
नीतिश कुमार का चुनावी वीडियो: क्या जेडीयू फिर से बना पाएगी अपनी सरकार?
बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार ने पहले चरण के मतदान से एक हफ्ते पहले एक चार मिनट का चुनावी वीडियो जारी किया, जिसमें उन्होंने अपने शासनकाल की उपलब्धियों के आधार पर जनता से समर्थन मांगा।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार ने पहले चरण के मतदान से एक हफ्ते पहले एक चार मिनट का चुनावी वीडियो जारी किया, जिसमें उन्होंने अपने शासनकाल की उपलब्धियों के आधार पर जनता से समर्थन मांगा। इस वीडियो के विश्लेषण के लिए कैपिटल बीट एपिसोड में पैनलिस्ट्स संजय कुमार (एएन कॉलेज, पटना) और वरिष्ठ पत्रकार गौतम सरकार ने वीडियो के संदेश, विपक्ष की प्रतिक्रिया और चुनावी संकेतों पर चर्चा की।
संजय कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री का यह वीडियो पिछले संदेशों के अनुरूप है। उन्होंने इसे दो मुख्य बिंदुओं पर केंद्रित बताया:-
1. कोई धार्मिक कार्ड नहीं खेला जा रहा।
2. केवल शासन और प्रशासनिक सुधार पर ध्यान।
उन्होंने कहा कि वीडियो में कानून-व्यवस्था, आधारभूत ढांचा, सड़कें और बिजली जैसी उपलब्धियों को दर्शाया गया है, जबकि उद्योग की कमी के कारण बिहार से अन्य राज्यों में पलायन जारी है। संजय कुमार ने यह भी कहा कि विपक्ष ने नीतिश कुमार पर सीधे हमले की तुलना में भाजपा ने उन्हें बड़े पैमाने पर निशाना बनाया है।
कानून-व्यवस्था और मोकामा घटना
पैनल ने मोकामा में हाल ही में हुई हत्या पर भी चर्चा की। संजय कुमार ने कहा कि व्यापक स्तर पर कानून-व्यवस्था में सुधार हुआ है, लेकिन सोशल एक्टिविस्ट दुलारचंद यादव की हत्या एक गंभीर घटना है, जिसकी जांच चल रही है। उन्होंने यह भी कहा कि दोष तय करने के लिए अभी बहुत जल्दबाजी होगी, क्योंकि पुलिस की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
सार्वजनिक छवि, स्वास्थ्य और चुनावी रणनीति
गौतम सरकार ने 2005 से नीतिश कुमार की सार्वजनिक छवि पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि पहले उन्हें "सुशासन" के प्रतीक के रूप में देखा जाता था, जबकि हाल के वर्षों में उनका मीडिया और जनता के संपर्क में रहना सीमित हो गया। सरकार ने कहा कि वीडियो जारी करना नीतिश कुमार की रणनीतिक चाल है, जो उनके राजनीतिक अनुभव और गठबंधन समीकरणों की समझ को दर्शाता है।
छोटे दल और वोट ट्रांसफर
संजय कुमार ने कहा कि पिछली बार लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) ने जेडीयू को नुकसान पहुंचाया था, लेकिन इस बार उनका प्रभाव सीमित रहेगा। उन्होंने चिराग पासवान के चुनाव अभियान और सार्वजनिक गतिविधियों की चर्चा की और नीतिश कुमार की राजनीतिक परिपक्वता और "कठिन सौदेबाजी" की सराहना की। गौतम सरकार ने जन-सुराज अभियान को भी महत्वपूर्ण बताया, जिसने विशेषकर मजदूरी के लिए पलायन करने वाले वर्गों में प्रभाव डाला।
सभाएं, रैलियां और जनसमर्थन
संजय कुमार ने रैलियों में उपस्थिति पर टिप्पणी करते हुए कहा कि राष्ट्रीय नेताओं की कई रैलियों में रिक्त कुर्सियां दिख रही हैं, जबकि विपक्षी नेताओं की रैलियों में भीड़ ज्यादा है। उन्होंने नीतिश कुमार की रैलियों को "आंशिक रूप से सफल" बताया और कहा कि NDA का रुख अब स्पष्ट रूप से नीतिश कुमार को अगला मुख्यमंत्री बनाने की ओर संकेत करता है।
NDA में बदलाव और गठबंधन समीकरण
संजय कुमार ने कहा कि भाजपा पहले बहुत आत्मविश्वास में थी, लेकिन अब उन्हें समझ आया है कि नीतिश कुमार की अगुवाई जरूरी है। उन्होंने कहा कि हाल के हफ्तों में नीतिश कुमार का गठबंधन में रुख मजबूत हुआ है और जल्द ही उन्हें मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित किया जा सकता है। गौतम सरकार ने भी यह संभावना जताई कि BJP जल्द ही नीतिश कुमार को अगले मुख्यमंत्री के रूप में पेश कर सकती है।
सीटों का खेल और संभावित पोस्ट-मतगणना परिदृश्य
संजय कुमार ने कहा कि जेडीयू और RJD के बीच "मौखिक गठबंधन" कई सीटों पर दिख रहा है, जिसमें वोट ट्रांसफर भी हो रहा है। उन्होंने बताया कि महागठबंधन और JDU मिलकर यदि 123-130 सीटें जीतते हैं तो नीतिश कुमार BJP छोड़कर RJD के साथ गठबंधन कर सकते हैं। गौतम सरकार ने कहा कि नए खिलाड़ियों के प्रदर्शन और सीटों की बंटवारे की समीकरण तय करेंगे और यह BJP के लिए भी महत्वपूर्ण होगा।
चुनावी माहौल और BJP की स्थिति
संजय कुमार ने कहा कि BJP की स्थिति जटिल है, क्योंकि उन्हें नीतिश कुमार को घोषित करना भी सही नहीं लगता और न घोषित करना भी जोखिम भरा है। उन्होंने इसे "बहुत ही दिलचस्प और गतिशील चुनावी स्थिति" बताया। गौतम सरकार और संजय कुमार दोनों ने यह निष्कर्ष निकाला कि वर्तमान स्थिति में नीतिश कुमार NDA की तरफ से सबसे मजबूत विकल्प हैं और उनके नेतृत्व का महत्व बढ़ गया है।

