
बिहार चुनाव 2025: काराकाट विधानसभा सीट का चुनावी समीकरण
Karakat Seat: राजनीतिक माहौल गर्म है. गठबंधन, प्रत्याशी और मुद्दों पर निर्भर करेगा कि किसकी होगी जीत. पर इतना तय है कि काराकाट सीट पर मुकाबला बेहद दिलचस्प होगा.
Bihar Election 2025: बिहार में जल्द ही विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. चुनाव की तारीखों का ऐलान अभी नहीं हुआ है. लेकिन राजनीतिक हलचल तेज हो गई है. खासकर सीट बंटवारे को लेकर दोनों बड़े गठबंधनों के बीच खींचतान जारी है. इसी सियासी माहौल में में आज हम बात कर रहे हैं काराकाट विधानसभा सीट की.
काराकाट सीट
यह सीट रोहतास ज़िले में आती है. रोहतास ज़िला बिहार के 38 जिलों में से एक है. ज़िले में कुल 7 विधानसभा सीटें हैं: चेनारी (SC), सासाराम, करगहर, दिनारा, नोखा, डेहरी और काराकाट. काराकाट विधानसभा सीट पर पहला चुनाव 1967 में हुआ था.
अब तक का चुनावी इतिहास
1967
जीते: तुलसी सिंह (संसोपा)
हारे: एम. पांडे (कांग्रेस)
अंतर: 8,923 वोट
1969
तुलसी सिंह (संसोपा) ने दोबारा जीत दर्ज की.
अंतर: 5,200 वोट (त्रिभुवन सिंह को हराया)
1972
जीतीं: मनोरमा पांडे (कांग्रेस)
हारे: तुलसी सिंह (संसोपा)
अंतर: 4,786 वोट
1977
जीते: त्रिभुवन सिंह (जनता पार्टी)
हारे: तुलसी सिंह (निर्दलीय)
अंतर: 15,738 वोट
1980
जीते: तुलसी सिंह (जनता पार्टी)
हारे: राम जी प्रसाद (भाकपा)
अंतर: 14,905 वोट
1985
जीतीं: शशि रानी मिश्रा (कांग्रेस)
हारे: तुलसी सिंह (लोकदल)
अंतर: 13,609 वोट
1990
जीते: तुलसी सिंह (जनता दल)
हारे: मणि सिंह (भारतीय जन मोर्चा)
अंतर: 5,488 वोट
1995
तुलसी सिंह (जनता दल) ने फिर जीत दर्ज की.
हारे: बच्चन सिंह (भाकपा माले)
अंतर: 6,897 वोट
2000 के बाद का दौर – भाकपा (माले) का उदय
2000
जीते: अरुण सिंह (भाकपा माले)
हारे: तुलसी सिंह (राजद)
अंतर: 8,788 वोट
फरवरी 2005
अरुण सिंह ने फिर जीत दर्ज की.
हारे: तुलसी सिंह (राजद)
अंतर: 6,680 वोट
अक्टूबर 2005
अरुण सिंह ने हैट्रिक लगाई.
हारे: राजेश्वर राज (जदयू)
अंतर: 13,546 वोट
2010 के बाद का समीकरण
2010
जीते: राजेश्वर राज (जदयू)
हारे: मुन्ना राय (राजद)
अंतर: 11,415 वोट
2015
जीते: संजय कुमार सिंह (राजद)
हारे: राजेश्वर राज (भाजपा)
अंतर: 12,119 वोट
2020
जीते: अरुण सिंह (भाकपा माले)
हारे: राजेश्वर राज
अंतर: 18,189 वोट
फिलहाल कौन हैं विधायक?
अरुण सिंह (भाकपा माले) अभी वर्तमान विधायक हैं. उन्होंने 2020 में जदयू के राजेश्वर राज को हराया था.
क्यों है यह सीट खास?
इस सीट पर कई बार राजनीतिक बदलाव देखने को मिले हैं. तुलसी सिंह जैसे नेता ने कई बार पार्टी बदली, फिर भी जीतते रहे. भाकपा (माले) का इस सीट पर अच्छा प्रभाव है. हर चुनाव में बीजेपी, जदयू, राजद, और वाम दलों के बीच कड़ा मुकाबला रहता है.
आगामी चुनाव
राजनीतिक माहौल गर्म है. गठबंधन, प्रत्याशी और मुद्दों पर निर्भर करेगा कि किसकी होगी जीत. पर इतना तय है कि काराकाट सीट पर मुकाबला बेहद दिलचस्प होगा.