
7 अप्रैल के बाद शेयर बाजार में जोरदार तेजी से बढ़ी सरकारी की कमाई! STT कलेक्शन में आया उछाल
निवेशकों की खरीदारी के चलते सेंसेक्स-निफ्टी में जोरदार उछाल देखने को मिला है. जिसका फायदा सरकार को STT कलेक्शन में उछाल के जरिए हुआ है.
Direct Tax Collection: डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में मौजूदा वित्त वर्ष में गिरावट आई है. 2025-26 के लिए 10 जुलाई तक इनकम टैक्स विभाग ने जो डेटा जारी किया है उसके मुताबिक डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 1.34 फीसदी की गिरावट के साथ 5.63 लाख करोड़ रुपये पर आ गया है. टैक्स वसूली में गिरावट की वजह बीते वर्ष के मुकाबले इस अवधि में ज्यादा टैक्स रिफंड जारी करना है.
बीते वर्ष इस अवधि के दौरान जहां 73,893 करोड़ रुपये रिफंड जारी किए गए थे वहीं मौजूदा वित्त वर्ष में अब तक 1,01,980 करोड़ रुपये टैक्स रिफंड जारी किया जा चुका है. यानी टैक्स रिफंड में 38 फीसदी का उछाल आया है. इस अवधि में नेट कॉरपोरेट टैक्स और नॉन-कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन दोनों ही घटा लेकिन सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स के जरिए सरकार की कमाई बढ़ी है.
STT कलेक्शन में आया उछाल
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन का जो डेटा जारी किया है उसके मुताबिक वित्त वर्ष 2024-25 में 10 जुलाई तक जहां शेयर मार्केट में ट्रेडिंग पर लगने वाले सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स के जरिए सरकार 16,632 करोड़ रुपये जुटाये थे वहीं मौजूदा वित्त वर्ष में 17,894 करोड़ रुपये जुटाये हैं. जाहिर है शेयर बाजार में ट्रेडिंग पर लगने वाले सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स से सरकार की कमाई बढ़ी है. इसका क्रेडिट जाता है अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को जिन्होंने भारत समेत दुनिया के कई देशों पर पहले भारी भरकम रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने का पहले ऐलान किया और बाद में उसके लागू होने पर 90 दिनों के लिए रोक लगा दी.
ट्रंप के टैरिफ Pause और तनाव घटने से बाजार में तेजी
9 अप्रैल को रेसिप्रोकल टैरिफ पर Pause Button दबाने से पहले 7 अप्रैल को सेंसेक्स 71,425 और निफ्टी 21,743 अंकों के लेवल तक नीचे जा फिसला था. लेकिन रेसिप्रोकल टैरिफ के विवाद थमने से लेकर भारत-पाकिस्तान और इजरायल-ईरान के बीच सीजफायर की घोषणा और बेहतर इकोनॉमिक डेटा के चलते 30 जून को सेंसेक्स 84000 तो निफ्टी 25,650 के आंकड़े को पार कर गया. यानी महज 3 महीने में सेंसेक्स में करीब 13000 तो निफ्टी में करीब 4000 अंकों का उछाल देखने को मिला है. बाजार में तेजी की वजह निवेशकों के निवेश में आई बढ़ोतरी और भारतीय शेयर बाजार पर बढ़ते भरोसे को दिखाता है. जाहिर है बाजार में तेजी की वजह निवेशकों की ओर से की गई जबरदस्त ट्रेडिंग को जाता है. जिसका फायदा सरकार को STT कलेक्शन में उछाल के जरिए हुआ है.
कॉरपोरेट और पर्सनल टैक्स कलेक्शन में कमी
टैक्स डिपार्टमेंट के मुताबिक मौजूदा वित्त वर्ष में 10 जुलाई तक नेट कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन 199,910 करोड़ रुपये और नॉन-कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन 344,773 करोड़ रुपये रहा है जो पिछले वर्ष इस अवधि में 207,527 करोड़ और 344,915 करोड़ रुपये रहा था. यानी दोनों ही में टैक्स कलेक्शन में कमी आई है. इसकी एक वजह ज्यादा टैक्स रिफंड है तो दूसरी वजह मौजूदा वित्त वर्ष के दौरान इनकम टैक्स छूट की लिमिट को 12 लाख रुपये करना है. पर सरकार के लिए संतोष की बात है कि शेयर बाजार में ट्रेडिंग पर लगने वाले टैक्स से इनकम बढ़ा है.