Artificial Intelligence in Banking System
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जेन-एआई को अभी तक भुगतान और सुलह जैसे मुख्य बैंकिंग कार्यों में जगह नहीं मिल पाई है। यह सेवाओं को बढ़ाने के लिए है, इंजन चलाने के लिए नहीं। फोटो: iStock

AI अब बैंकों के लिए बन चुके हैं चतुर सहायक, इनसाइड स्टोरी

बैंकों ने अपने परिचालन में Gen AI को शामिल कर लिया है। निर्णय लेने में सहायक भूमिका निभा रहा है। लेकिन यह अभी भी आपके मित्रवत बैंकर की जगह लेने से बहुत दूर है।


क्या आपका लोन आवेदन खारिज हो गया है?क्या आप इससे दुखी हैं? इससे भी ज्यादा परेशान करने वाली बात यह हो सकती है कि आपके आवेदन को खारिज करने में किसी इंसान ने नहीं, बल्कि एक मशीन ने भूमिका निभाई है। इन सबके बीच एआई-ड्रिवन बैंकिंग का दौर आ गया है।आज जेनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Gen-AI) ऐसे समृद्ध डेटा सेट्स उपलब्ध करवा रहा है, जिससे बैंक अधिकारी यानी ‘ह्यूमन इन द लूप’ आपके लोन को मंज़ूरी या अस्वीकृति देने का निर्णय लेता है।

भारत के बैंक अब अपने कामकाज में जेनरेटिव एआई को लगातार एकीकृत कर रहे हैं। चैटबॉट्स और फ्रॉड डिटेक्शन से लेकर कस्टमर ऑनबोर्डिंग और लोन प्रोसेसिंग तक। वही Gen-AI अब आपको मिलने वाले वैयक्तिकृत ईमेल और व्हाट्सएप संदेशों के पीछे है, जो आपके व्यवहार और खर्च की आदतों के आधार पर तैयार किए जाते हैं।

क्या है जेनरेटिव एआई?

यह एक प्रकार की कृत्रिम बुद्धिमत्ता है जो मौजूदा डेटा का विश्लेषण करने की बजाय नए कंटेंट जैसे टेक्स्ट, इमेज या वीडियो का निर्माण करती है।

"हम अभी शुरुआत ही कर रहे हैं, ऐसा मानना है दीपक शर्मा का, जो CXO सलाहकार और उद्यमी हैं। वे कहते हैं, “AI अब बैंकिंग के कई हिस्सों में निर्णय लेने का सह-पायलट बनता जा रहा है। यह इंसानों को हटाता नहीं है, बल्कि उनकी क्षमता को बढ़ाता है।”शर्मा, जो एक्सपेरियन इंडिया और सुर्योदय स्मॉल फाइनेंस बैंक के बोर्ड में हैं और कोटक महिंद्रा बैंक में पूर्व मुख्य डिजिटल अधिकारी रह चुके हैं, मानते हैं कि Gen-AI अब फ्रंटएंड और बैकएंड दोनों में परिवर्तन ला रहा है।उनका कहना है, “इस समय सबसे मूल्यवान उपयोग हैं ग्राहक अधिग्रहण, उन्हें बनाए रखना और फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स की क्रॉस-सेलिंग। भविष्य में यह उत्पाद डिज़ाइन, मार्केट प्रेडिक्शन और रीयल टाइम पॉलिसी एडजस्टमेंट तक पहुंचेगा।”

एआई के इर्द-गिर्द बैंकिंग का पहिया

मावेरिक सिस्टम्स के CTO किशन सुंदर बताते हैं कि अभी Gen-AI का सबसे अधिक प्रभाव "जोखिम प्रबंधन, ग्राहक संलग्नता और ऑटोमेशन" पर पड़ा है।

फ्रॉड डिटेक्शन में क्रांति

मावेरिक के बनाए AI टूल्स विशाल ट्रांजैक्शन डेटा को स्कैन कर अनियमितताओं की पहचान करते हैं — जैसे अलग-अलग जगहों से लॉगिन, या चुराए गए कार्ड्स को परखने के लिए किए गए सूक्ष्म ट्रांजैक्शन।“AI जिस गति और पैमाने पर खतरे को पकड़ता है, वह पारंपरिक नियम-आधारित सिस्टम्स से कहीं आगे है,” सुंदर कहते हैं।

डायग्नोस्टिक असिस्टेंट की तरह AI

AI मॉडल सिस्टम आउटेज और असफल लेनदेन की जड़ों को पहचानने में मदद करते हैं, जिससे समस्याएं जल्दी सुलझती हैं और ग्राहक की झुंझलाहट कम होती है।

