Bihar Election 2025:  विनय बिहारी की हैट्रिक और लौरिया का सत्ता समीकरण
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Bihar Election 2025: विनय बिहारी की हैट्रिक और लौरिया का सत्ता समीकरण

पश्चिमी चंपारण की लौरिया सीट का राजनीतिक इतिहास लगातार बदलता रहा है। कांग्रेस, जनता दल, जदयू और भाजपा नेताओं ने जीत का स्वाद चखा।


Lauria Assembly Seat: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सियासी आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। एसआईआर के विरोध और मतदाता सूची में गड़बड़ी को लेकर विपक्ष के सांसदों ने सोमवार को संसद भवन से चुनाव आयोग कार्यालय तक विरोध मार्च निकाला। इसी सियासी उठापटक के बीच सीट का मिजाज की खास सीरीज में हम लौरिया विधानसभा सीट पर नजर डाल रहे हैं।

लौरिया सीट का इतिहास

पश्चिम चंपारण जिले की नौ विधानसभा सीटों में से एक लौरिया सीट है। यह जिला तीन अनुमंडल और 18 ब्लॉक में बंटा हुआ है। लौरिया सीट पर पहली बार 1957 में चुनाव हुआ था।

लौरिया सीट में चुनावी जीत का सफर

1957-1962: कांग्रेस की शुरुआत

1957: कांग्रेस के शुभ नारायण प्रसाद को 9,311 वोटों से जीत। प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के मुस्ताक अहमद दूसरे नंबर पर।

1962: शुभ नारायण ने प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के सिंहेश्वर प्रसाद वर्मा को 4,302 वोटों से हराया।

1967-1969: निर्दलीय और स्वतंत्र पार्टी की जीत

1967: निर्दलीय उम्मीदवार एस. शाह ने शुभ नारायण प्रसाद को 9,738 वोटों से हराया।

1969: शत्रु मर्दन शाही ने स्वतंत्र पार्टी के टिकट से कांग्रेस के अश्विनी कुमार मित्रा को 6,642 वोटों से हराया।

1972-1985: कांग्रेस का दबदबा

1972 में फुलेना राव, 1977, 1980, 1985 में विश्वमोहन शर्मा ने जीत हासिल की।

1980 में विश्वमोहन शर्मा ने जनता पार्टी के ऐजाज अहमद को 17,483 वोटों से हराया।

1985 में लोकदल के राम प्रसाद यादव को 21,002 वोटों से मात दी।

1990-2000: जनता पार्टी और कांग्रेस की वापसी

1990: जनता दल के राण विजय शाही ने विश्वमोहन शर्मा को 9,254 वोटों से हराया।

1995: राण विजय शाही ने 6,396 वोटों से जीत दर्ज की।

2000: कांग्रेस के विश्वमोहन शर्मा ने 15,496 वोटों से वापसी की।

2005-2020: जदयू और भाजपा का दौर

फरवरी 2005: जदयू के प्रदीप सिंह ने बसपा के शंभू तिवारी को 54 वोटों से हराया।

अक्टूबर 2005: प्रदीप सिंह ने 2,024 वोटों से जीत हासिल की।

2010: निर्दलीय उम्मीदवार विनय बिहारी ने जदयू के प्रदीप सिंह को 10,881 वोटों से हराया।

2015: विनय बिहारी ने भाजपा के टिकट से राजद के रण कौशल प्रताप सिंह को 17,573 वोटों से हराया।

2020: विनय बिहारी ने राजद के शंभू तिवारी को 29,247 वोटों से हराकर हैट्रिक लगाई।

इस जीत के बाद विनय बिहारी बिहार सरकार में मंत्री बने और कला व संस्कृति मंत्रालय संभाला।

लौरिया सीट का राजनीतिक इतिहास लगातार बदलता रहा है। कांग्रेस, जनता दल, जदयू और भाजपा के नेताओं ने इस सीट पर जीत का स्वाद चखा। वर्तमान में भाजपा के विनय बिहारी इस सीट के मजबूत उम्मीदवार माने जाते हैं। आगामी विधानसभा चुनाव 2025 में यह सीट फिर से सियासी मुकाबलों का केंद्र बन सकती है।

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