
सेबी में पूर्व बैंकर अनंत नारायण का कार्यकाल खत्म, जेन स्ट्रीट विवाद के बीच विदाई
Jane Street: यह मामला, जो सेबी द्वारा किसी विदेशी कंपनी पर लाया गया सबसे बड़ा मामला माना जा रहा है, अब भारत की अपीलीय अदालत SAT में पहुंच चुका है.
Ananth Narayan: अमेरिकी ट्रेडिंग फर्म Jane Street Group LLC के खिलाफ हाई-प्रोफाइल जांच का नेतृत्व करने वाले और भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के वरिष्ठ अधिकारी अनंत नारायण अपना कार्यभार छोड़ने जा रहे हैं. उनका तीन वर्षीय कार्यकाल गुरुवार को समाप्त हो रहा है. पूर्व बैंकर और ट्रेडर अनंत नारायण सेबी के बोर्ड में ट्रेडिंग बैकग्राउंड वाले एकमात्र सदस्य हैं। जुलाई में उन्होंने एक आदेश पर हस्ताक्षर किए थे, जिसमें जेन स्ट्रीट पर भारत के स्टॉक और डेरिवेटिव बाजारों में हेरफेर का आरोप लगाया गया था — जिससे करोड़ों रिटेल निवेशकों को नुकसान हुआ.
सेबी बनाम जेन स्ट्रीट
यह मामला, जो सेबी द्वारा किसी विदेशी कंपनी पर लाया गया सबसे बड़ा मामला माना जा रहा है, अब भारत की अपीलीय अदालत (Securities Appellate Tribunal - SAT) में पहुंच चुका है. इस विवाद ने वैश्विक ध्यान आकर्षित किया है, क्योंकि यह दुनिया के सबसे बड़े इक्विटी ऑप्शंस बाजारों में से एक के रेगुलेटर और वॉल स्ट्रीट की एक प्रमुख ट्रेडिंग फर्म के बीच सीधा टकराव है. जांच में सेबी की निगरानी और डेरिवेटिव विभागों के अधिकारियों की एक टीम शामिल थी, जिसका नेतृत्व अनंत नारायण कर रहे थे। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, नारायण के जाने के बाद भी जांच जारी रहेगी और टीम इसे पूरी मजबूती से आगे बढ़ाएगी.
जुलाई में लगा था बड़ा आरोप
सेबी ने जुलाई में अपने आदेश में आरोप लगाया था कि जेन स्ट्रीट ने अपनी "विशाल ट्रेडिंग, वित्तीय और तकनीकी ताकत" का इस्तेमाल कर बाजार में हेरफेर किया, खासकर एक्सपायरी के दिनों में इंडेक्स ऑप्शंस में. यह ट्रेड मुख्य रूप से भारतीय बैंकिंग शेयरों और निफ्टी बैंक इंडेक्स से जुड़े कैश और डेरिवेटिव से संबंधित थे. हालांकि, जेन स्ट्रीट ने इन आरोपों से इनकार किया है और कानूनी लड़ाई लड़ने की बात कही है. फर्म ने आदेश के अनुपालन में ₹4,840 करोड़ (लगभग $545 मिलियन) एक एस्क्रो खाते में जमा किए थे, जिसके बाद सेबी ने उस पर लगाए गए अस्थायी ट्रेडिंग बैन को हटा लिया था.
कानूनी मोर्चे पर भी टकराव जारी
सितंबर 9 को हुई सुनवाई में जेन स्ट्रीट ने SAT को बताया कि जुलाई आदेश के बाद से उसने भारत में ट्रेडिंग फिर से शुरू नहीं की है. फर्म ने आरोप लगाया कि सेबी ने बचाव के लिए जरूरी दस्तावेज मुहैया नहीं कराए हैं और अपील लंबित रहने तक कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग की है. अगली सुनवाई 18 नवंबर को निर्धारित की गई है, जिसमें सेबी को लिखित जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया गया है.
नए नियुक्ति की प्रक्रिया जारी
इस बीच भारत सरकार ने सेबी बोर्ड के नए सदस्य की नियुक्ति के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं. आर्थिक मामलों के विभाग की वेबसाइट पर पिछले महीने एक अधिसूचना जारी की गई थी, जिसके अनुसार आवेदन की अंतिम तिथि 6 अक्टूबर थी. अनंत नारायण के कार्यकाल में उन्हें सेबी में प्रवर्तन, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPI) और बाजार निगरानी जैसे अहम विभागों की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. इससे पहले वह स्टैंडर्ड चार्टर्ड सहित कई वैश्विक बैंकों में दो दशक तक काम कर चुके हैं. फिलहाल सेबी और जेन स्ट्रीट दोनों ने इस मामले पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है.