
8वां वेतन आयोग बना सरकार की बड़ी चुनौती, 9 लाख करोड़ तक पढ़ सकता है अतिरिक्त भार
Pay Commission 2028: वेतन आयोग लागू होने से राजकोषीय दबाव काफी बढ़ेगा। ऐसे में सरकार के लिए कर्ज से GDP अनुपात के लक्ष्य को संतुलित रखना चुनौतीपूर्ण होगा।
8th Pay Commission: वित्त वर्ष 2028 से 8वां वेतन आयोग (8th Pay Commission) लागू किया जा सकता है और यह केंद्र सरकार की वित्तीय योजना का सबसे बड़ा और प्रभावी घटनाक्रम बनकर उभर रहा है। हालांकि, प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य नीलकंठ मिश्रा ने चेतावनी दी है कि 8वें वेतन आयोग को लागू करने से केंद्र और राज्यों दोनों की वित्तीय स्थिति पर भारी दबाव पड़ेगा।
₹9 लाख करोड़ तक पहुंच सकता है बोझ
मिश्रा ने अनुमान लगाया कि वेतन और पेंशन में संशोधन का कुल वार्षिक बोझ ₹4 लाख करोड़ से अधिक होगा। इसके अलावा अगर वेतन–पेंशन के पांच तिमाही के एरियर भी जोड़े जाएं तो कुल वित्तीय प्रभाव ₹9 लाख करोड़ तक पहुंच सकता है। उन्होंने कहा कि नीति-निर्माताओं को FY28 की योजना बनाते समय इस भारी बोझ को गंभीरता से ध्यान में रखना होगा। उन्होंने कहा कि वेतन आयोग लागू होने से राजकोषीय दबाव काफी बढ़ेगा। ऐसे में सरकार के लिए कर्ज से GDP अनुपात के लक्ष्य को संतुलित रखना चुनौतीपूर्ण होगा।
फिस्कल टाइटनिंग की गुंजाइश कम
भारत FY27 से पांच वर्षीय लोन–GDP फ्रेमवर्क अपनाने जा रहा है। मिश्रा ने बताया कि भारत पहले ही वित्तीय समेकन में एक अपवाद की तरह सामने आया है और वर्तमान कम मुद्रास्फीति माहौल यह संकेत देता है कि अर्थव्यवस्था में पर्याप्त क्षमता मौजूद है। ऐसे में 8वें वेतन आयोग का भारी खर्च सरकार के लिए त्वरित वित्तीय कसावट (फिस्कल टाइटनिंग) की गुंजाइश कम कर सकता है।
8th Pay Commission के Terms of Reference (ToR) जारी होने के बाद कर्मचारी संगठनों ने सरकार से शिकायत की थी कि इस बार पेंशन संशोधन का स्पष्ट उल्लेख नहीं है, जबकि पिछले सभी वेतन आयोगों में वेतन और पेंशन दोनों शामिल थे। इससे 69 लाख से अधिक केंद्रीय पेंशनरों में चिंता फैल गई थी कि कहीं पेंशन संशोधन को वेतन आयोग से बाहर न कर दिया जाए।
सरकार ने राज्यसभा में दी राहत
राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने स्पष्ट किया कि 8वां वेतन आयोग वेतन, भत्तों, पेंशन आदि पर अपनी सिफारिशें देगा। सरकार के इस बयान से साफ हो गया कि पेंशन संशोधन भी 8वें वेतन आयोग के दायरे में रहेगा, जैसा पहले होता आया है। इससे पेंशनरों की चिंता काफी हद तक कम हो गई है।
DA और DR को बेसिक पे में मर्ज करने पर अभी निर्णय नहीं
वित्त मंत्रालय ने यह भी कहा है कि अभी महंगाई भत्ता (DA) और महंगाई राहत (DR) को बेसिक पे में मिलाने का कोई प्रस्ताव नहीं है। आमतौर पर DA के 50% पार करने पर इस पर चर्चा होती है, लेकिन सरकार ने स्पष्ट कर दिया कि इस पर कोई निर्णय 8वें वेतन आयोग की रिपोर्ट (2027) के बाद ही लिया जाएगा।