कस्टमर सेगमेंटेशन टार्गेटेड मार्केटिंग में AI

अब बैंक आपके व्यवहार और डिजिटल इंटरैक्शन के आधार पर आपको बेहतर समझ सकते हैं — और हर ग्राहक के लिए अलग रणनीति बना सकते हैं।

देवनागरी बाधा को पार करने वाला स्टार्टअप

देवनागरी नाम की फिनटेक कंपनी 22 भारतीय भाषाओं में बैंकिंग कंटेंट का अनुवाद और वैयक्तिकरण करती है। इसके ग्राहक कई प्रमुख बैंक, बीमा कंपनियां और म्युचुअल फंड्स हैं।CEO नकुल कुंद्रा बताते हैं, “बैंक अगली 500 मिलियन यूज़र्स तक पहुंचना चाहते हैं, जो अपनी मातृभाषा में बात करते हैं, न कि अंग्रेज़ी में।”देवनागरी सिर्फ अनुवाद नहीं करता

उनका मॉडल ‘घर’ को मकान और 'गृह मंत्री' को राजनीतिक संदर्भ में अलग-अलग समझता है। ‘वॉच’ को घड़ी या निगरानी — संदर्भ के अनुसार समझता है।

स्थानीय भाषा में वॉयस और चैटबॉट

देवनागरी के बॉट्स 40% तक सामान्य सवालों के जवाब स्थानीय भाषा में देते हैं, और फिर जटिल मामलों को इंसान के पास भेजते हैं। ये बॉट्स टोन और इमोशन भी पहचान सकते हैं जिससे वे सहानुभूति जताने में सक्षम हैं।

AI के लिए लाल रेखाएं और फायरवॉल्स

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के नियमों के अनुसार, कोई भी थर्ड पार्टी AI को कोर बैंकिंग डेटा — जैसे KYC, पेमेंट्स, या क्रेडिट स्कोर — को छूने की अनुमति नहीं है।शर्मा मानते हैं कि भारत धीरे-धीरे इस दिशा में आगे बढ़ेगा, लेकिन सतर्कता से।

प्रॉम्प्ट की निगरानी जरूरी

कुंद्रा और शर्मा दोनों मानते हैं कि Gen-AI को सही दिशा में उपयोग करना बेहद जरूरी है। बिना सीमाओं के AI गलत या संवेदनशील प्रतिक्रियाएं दे सकता है।एक उदाहरण में, जब किसी ने मज़ाक में AI से पूछा कि इंडिया-पाकिस्तान मैच कौन जीतेगा, तो बॉट ने विनम्रता से जवाब देने से इनकार कर दिया।एक अन्य मामले में, जब किसी यूज़र ने कहा कि उसकी नौकरी चली गई है, तो बॉट ने जॉब पोर्टल का लिंक भेज दिया — यह पीछे उल्टा असर कर सकता था।इसलिए अब AI सिस्टम को प्रशिक्षित किया जा रहा है कि वे व्यंग्य, मजाक या विषय से बाहर के सवालों को पहचान सकें।

AI को सहानुभूति भी आनी चाहिए

अगर कोई कहे, “मेरे पति की मृत्यु हो गई, और मुझे होम लोन का कुछ नहीं पता”, तो AI को तुरंत इंसान से कनेक्ट करना चाहिए।

AI के लिए आंतरिक जानकारी खजाना

Gen-AI अब बैंकों के आंतरिक ज्ञान प्रबंधन में भी मदद कर रहा है — जैसे RBI सर्कुलर, उत्पाद नियमावली और अनुपालन चेकलिस्ट को कर्मचारियों के लिए तुरंत सुलभ बनाना।देवनागरी इस दिशा में भी कार्य कर रहा है। नई भर्ती, कर्मचारी प्रशिक्षण और प्रमाणन में AI का इस्तेमाल बढ़ रहा है।

सहायक से भविष्यवक्ता की ओर बढ़ता AI

शर्मा आशावादी हैं। वे मानते हैं कि AI जल्द ही यह बता सकेगा कि ग्राहक को क्या चाहिए ।उससे पहले कि ग्राहक को खुद पता चले। लेकिन वे यह भी कहते हैं “कोई भी AI लोन खारिज नहीं कर सकता या खाता ब्लॉक नहीं कर सकता, जब तक उसके पीछे स्पष्ट कारण और मानव हस्तक्षेप न हो।”

आज भले ही Gen-AI बैंक नहीं चला रहा हो, लेकिन यह निस्संदेह बैंक का सबसे चतुर सहायक बनता जा रहा है। भविष्य में, जब AI ऑडिट अनिवार्य हो जाएंगे —ठीक वैसे ही जैसे वित्तीय और आईटी ऑडिट तब यह यात्रा और भी पारदर्शी होगी।

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