बांग्लादेश बेचे जाने वाली बिजली भारत में बेचेगी अडाणी पॉवर, केंद्र सरकार ने दी अनुमति
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बांग्लादेश बेचे जाने वाली बिजली भारत में बेचेगी अडाणी पॉवर, केंद्र सरकार ने दी अनुमति

नियमों में संशोधन से भविष्य में ऐसी ही प्रकृति की बिजली परियोजनाओं को लाभ मिलेगा, तथा भुगतान में देरी होने पर स्थानीय ग्रिड को बिजली बेचने की भी अनुमति मिलेगी.


Bangladesh Adani Power: बांग्लादेश के बदलते माहौल के मद्देनज़र केन्द्रीय विद्युत मंत्रालय ने अडाणी पॉवर के उस विद्युत संयंत्र को देश में बिजली बेचने की अनुमति दी है, जिससे बांग्लादेश में बिजली बेची जा रही थी. रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, 12 अगस्त को विद्युत मंत्रालय के एक ज्ञापन में झारखंड में अडानी पावर के स्वामित्व वाले एक विद्युत संयंत्र को, जो बांग्लादेश को अपनी सारी बिजली बेचने के अनुबंध के तहत है, अब घरेलू बाजार को भी बिजली की आपूर्ति करने की अनुमति दे दी गई है.

झारखंड के गोड्डा में अडानी पावर के 1,600 मेगावाट के बिजली संयंत्र को अपनी 100 प्रतिशत बिजली बांग्लादेश को निर्यात करने का अनुबंध मिला है. जुलाई 2023 में जब कंपनी के चेयरमैन गौतम अडानी ने संयंत्र के चालू होने के बाद तत्कालीन बांग्लादेशी प्रधानमंत्री हसीना से मुलाकात की थी, तब कंपनी ने इसे "भारत-बांग्लादेश सहयोग का एक शानदार उदाहरण" बताया था.
बिजली मंत्रालय द्वारा जारी ज्ञापन में पड़ोसी देश को विशेष रूप से बिजली आपूर्ति करने वाले जनरेटरों को नियंत्रित करने वाले 2018 दिशानिर्देशों में संशोधन किया गया है. भारत में वर्तमान में केवल एक बिजली संयंत्र इस श्रेणी में आता है, वो है झारखंड में अडानी पावर का संयंत्र.

क्या कहा है ज्ञापन में
ज्ञापन में कहा गया है, "भारत सरकार ऐसे विद्युत उत्पादन स्टेशन को भारतीय ग्रिड से जोड़ने की अनुमति दे सकती है, ताकि पूर्ण या आंशिक क्षमता के निरंतर गैर-अनुसूचित होने की स्थिति में भारत के भीतर विद्युत की बिक्री को सुगम बनाया जा सके."
बिजली मंत्रालय द्वारा ये संशोधन बांग्लादेश में अशांति के मद्देनजर किया गया है, जिसके कारण प्रधानमंत्री हसीना को इस्तीफा देना पड़ा. डॉ. मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार की स्थापना के बाद भी देश में अनिश्चितता बनी हुई है. प्रशासन को देश को सामान्य स्थिति में लाने में कुछ समय लगेगा.
अडानी समूह के प्रवक्ता ने मंगलवार (13 अगस्त) को कहा कि इस संशोधन से भारत में बिजली की समग्र उपलब्धता बढ़ाने में मदद मिलेगी और देश भर में बढ़ती बिजली की मांग को पूरा करने में मदद मिलेगी. नियमों में संशोधन से भविष्य में ऐसी ही प्रकृति की बिजली परियोजनाओं को भी लाभ मिलेगा. इसके अलावा, भुगतान में देरी होने पर स्थानीय ग्रिड को बिजली बेचने की अनुमति भी दी गई है.


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