बंद हो सकती है जीएसटी के आंकड़ों को रेखांकित करने वाले बयान जारी करने की प्रथा !
जीएसटी संग्रह विवरण के नए संस्करण में कुल संग्रह और समग्र केंद्रीय जीएसटी और राज्य जीएसटी संग्रह संख्या जैसे प्रमुख आंकड़े दिए जा सकते हैं
GST Collection Figure: सरकार द्वारा जीएसटी संग्रह के आंकड़े अब हर महीने जारी नहीं हुआ करेंगे. वित्त मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि सरकार हर महीने की पहली तारीख को जीएसटी संग्रह के आंकड़ों को रेखांकित करने वाला बयान जारी करने की प्रथा को बंद कर सकती है. इस बात पर कयास इसलिए भी लगाये जा रहे हैं क्योंकि जुलाई माह के आंकड़े अभी तक जारी नहीं किये गए हैं और अब इसके जारी करने की संभावना भी न के बराबर है. इसके अलावा सूत्रों ने ये भी कहा है कि जीएसटी संग्रह के भविष्य के मासिक विवरण अधिक संक्षिप्त हो सकते हैं.
मुख्य आंकड़े
जुलाई 2024 के लिए जीएसटी संग्रह का आंकड़ा 1.74 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान लगाया गया है, लेकिन संग्रह को रेखांकित करने वाला आधिकारिक बयान अभी तक जारी नहीं किया गया है. एक रिपोर्ट के अनुसार, जीएसटी संग्रह विवरण के नए संस्करण में कुल संग्रह और समग्र केंद्रीय जीएसटी और राज्य जीएसटी संग्रह संख्या जैसे प्रमुख आंकड़े दिए जा सकते हैं. जाहिर है, मई और जून में जीएसटी राजस्व अप्रैल के रिकॉर्ड उच्च स्तर 2.10 लाख करोड़ रुपये से कम रहा है.
राज्य केंद्र से हैं नाराज़
मजबूत जीएसटी संग्रह के बावजूद भी केंद्र पर कुछ राज्यों ने भुगतान में देरी करने का आरोप लगाया है, जिससे उनके दिन-प्रतिदिन के कामकाज पर असर पड़ रहा है. एक अधिकारी के हवाले से बताया गया है कि जुलाई के लिए जीएसटी के आंकड़े आधिकारिक तौर पर जारी नहीं किए जाएंगे.
जीएसटी का अनुपालन बढ़ा
विशेषज्ञों के अनुसार, जीएसटी की संरचना के कारण अनुपालन में वृद्धि हुई है, जहां खरीदारों को ये सुनिश्चित करना होता है कि विक्रेताओं ने कर का भुगतान किया है. इस बात को लेकर विशेषज्ञों ने संतोष भी जताया है कि इससे सरकार के राजस्व में बढ़ोतरी होगी और देश में एक सही व्यवस्था भी मजबूत होगी, जिससे कहीं न कहीं टैक्स चोरी आदि की समस्या पर विराम लगेगा. जिस तरह से लोग जीएसटी का अनुपालन कर रहे हैं, वो देश की अर्थव्यवस्था के लिहाज से भी अच्छा है.