Bihar Elections 2025 Mahagathbandhan : बिहार में चुनाव का एलान होने के बाद दोनों बड़े गठबन्धनों में सीट बंटवारा सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई है. एनडीए की बात करें तो उसकी तरफ से सीट बंटवारा कर दिया गया है और ये दर्शाया जा रहा है कि सब ठीक है, हालाँकि कुछ कुछ विरोध के स्वर भी सुनाई दे रहे हैं. लेकिन इसके उलट महागठबंधन में सीट बंटवारे पर गठबंधन में शामिल दलों के बीच अंतर उभर कर सामने आ रहे हैं. महागठबंधन के दो बड़े दलों राष्ट्रिय जनता दल और कांग्रेस के मन में जो खटास पैदा हुई है वो अब सोशल मीडिया पर भी दिखने लगी है. एक ओर राजद की तरफ से ये लिखा जा रहा है कि एक बार गांठ पड़ जाए तो फिर मेल नहीं हो पाता. वहीँ दूसरी ओर कांग्रेस की तरफ से लिखा जाता है कि गांठ के बाद भी रिश्ता बचाया जा सकता है. दरअसल सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर इस विवाद को दर्शाने की शुरुआत राजद नेता की तरफ से की गयी. समझते हैं कि ये ट्वीट आखिर किस ओर इशारा कर रहे हैं.
रहिमन धागा प्रेम का, मत तोड़ो छिटकाय
राष्ट्रिय जनता दल के राज्यसभा संसद मनोज कुमार झा ने सोमवार रात X पर ट्वीट करते हुए लिखा कि ''रहिमन धागा प्रेम का, मत तोड़ो छिटकाय. टूटे से फिर न मिले, मिले गाँठ परिजाय. हर अवसर के लिए प्रासंगिक. जय हिन्द... मनोज झा ने X पर जो लिखा है उससे प्रतीत होता है कि उन्होंने कांग्रेस को इशारा किया है कि वो सीट शेयरिंग के चक्कर में गठबंधन तोड़ने की तरफ न बढ़ें. कबीर के इस दोहे को लिखते हुए उन्होंने ये भी समझाने का प्रयास किया है कि एक बार रिश्ता बिगड़ जाए तो फिर मन में गाँठ पड़ जाती है.
वहीँ इस ट्वीट पर लगभग 1 घंटे बाद जवाब देते हुए कांग्रेस के राज्यसभा सांसद इमरान प्रताप गढ़िया ने लिखा ''पानी ऑंख में भर कर लाया जा सकता है. अब भी जलता शहर बचाया जा सकता है।'' इमरान प्रतापगढ़ी ने जवाब में कहीं न कहीं ये इशारा किया कि अब भी समय है गठबंधन को बचाया जा सकता है. यानी वो ये भी इशारा कर रहे हैं कि कांग्रेस इस गठबंधन को बचाने के पक्ष में है.
हालाँकि इन दोनों ही नेताओं के ट्वीट पर पार्टी के अन्य प्रमुख नेताओं की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन सोशल मीडिया पर किये गए ये ट्वीट कहीं न कहीं ये इशारा भी मिल रहा है कि बगैर पार्टी की मर्जी के सोशल मीडिया पर इस तरह से लिखा नहीं जा सकता.
इन ट्वीट के पीछे की कहानी
दरअसल सोमवार को तेजश्वी यादव दिल्ली में थे. सुबह वो अपने माता पिता के साथ राउज़ एवेन्यू कोर्ट में गए थे. शाम को कांग्रेस के महासचिव केसी वेणुगोपाल के साथ उनकी बैठक हुई, सीट शेयरिंग को लेकर लेकिन वो राहुल गाँधी से बिना मिले बिहार लौट गए. इस बीच ये बात सामने आई कि सीट शेयरिंग को लेकर महागठबंधन में कुछ ठीक नहीं है. कांग्रेस जितनी सीटों की मांग कर रही है, राजद उसके लिए तैयार नहीं है. इतना ही नहीं वीआईपी पार्टी के मुकेश सहनी भी जितनी सीट मांग रहे हैं, राजद और कांग्रेस उसके लिए तैयार नहीं है. वहीँ सूत्रों की बात करें तो राजद की तरफ से ये बात सामने आई है कि कांग्रेस 2020 की तरह ही सीट मांग रही है, जो काफी ज्यादा है और अगर उन्हें उतनी सीट दे दी जाती है तो फिर ये कदम NDA को वाकओवर देने जैसा होगा.
वहीँ कांग्रेस का कहना है कि राहुल गाँधी ने जो पदयात्रा की और उसमें लोगों का जो उत्साह और समर्थन देखने को मिला है, उसे देखते हुए ही हमने सीटों की मांग की है.
वहीँ मुकेश सहनी को लेकर कहा जा रहा है कि जितनी सीट वो मांग रहे हैं, वो बहुत ज्यादा है. ऐसा भी हो सकता है कि सहनी महागठबंधन से बाहर निकलने का रास्ता खोज रहे हों, इसलिए इतनी अधिक सीटों की मांग कर रहे हैं. हालाँकि राजद के सूत्रों का कहना है कि अगर सहनी की VIP पार्टी बाहर होती है तो उनकी जगह दूसरे छोटे दलों को अपने खेमे में शामिल किया जा सकता है. देखना ये है कि आने वाले समय में महागठबंधन के समीकरण बंटे हैं या बिगढ़ते हैं क्योंकि पहले दौर के चुनाव के नामांकन के लिए अब सिर्फ 4 दिन ही शेष बचे हैं.