर) को कर व्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन की घोषणा की। परिषद ने मौजूदा चार स्लैब घटाकर सिर्फ दो प्रमुख स्लैब – 5 और 18 प्रतिशत – करने को मंज़ूरी दी है। यह बदलाव 22 सितंबर से, यानी नवरात्रि के पहले दिन से लागू होंगे। इसके अलावा महंगी कारों और बाइकों पर 40 प्रतिशत का विशेष कर लगाया जाएगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यह फैसला विशेषकर त्योहारी सीज़न और दिवाली से पहले वाहन उद्योग को नई ऊर्जा देगा।

दरों में क्या बदलाव हुए?

साधारण वाहन:

1,200 सीसी तक इंजन और 4,000 मिमी लंबाई से अधिक वाले पेट्रोल, एलपीजी और सीएनजी वाहन तथा 1,500 सीसी इंजन और 4,000 मिमी लंबाई तक के डीजल वाहन अब **28% की जगह 18% जीएसटी स्लैब** में आएंगे।

दोपहिया वाहन:

350 सीसी तक की मोटरसाइकिलों पर जीएसटी घटाकर 18% कर दिया गया है। अभी तक इन पर 28% टैक्स लगता था।

महंगी गाड़ियाँ और बाइक्स:

1,200 सीसी से अधिक इंजन और 4,000 मिमी से अधिक लंबाई वाली कारें, रेसिंग कारें और 350 सीसी से ऊपर इंजन वाली मोटरसाइकिलें अब 40% कर स्लैब में आ जाएँगी।

इलेक्ट्रिक वाहन (EV):

सभी ईवी पर जीएसटी की दर सिर्फ 5% रखी गई है। इससे ईवी सेक्टर को भारी बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।

ऑटो कंपोनेंट्स:

सभी कंपोनेंट्स पर टैक्स दर घटाकर 28% से 18% कर दी गई है, जिससे उद्योग में अनुपालन आसान होगा और लागत भी कम होगी।

शेयर बाजार में जबरदस्त उछाल

जीएसटी सुधारों की घोषणा के बाद गुरुवार (4 सितंबर) को ऑटो सेक्टर के शेयरों में बड़ी तेजी आई।

बीएसई ऑटो इंडेक्स 1.70% बढ़कर 58,712.10 पर पहुँच गया।

निफ्टी 50 पर ऑटोमोबाइल शेयर सबसे अधिक चढ़े और 0.7% की बढ़त के साथ कारोबार कर रहे थे।

महिंद्रा एंड महिंद्रा के शेयर 8% और आयशर मोटर्स के शेयर 5.39% चढ़े।

मारुति सुजुकी में 0.6%, हुंडई मोटर इंडिया में 1%, हीरो मोटोकॉर्प में 1.3%, टीवीएस मोटर में 1.7% की वृद्धि हुई।

बीएसई पर टीवीएस मोटर 4.2% और हीरो मोटोकॉर्प 3.56% उछले।

एमआरएफ के शेयर 3.39%, बजाज ऑटो 2.5%, अपोलो टायर्स 2.49% और टाटा मोटर्स 2% बढ़े।

कुल मिलाकर 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 888.96 अंक चढ़कर 81,456.67 और निफ्टी 265.7 अंक उछलकर 24,980.75 पर पहुँचा।

उद्योग जगत की प्रतिक्रिया

मर्सिडीज़-बेंज इंडिया के एमडी और सीईओ संतोष अय्यर ने कहा,

“सरकार ने लंबे समय से चली आ रही ऑटोमोटिव उद्योग की मांग सुनी है। यह बदलाव खपत बढ़ाएगा और उद्योग को गति देगा। बीईवी पर कम दर बनाए रखने से कार्बन-फ्री भविष्य और तेल आयात में कमी को बल मिलेगा।”

मारुति सुजुकी इंडिया के एमडी हिसाशी ताकेउची ने कहा कि,

“इन सुधारों से भारत का ऑटोमोबाइल क्षेत्र 2025 की दूसरी छमाही में मजबूत रिकवरी देख सकता है।”

आनंद महिंद्रा, चेयरमैन महिंद्रा ग्रुप ने एक्स पर पोस्ट कर कहा,

“अधिक और तेज़ सुधार ही उपभोग और निवेश को बढ़ावा देने का सबसे सुरक्षित तरीका हैं। यह अर्थव्यवस्था का विस्तार करेंगे और दुनिया में भारत की आवाज़ बुलंद करेंगे।”

महिंद्रा ग्रुप के सीईओ डॉ. अनीश शाह ने कहा कि यह सुधार “एक सरल, निष्पक्ष और अधिक समावेशी कर व्यवस्था की ओर निर्णायक कदम हैं।”

एसएंडपी ग्लोबल मोबिलिटी के गौरव वंगाल ने कहा कि छोटी कारों पर दरें घटाने से प्रवेश-स्तर वाहन वर्ग को नई जान मिलेगी और नवाचार को बढ़ावा मिलेगा।

सियाम (SIAM) के अध्यक्ष शैलेश चंद्रा ने कहा कि,

“त्योहारी सीज़न से ठीक पहले लिया गया यह फैसला उपभोक्ताओं को प्रोत्साहित करेगा। पहली बार गाड़ी खरीदने वालों और मिडिल क्लास को इसका सबसे ज़्यादा फायदा मिलेगा।”

एसीएमए (ACMA) के महानिदेशक विन्नी मेहता ने कहा,

“ऑटो कंपोनेंट्स पर एक समान 18% जीएसटी दर उद्योग की लंबे समय से चली आ रही मांग थी। सरकार ने उसे पूरा किया है।”

बिक्री में गिरावट

सियाम की रिपोर्ट के मुताबिक चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में यात्री वाहन बिक्री 1.4% घटकर 10,11,882 यूनिट पर आ गई। दोपहिया बिक्री 6.2% घटकर 46,74,562 रही, जबकि वाणिज्यिक वाहन बिक्री 0.6% गिरकर 2,23,215 यूनिट रह गई।

कुल मिलाकर, जीएसटी 2.0 को ऑटोमोटिव सेक्टर के लिए “गेमचेंजर” माना जा रहा है। छोटे वाहनों और ईवी को राहत मिली है, जबकि लग्ज़री कार और बाइकों पर टैक्स का बोझ बढ़ गया है। उद्योग जगत का कहना है कि यह कदम आने वाले महीनों में उपभोग और निवेश दोनों को बढ़ावा देगा।

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