
बिहार चुनाव 2025: AIMIM का बड़ा ऐलान, 100 सीटों पर उतारेगी उम्मीदवार
AIMIM की बढ़ती सक्रियता से साफ है कि बिहार चुनाव 2025 में मुकाबला तीर और तलवार से आगे बढ़कर तीन-तरफा हो सकता है. पार्टी के आक्रामक तेवर और तीसरे विकल्प की बात ने NDA और महागठबंधन दोनों को सतर्क कर दिया है.
Bihar Election News Hindi: बिहार विधानसभा चुनाव की हलचल के बीच असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM (ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन) ने अपनी पहली उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है. पार्टी ने साफ कर दिया है कि इस बार वह करीब 100 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जो कि 2020 के चुनाव की तुलना में पांच गुना ज़्यादा है. AIMIM का दावा है कि वह राज्य में भाजपा-एनडीए और महागठबंधन (कांग्रेस-राजद) के अलावा एक तीसरा विकल्प देना चाहती है.
चुनाव की तारीखें
मतदान दो चरणों में होगा: 6 और 11 नवंबर
मतगणना होगी: 14 नवंबर
किन-किन सीटों पर उतारेगी AIMIM उम्मीदवार?
पहली सूची में घोषित प्रमुख विधानसभा क्षेत्र
किशनगंज जिला: बहादुरगंज, ठाकुरगंज, कोचाधामन, किशनगंज
पूर्णिया जिला: अमौर, बायसी, क़स्बा
कटिहार जिला: बलरामपुर, प्राणपुर, मनिहारी, बरारी, कदवा
अररिया जिला: जोकीहाट, अररिया
अन्य जिलों की प्रमुख सीटें
गया: शेरघाटी, बेला
मोतिहारी: ढाका, नरकटिया
नवादा: नवादा
जमुई: सिकंदरा
भागलपुर: भागलपुर, नाथनगर
सिवान: सिवान
दरभंगा: जाले, केवटी, दरभंगा ग्रामीण, गौरा बौराम
समस्तीपुर: कल्याणपुर
सीतामढ़ी: बाजपट्टी
मधुबनी: बिस्फी
वैशाली: महुआ
गोपालगंज: गोपालगंज
AIMIM का कहना है कि NDA और महागठबंधन को हमारी मौजूदगी महसूस होगी. AIMIM बिहार प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने कहा कि हमारी योजना है कि हम 100 सीटों पर चुनाव लड़ें. NDA और महागठबंधन दोनों को हमारी मौजूदगी का एहसास होगा. 2020 में हमें सेक्युलर वोट काटने का दोषी ठहराया गया, अब ऐसा नहीं चलेगा. उन्होंने दावा किया कि उन्होंने लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव को गठबंधन का प्रस्ताव भेजा था, लेकिन उन्हें कोई जवाब नहीं मिला.
तीसरे मोर्चे की तैयारी
अख्तरुल ईमान ने बताया कि AIMIM अब बिहार में समान विचारधारा वाली पार्टियों के साथ मिलकर तीसरा मोर्चा तैयार करने पर विचार कर रही है. साल 2020 में AIMIM ने BSP और RLSP के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था और 5 सीटें जीती थीं, जो मुख्य रूप से सीमांचल क्षेत्र में थीं. 2022 में AIMIM के 4 विधायक RJD में शामिल हो गए. अब बिहार में पार्टी के पास सिर्फ एक विधायक (अख्तरुल ईमान) ही बचे हैं.
AIMIM का फोकस: सीमांचल और मुस्लिम बहुल इलाके
राजनीतिक जानकारों के अनुसार, AIMIM का मुख्य आधार मुस्लिम बहुल सीमांचल क्षेत्र है, जहां मुस्लिम आबादी 17% से अधिक है. AIMIM का तर्क है कि मुस्लिम समुदाय की संख्या के मुकाबले उन्हें विधानसभा में प्रतिनिधित्व कम मिला है.