
GST सेस खत्म होने से कार डीलर्स संकट में, FADA ने राहत के लिए वित्त मंत्री को लिखा पत्र
कार डीलर्स पहले ही सरकार को 2500 करोड़ रुपये जीएसटी सेस का भुगतान कर चुके हैं. 3 सितंबर को जीएसटी कांउसिल की बैठक में सेस को खत्म करने का फैसला लिया गया है. ऐसे में कॉर डीलर्स को इस बात की चिंता सता रही है कि ये सेस कैसे और कहां एडजस्ट होगा.
जीएसटी रेट्स में कटौती और 4 से घटाकर 2 स्लैब करने के बाद कई ऑटोमोबाइल कंपनियों ने नवरात्रि के पहले दिन 22 सितंबर से अपने कारों और एसयूवी के दामों में कटौती का एलान कर दिया है. इससे फेस्टिव सीजन में कार और एसयूवी के खरीदने वालों को बड़ी राहत मिलने वाली है. लेकिन जीएसटी काउंसिल के जीएसटी सेस को खत्म करने के फैसले ने कार डीलरों की मुश्किलें बढ़ा दी है.
2500 करोड़ रुपये की GST सेस ने बढ़ाई डीलर्स की चिंता
कार डीलर्स ने त्योहारी सीजन में बड़ी डिमांड की उम्मीद में 6 लाख गाड़ियों का बड़ा स्टॉक रखा हुआ था. इन गाड़ियों पर कार डीलर्स पहले ही सरकार को 2500 करोड़ रुपये जीएसटी सेस का भुगतान कर चुके हैं. 3 सितंबर को जीएसटी कांउसिल की बैठक में सेस को खत्म करने का फैसला लिया गया है. ऐसे में कॉर डीलर्स को इस बात की चिंता सता रही है कि ये सेस कैसे और कहां एडजस्ट होगा. कार डीलर्स की संगठन फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन(FADA) ने अपनी चिंताओं को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखा है. इनकी मांग है कि उनके खाते में पड़े सेस बैलेंस को जीएसटी के भुगतान में इस्तेमाल करने की इजाजत दी जाए. डीलर्स का कहना है कि अगर सेस को लेकर कोई समाधान नहीं निकाला गया तो उन्हें भारी नुकसान होगा. इससे उनकी वर्किल कैपिटल भी अटक जाएगी जिससे कारोबार प्रभावित होगा.
जीएसटी सेस खत्म होने से बढ़ा डीलर्स का संकट
फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशंस (FADA) के अध्यक्ष सी.एस. विग्नेश्वर ने वित्त मंत्री, राजस्व सचिव अरविंद श्रीवास्तव और सीबीआईसी अध्यक्ष संजय कुमार अग्रवाल को दिए अपने ज्ञापन में कहा, “जहां जीएसटी 2.0 ने ऑटोमोबाइल्स के लिए कम्पनसेशन सेस व्यवस्था को जीएसटी में समाहित कर लिया है, वहीं डीलरों के पास अभी भी इलेक्ट्रॉनिक क्रेडिट लेजर में बड़ी मात्रा में सेस बैलेंस पड़ा है. उन्होंने कहा, मौजूदा कानून के तहत, जब आगे कोई सेस की देनदारी नहीं है, तो ऐसे में इन बैलेंस को CGST,SGST, IGST के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है और इसका कोई रास्ता नहीं निकाला गया तो यह क्रेडिट हमेशा के लिए खत्म हो जाएगा, जिससे एमएसएमई डीलरशिप्स को भारी वर्किंग कैपिटल का नुकसान होगा.
कार डीलर्स ने वित्त मंत्री से मांगा मिलने का समय
डीलरों ने वित्त मंत्री सीतारमण से मांग की है कि 21 सितंबर तक उनके कम्पनसेशन सेस क्रेडिट लेजर में पड़े बैलेंस को IGST/CGST क्रेडिट लेजर में ट्रांसफर करने की अनुमति दी जाए, ताकि उसे सामान्य जीएसटी देनदारी को चुकाने में इस्तेमाल किया जा सके. FADA के अध्यक्ष ने वित्त मंत्री को भेजे गए ज्ञापन में कहा, त्योहारी सीजन में हम प्रवेश कर रहे हैं, हमारे सदस्य इस मुद्दे को लेकर बेहद चिंतित हैं. इसलिए हम आपसे निवेदन करते हैं कि इस मामले को अत्यधिक महत्व दें और हमें सकारात्मक जवाब दें. उन्होंने वित्त मंत्री से मिलने का समय भी मांगा है.
GST 2.0 के इंतजार में लोगों ने खरीदारी टाला
इससे पहले 8 सितंबर को FADA ने अगस्त महीने के लिए गाड़ियों के रिटेल सेल्स का डेटा भी जारी किया है. इस डेटा के मुताबिक अगस्त महीने में गाड़ियों के सेल्स में केवल 2.84% का उछाल देखने को मिला है. जिसमें टूव्हीलर्स के सेल्स में 2.18%, पैसेंजर व्हीकल्स के सेल्स में 0.93% और कमर्शियल वाहनों में 8.55% की बढ़ोतरी रही है. ट्रैक्टरों ने 30.14% की शानदार सालाना वृद्धि दर्ज की है. हालांकि अगस्त में जीएसटी 2.0 के एलान के बाद सितंबर में जीएसटी 2.0 के फायदों का इंतजार कर रहे बहुत से परिवारों ने खरीदारी सितंबर तक टाल दी है ताकि उन्हें नई जीएसटी दरों का फायदा मिल सके. FADA को उम्मीद है कि महीने के दूसरे हिस्से में, नवरात्रि और दुर्गा पूजा जैसे त्योहारों के साथ गाड़ियों के सेल्स की रफ्तार तेज होगी.