
राकेश सिन्हा पर दो जगह वोट डालने का आरोप, आप-कांग्रेस हमलावर
आप और कांग्रेस ने बीजेपी सांसद राकेश सिन्हा पर दिल्ली और बिहार दोनों जगह वोट डालने का आरोप लगाया, जबकि सिन्हा ने इन दावों को झूठा और निराधार बताया।
Rakesh Sinha Vote Controversy : गुरुवार को आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर “वोटर फ्रॉड” का आरोप लगाते हुए नया राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया। दोनों दलों का दावा है कि भाजपा के राज्यसभा सांसद और आरएसएस विचारक राकेश सिन्हा ने एक साल में दो बार वोट किया। एक फरवरी में दिल्ली विधानसभा चुनाव में और अब बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में भी वोट डाला है।
AAP नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि सिन्हा ने इस साल फरवरी में दिल्ली के द्वारका से वोट डाला था और अब बिहार में भी मतदान किया है। उन्होंने इसे स्पष्ट और खुला फर्जीवाड़ा बताया। भारद्वाज ने आरोप लगाया कि दिल्ली विश्वविद्यालय के मोतीलाल नेहरू कॉलेज में पढ़ाने वाले सिन्हा का बिहार का मतदाता पता दिखाना स्पष्ट धोखाधड़ी है। उन्होंने कुछ तस्वीरें साझा कीं, जिनमें सिन्हा सहित कई ऐसे लोग दिखाई दे रहे हैं जिन्होंने कथित तौर पर दिल्ली और बिहार दोनों जगह वोट डाले।
कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने भी सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X पर सवाल उठाते हुए लिखा कि भाजपा नेता राकेश सिन्हा ने फरवरी 2025 में दिल्ली विधानसभा चुनाव में वोट दिया और 5 नवंबर को बिहार में भी। आखिर ये किस योजना के तहत संभव है?
भारतीय जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के अनुसार, किसी व्यक्ति का नाम केवल एक ही राज्य या निर्वाचन क्षेत्र की मतदाता सूची में हो सकता है। दो अलग-अलग राज्यों में पंजीकरण या मतदान करना चुनावी धोखाधड़ी माना जाता है, जिसके लिए जेल या जुर्माने का प्रावधान है।
राजनीति इतनी हल्की हो सकती है इसका अंदाजा मुझे नहीं था ।संविधान में आस्था रखने वालों पर सवाल करने वाले पर सवाल करने वालों को सौ बार सोच लेना चाहिए ।मेरा नाम दिल्ली के मतदाता सूची में था । बिहार की राजनीति में सक्रियता के कारण मैंने अपना नाम गाँव मनसेर पुर (बेगूसराय) करा लिया ।… https://t.co/jxPllpCpvT
— Prof Rakesh Sinha (@RakeshSinha01) November 6, 2025
राकेश सिन्हा ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए विपक्ष पर पलटवार किया। उन्होंने X पर लिखा कि मुझे अंदाज़ा नहीं था कि राजनीति इतनी तुच्छ हो सकती है। मेरा नाम पहले दिल्ली की मतदाता सूची में था, लेकिन बिहार की राजनीति में सक्रिय होने के कारण मैंने इसे बेगूसराय के मानसपुर गांव में स्थानांतरित करवा लिया। क्या मुझे इस झूठे आरोप पर मानहानि का केस करना चाहिए?
इस बीच, बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 3.75 करोड़ पात्र मतदाताओं में से लगभग 65% ने मतदान किया, जो राज्य के इतिहास में अब तक का सबसे अधिक मतदान है।
चुनाव आयोग के अनुसार, पहले चरण में शांतिपूर्ण मतदान त्योहारी माहौल में संपन्न हुआ। मुजफ्फरपुर में सर्वाधिक 70.96% मतदान हुआ, जबकि समस्तीपुर में 70.63%, मधेपुरा में 67.21%, वैशाली में 67.37%, और सहरसा में 66.84% वोट पड़े।
राजधानी पटना में 57.93% मतदान दर्ज किया गया, जहां शहरी क्षेत्रों बैंकीपुर, दीघा और कुम्हरार में मतदाता अपेक्षाकृत कम सक्रिय दिखे।
1951-52 के पहले विधानसभा चुनाव में बिहार का मतदान प्रतिशत 42.6% था, जबकि 2000 में यह 62.57% तक पहुंचा था। 2020 के कोविड कालीन चुनाव में 57.29% वोटिंग हुई थी।
(एजेंसियों से प्राप्त इनपुट सहित)
Next Story

