
US इंवेस्टर्स बेच सकते हैं चीनी कंपनियों के शेयर्स, 800 बिलियन डॉलर के बिकवाली का अनुमान
अमेरिकी शेयर बाज़ारों से चीनी कंपनियों को बाहर करने की आशंका जो राष्ट्रपति ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान उभरी थी फिर से ज़ोर पकड़ रही है.
US-China Trade War: आने वाले दिनों में अगर अमेरिका और चीन के बीच वित्तीय संबंध टूट गए तो अमेरिकी निवेशक 800 बिलियन डॉलर के वैल्यू के बराबर चीनी कंपनियों के शेयरों में बिकवाली कर सकते हैं. दिग्गज इंवेस्टमेंट बैंक गोल्डमैन सैक्स ने ये अनुमान जताया है.
गोल्डमैन के विश्लेषकों, जिनमें किंगर लाउ भी शामिल हैं एक नोट में लिखा कि इस समय अमेरिकी संस्थाएं चीनी कंपनियों की अमेरिकन डिपॉज़िटरी रिसीट्स (ADRs) के मार्केट कैपिटलाईजेशन का लगभग 7 फीसदी हिस्सा रखती हैं लेकिन वे हांगकांग में व्यापार नहीं कर सकतीं है. इसका मतलब यह है कि यदि अलीबाबा ग्रुप होल्डिंग लिमिटेड जैसी कंपनियों को अमेरिका से मजबूरन डीलिस्ट किया जाता है, तो ऐसे निवेशक एशियाई वित्तीय केंद्र हांगकांग में जाकर उनके शेयर नहीं खरीद पाएंगे.
गोल्डमैन उन वैश्विक बैंकों की सूची में शामिल हो गया है जो अब इस वित्तीय तलाक की संभावना को गंभीरता से लेते हुए इसके सबसे बुरे नतीजों का मूल्यांकन कर रहे हैं. अमेरिकी शेयर बाज़ारों से चीनी कंपनियों को बाहर करने की आशंका जो राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान उभरी थी अब फिर से ज़ोर पकड़ रही है, खासकर जब अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने हाल ही में कहा कि सभी विकल्प खपले हैं.
वैश्विक व्यापार प्रणाली में अत्यधिक अनिश्चितता के कारण ग्लोबल कैपिटल मार्केट्स में भारी अस्थिरता देखी जा रही है, और दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच अलगाव के जोखिम से वैश्विक मंदी की चिंता बढ़ रही है. उनका अनुमान है कि अगर मजबूरन डीलिस्टिंग की स्थिति बनती है, तो ADRs और MSCI China इंडेक्स की वैल्यू में वर्तमान कीमतों से 9 प्रतिशत और 4 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है.
वहीं, इसी चरम स्थिति में चीनी निवेशकों को भी अपने अमेरिकी वित्तीय संपत्तियों को बेचना पड़ सकता है, जो कुल $1.7 ट्रिलियन हो सकते हैं. इसमें लगभग $370 अरब इक्विटी और $1.3 ट्रिलियन बॉन्ड्स शामिल होंगे. गोल्डमैन के मुताबिक, अमेरिकी संस्थागत निवेशक फिलहाल चीनी ADRs में लगभग $250 अरब (कुल मार्केट वैल्यू का 26%) का निवेश रखते हैं. उनका हांगकांग शेयर बाज़ार में एक्सपोजर $522 अरब (कुल बाज़ार का 16%) है, और वे चीन की ऑनशोर A-शेयर इक्विटीज का केवल 0.5 प्रतिशत ही रखते हैं.
गोल्डमैन का मानना है कि अमेरिकी निवेशकों को A-शेयर बेचने में सिर्फ एक दिन लगेगा, लेकिन हांगकांग स्टॉक्स से बाहर निकलने में 119 दिन और ADRs से बाहर निकलने में 97 दिन लग सकते हैं.
Kraneshares CSI China Internet Fund, जो अमेरिका में चीन केंद्रित सबसे बड़ा एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ETF) है, ADR डीलिस्टिंग की स्थिति में सबसे ज़्यादा प्रभावित हो सकता है, क्योंकि इसके पोर्टफोलियो में 33% ADRs हैं, जिनमें से आधे का हांगकांग में लिस्टिंग नहीं है. साथ ही, इसमें 72% निवेश अमेरिकी निवेशकों का है.
जेपी मॉर्गन चेस एंड कंपनी ने अनुमान लगाया था कि ADR डीलिस्टिंग के कारण चीन को वैश्विक इंडेक्सों से हटाया जा सकता है, जिससे लगभग $11 अरब की निष्क्रिय (passive) पूंजी बाहर निकल सकती है.