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बीमा सेक्टर के लिए मोदी सरकार का बड़ा ऐलान, FDI लिमिट बढ़ाकर किया 100 फीसदी
Budget 2025: यह सुविधा केवल उन बीमा कंपनियों को मिलेगी, जो भारत में एकत्र किए गए पूरे प्रीमियम का निवेश यहीं करेंगी.
insurance sector FDI limit increasing: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025 के दौरान बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) की सीमा 74% से बढ़ाकर 100% करने की घोषणा की. हालांकि, इसमें कुछ बैन भी लगाए गए हैं. लेकिन मोदी सरकार का यह कदम जहां विदेशी पूंजी को तो आकर्षित करेगा. साथ ही घरेलू निवेश को भी बढ़ाने में मदद करेगा.
100% एफडीआई की शर्त
यह सुविधा केवल उन बीमा कंपनियों को मिलेगी, जो भारत में एकत्र किए गए पूरे प्रीमियम का निवेश यहीं करेंगी. इसके अलावा विदेशी निवेश से जुड़े मौजूदा नियमों की समीक्षा और सरलीकरण किया जाएगा. सीतारमण ने कहा कि बीमा क्षेत्र में एफडीआई सीमा को 74% से बढ़ाकर 100% किया जाएगा. यह बढ़ी हुई सीमा केवल उन कंपनियों के लिए उपलब्ध होगी. जो पूरा प्रीमियम भारत में निवेश करेंगी. मौजूदा नियमों और शर्तों की समीक्षा कर उन्हें सरल बनाया जाएगा.
बीमा सुधार पर जोर
इस कदम से पहले केंद्र सरकार ने नवंबर 2024 में बीमा कानूनों में संशोधन के लिए कुछ प्रस्ताव रखे थे, जिनमें शामिल हैं:-
- एफडीआई सीमा को 100% तक बढ़ाना.
- बीमा कंपनियों को एक ही इकाई के तहत कई बीमा व्यवसाय संचालित करने की अनुमति देना.
सरकार ने बीमा अधिनियम 1938 , भारतीय जीवन बीमा निगम अधिनियम 1956 और बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) अधिनियम 1999 में संशोधन के लिए उद्योग जगत से सुझाव मांगे थे.
2047 तक ‘सभी के लिए बीमा’ लक्ष्य
बीमा क्षेत्र के नियामक IRDAI ने 2047 तक सभी के लिए बीमा का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है. भारत की बड़ी आबादी और संपत्तियां अभी भी बीमा के दायरे से बाहर हैं. जिसके कारण लोगों को स्वास्थ्य और अन्य आपात स्थितियों में भारी निजी खर्च उठाने पड़ते हैं. इससे सरकार पर वित्तीय बोझ भी बढ़ता है. एफडीआई सुधारों से अधिक पूंजी निवेश, बीमा कवरेज में विस्तार और वित्तीय असुरक्षा को कम करने की उम्मीद है.
भारत का विकास लक्ष्य
आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 के अनुसार, भारत की जीडीपी वृद्धि दर वित्त वर्ष 2025-26 में 6.3% से 6.8% के बीच रहने का अनुमान है. हालांकि, सर्वेक्षण में यह भी कहा गया है कि "विकसित भारत" (Viksit Bharat) के लक्ष्य को हासिल करने के लिए अगले दो दशकों तक 8% की निरंतर विकास दर बनाए रखने की आवश्यकता होगी.