एनडीए ने नीतीश को नेता चुना, गांधी मैदान में कल 10वीं बार लेंगे सीएम पद की शपथ
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एनडीए ने नीतीश को नेता चुना, गांधी मैदान में कल 10वीं बार लेंगे सीएम पद की शपथ

बिहार चुनाव में 202 सीटें जीतकर सत्ता में लौटा एनडीए, अब नीतीश कुमार को सर्वसम्मति से नेता चुना गया। गांधी मैदान में गुरुवार को होगा भव्य शपथ समारोह।


Bihar Politics : बिहार की राजनीति एक बार फिर नीतीश कुमार के इर्दगिर्द सिमट आई है। एनडीए ने सर्वसम्मति से उन्हें अपना नेता चुन लिया है। इसके साथ ही अब नीतीश कुमार गुरुवार को पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में दसवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए को 202 सीटें मिली थीं और इसी जीत ने एक बार फिर गठबंधन की सत्ता में वापसी सुनिश्चित की।


गांधी मैदान में भव्य शपथ समारोह की तैयारी

गुरुवार सुबह गांधी मैदान में होने वाले शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियां चरम पर हैं। कार्यक्रम सुबह साढ़े ग्यारह बजे शुरू होगा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोपहर करीब साढ़े बारह बजे समारोह में पहुंचेंगे। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित कई एनडीए शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के शामिल होने की संभावना है। माना जा रहा है कि नीतीश कुमार के साथ लगभग 20 मंत्री भी अपने पद की शपथ लेंगे।
साल 2010 के बाद यह पहला मौका है जब किसी मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण समारोह गांधी मैदान में आयोजित किया जा रहा है।

एनडीए बैठक में नीतीश को नेता चुने जाने की औपचारिक घोषणा

बीजेपी नेता सम्राट चौधरी ने एनडीए की बैठक में नीतीश कुमार के नाम का प्रस्ताव रखा जिसे सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया गया। बैठक में जेडीयू के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री ललन सिंह तथा पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा मौजूद थे। इसके अलावा जेडीयू ने पहले ही नीतीश कुमार को अपने विधायक दल का नेता चुना था।
राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी तथा आरएलएम प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा भी इस बैठक में शामिल हुए। गठबंधन के सभी सहयोगी दलों ने नीतीश कुमार के नेतृत्व पर विश्वास जताया।

बिहार चुनाव में एनडीए की जोरदार वापसी

इस बार बिहार विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने एनडीए में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरकर 89 सीटें जीतीं। जेडीयू को 85 सीटों पर जीत मिली। विपक्षी आरजेडी सिर्फ 25 सीटें ही हासिल कर सकी। चिराग पासवान की एलजेपी आर को 19 सीटें मिलीं। कांग्रेस 6 सीटों पर सिमट गई और AIMIM ने 5 सीटें बरकरार रखीं। जीतन राम मांझी की हम को 5 सीटें मिलीं, जबकि 9 सीटें अन्य दलों के खाते में गईं।
इन परिणामों ने स्पष्ट कर दिया कि बिहार में एनडीए की पकड़ अभी भी मजबूत है और नीतीश कुमार का नेतृत्व राज्य की राजनीति में अहम भूमिका निभाता रहेगा।


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