प्रशांत किशोर ने चुनाव लड़ने से किया इनकार, Bihar Politics में बड़ा ट्विस्ट!
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प्रशांत किशोर ने चुनाव लड़ने से किया इनकार, Bihar Politics में बड़ा ट्विस्ट!

प्रशांत किशोर ने कहा कि अगर जनता ने जन सुराज को पर्याप्त समर्थन नहीं दिया तो इसका मतलब होगा कि लोगों ने पार्टी पर भरोसा नहीं जताया।


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बिहार की राजनीति में बुधवार को उस समय बड़ा मोड़ आया, जब जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने एलान किया कि वे आगामी बिहार विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि यह फैसला पार्टी ने व्यापक हित में लिया है और उनकी उम्मीदवारी संगठनात्मक कार्यों में बाधा बन सकती थी।

प्रशांत किशोर ने एक इंटरव्यू में बताया कि पार्टी ने निर्णय लिया है कि वे राघोपुर सीट से चुनाव नहीं लड़ेंगे। इस सीट से राष्ट्रीय जनता दल (RJD) नेता तेजस्वी यादव चुनाव लड़ने जा रहे हैं। किशोर ने कहा कि अगर मैं चुनाव लड़ता तो जरूरी संगठनात्मक कार्यों से मेरा ध्यान भटकता। इसलिए पार्टी ने किसी और उम्मीदवार को राघोपुर से मैदान में उतारा है।

150 से कम सीटें मिलीं तो हार मानूंगा

48 वर्षीय प्रशांत किशोर ने कहा कि अगर उनकी पार्टी को 150 से कम सीटें मिलती हैं तो वह इसे अपनी हार मानेंगे। उन्होंने स्पष्ट कहा कि या तो हम शानदार जीत दर्ज करेंगे या फिर पूरी तरह से हारेंगे। मैंने पहले भी कहा है कि या तो हमें 10 से कम सीटें मिलेंगी या 150 से ज्यादा। बीच का कोई रास्ता नहीं है।

राष्ट्रीय राजनीति को बदल देगा जन सुराज का रिजल्ट

किशोर ने यह भी दावा किया कि अगर जन सुराज पार्टी बिहार में सरकार बनाती है तो इसका असर राष्ट्रीय राजनीति की दिशा पर भी पड़ेगा। उन्होंने कहा कि अगर हम जीतते हैं तो इससे देशभर में नई राजनीति की शुरुआत होगी। जन सुराज पार्टी ने अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है, जिसमें बड़ी संख्या में शिक्षाविदों और पूर्व नौकरशाहों को प्राथमिकता दी गई है। किशोर का कहना है कि यह एक साफ-सुथरी राजनीति की ओर कदम है।

फ्रैक्चर्ड मैंडेट नामुमकिन

जब उनसे पूछा गया कि अगर चुनाव में कोई स्पष्ट बहुमत न मिला तो क्या जन सुराज NDA या INDIA गठबंधन का समर्थन करेगा तो उन्होंने साफ कहा कि ऐसा कोई परिदृश्य बनता ही नहीं। किशोर ने कहा कि बिखरा हुआ जनादेश असंभव है।

बिहार के टॉप-10 राज्यों में शामिल होने का सपना

प्रशांत किशोर ने कहा कि अगर जनता ने जन सुराज को पर्याप्त समर्थन नहीं दिया तो इसका मतलब होगा कि लोगों ने पार्टी पर भरोसा नहीं जताया। उन्होंने कहा कि ऐसे में हम समाज और सड़क की राजनीति जारी रखेंगे। लेकिन अगर जनादेश मिला तो हम बिहार को देश के 10 सबसे विकसित राज्यों में शामिल करके दिखाएंगे। बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव दो चरणों में 6 और 11 नवंबर को होंगे, जबकि मतगणना 14 नवंबर को की जाएगी।

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