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एयर इंडिया ने कहा कि यात्री बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के अपनी यात्रा रीशेड्यूल कर सकते हैं या फुल रिफंड का विकल्प चुन सकते हैं। (प्रतीकात्मक चित्र)

एयर इंडिया का अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों में 15% कटौती का एलान, जुलाई मध्य तक सीमित उड़ानें

यह फैसला कई वजहों के असर को कम करने के लिए लिया गया है, जिनमें DGCA द्वारा बढ़ाई गई निगरानी और इज़राइल-ईरान जंग के बीच पश्चिम एशिया में लगाए गए एयरस्पेस पाबंदियां भी शामिल हैं।


लगातार अंतर्राष्ट्रीय उड़ानें कैंसिल होने के बाद एयर इंडिया ने बड़ा फैसला लिया है। एयर इंडिया ने घोषणा की है कि वह वाइडबॉडी विमानों से संचालित अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में 15% की कटौती करने जा रहा है।

यह फैसला बोइंग 787 विमानों पर DGCA द्वारा बढ़ाई गई निगरानी, इज़राइल-ईरान जंग के बीच पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव, यूरोप और पूर्वी एशिया के कई देशों में हवाई क्षेत्र पर लगे रात्रि कर्फ्यू,और इंजीनियरिंग स्टाफ और पायलटों की ओर से बरती जा रही अतिरिक्त सतर्कता के कारण लिया गया है।

एयर इंडिया वाइडबॉडी विमानों का इस्तेमाल आमतौर पर अमेरिका, कनाडा, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया जैसी लंबी दूरी की उड़ानों के लिए करता रहा है और कुछ मामलों में छोटी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में भी। एयरलाइन का कहना है कि यह कदम उड़ानों की स्थिरता, दक्षता में सुधार और यात्रियों को होने वाली असुविधा को कम करने के लिए उठाया गया है।

एयर इंडिया ने कहा कि यह कटौती अब से लेकर 20 जून तक लागू होगी और कम से कम जुलाई के मध्य तक जारी रहेगी। इससे एयरलाइन के पास कुछ अतिरिक्त विमानों का रिजर्व स्टॉक उपलब्ध रहेगा, जो किसी भी आकस्मिक परिस्थिति में काम आ सकेगा।

12 जून को अहमदाबाद में हुए हादसे के बाद से एयर इंडिया की बोइंग 777 और 787 विमानों की कुल 83 उड़ानें रद्द हो चुकी हैं। यह पहली बार है जब बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विश्व में किसी दुर्घटना में शामिल हुआ।

DGCA द्वारा बोइंग 787 विमानों पर सख्त निगरानी के आदेश के तहत अब तक 33 में से 26 विमानों की जांच पूरी हो चुकी है। इसके अतिरिक्त, एयर इंडिया ने बोइंग 777 बेड़े की भी सुरक्षा जांच बढ़ाने का फैसला किया है।

एयर इंडिया ने यात्रियों से असुविधा के लिए माफी मांगी है और कहा है कि यात्री बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के अपनी यात्रा रीशेड्यूल कर सकते हैं या फुल रिफंड का विकल्प चुन सकते हैं।

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