नकली चांदी के गहनों से सावधान, कहीं आपके लॉकर में भी तो नहीं रखी है नकली सिल्वर
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नकली चांदी के गहनों से सावधान, कहीं आपके लॉकर में भी तो नहीं रखी है नकली सिल्वर

एक रिपोर्ट में यह बात निकल कर सामने आई है कि लोगों द्वारा खरीदे जा रहे चांदी के 70 फीसदी तक गहने नकली हैं.


How to Check Silver Real or Fake: भारत में हीरे से ज्यादा सोने के कद्रदान हैं. भारत में व्यापक पैमाने पर सोने के गहनों को पसंद किया जाता है. हालांकि, समय के साथ सोना महंगा होता गया और मध्यम वर्ग के पहुंच से दूर होता चला गया. ऐसे लोगों ने चांदी पर निवेश करना शुरू किया. हालांकि, वर्तमान में एक किलो चांदी का दाम लगभग 90 हजार रुपये के आसपास बना हुआ है. सरकार ने धातू खरीदते समय किसी भी तरह की धांधली न हो, इसके लिए होलमार्क को अनिवार्य किया है. हम लोग सोने में होलमार्क को देखकर तो खरीद करते हैं. लेकिन चांदी के मामले में ऐसा करना भूल जाते हैं. इसका खामियाजा नकली चांदी मिलने के रूप में भुगतना पड़ता है. आजकल इस तरह की धांधली बड़े पैमाने पर हो रही है. कुछ ज्वैलर्स लोगों को चांदी कहकर एल्युमिनियम के गहने थमा रहे हैं.

अमीर लोग तो आसानी से सोने की खरीद कर लेते हैं. लेकिन गरीब लोग एक-एक पैसा जोड़कर पायल, बिछिया, कड़े, भगवान की मूर्ति, सिक्के आधिक खरीदते हैं. जिन लोगों की आमदनी कम है, उनको चांदी की चमक भी सोने के बराबर लगती है. हालांकि, एक रिपोर्ट में यह बात निकल कर सामने आई है कि लोगों द्वारा खरीदे जा रहे चांदी के 70 फीसदी तक गहने नकली हैं. कुछ ज्वैलर्स गिलट को चांदी कहकर बेच रहे हैं, लेकिन इन पर चांदी की जगह एल्यूमिनियम की चमक होती है.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जयपुर के सर्राफा ट्रेडर्स कमेटी की लैब में एक साल में विभिन्न शहरों व कस्बों से शुद्धता की जांच के लिए चांदी के गहने लाए गए. इसमें चांदी की पायल, छल्ला, कड़ा, चेन, घुंघरू, बिछिया, नेकलेस आदि शामिल थे. लैब की जांच में पता चला कि इनमें से कुछ गहनों में तो एक फीसदी भी चांदी नहीं थी. बाकी के 90 फीसदी गहने मानक से कम पाए गए.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, वर्तमान में जो चांदी बाजार में मिल रही है, उसके 66 फीसदी जेवरों में 60 से 70 फीसदी तक जस्ता और एल्युमिनियम की मिलावट की जा रही है. इतना ही नहीं, कुछ ज्वैलर तो गिलट के गहनों को चांदी बताकर बेच रहे हैं. लैब में आए करीब 70 फीसदी गहनों में गिलट और एल्युमिनियम की मिलावट पाई गई.

इंसान वैसे तो सोने-चांदी को एक निवेश के तौर पर खरीदता है. लेकिन इन गहनों को अगर कभी बेचने जाओ तो खरीद के आधे दाम भी नहीं मिलेंगे. यही वजह है कि लोगों को अपने साथ हुए ठगी का अहसास गहने बेचते समय होता है.

होलमार्क

सरकार ने गहनों की शुद्धता तय करने के लिए होलमार्क को बनाया है. ऐसे में जब भी चांदी के गहने खरीदने जाएं तो होलमार्क देखकर ही खरीदारी करें. लेकिन इसमें भी एक दिक्कत है. क्योंकि भारतीय मानक ब्यूरो केवल सिल्वर ज्वैलरी हॉलमार्क के लिए लाइसेंस लेने वाले ज्वैलर्स के गहनों में शुद्धता की जांच करता है. वहीं, जिनके पास लाइसेंस नहीं, उनके गहने नहीं जांचता है.

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