
भारत की दूसरी बड़ी क्रिप्टो चोरी, अब CoinDCX बना निशाना
CoinDCX के आंतरिक खाते से 44 मिलियन डॉलर की क्रिप्टो चोरी हुई। हालांकि कंपनी की तरफ से कहा जा रहा है कि ग्राहक फंड सुरक्षित हैं।
भारत की प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज CoinDCX पर 20 जुलाई को बड़ा साइबर अटैक हुआ। इस हमले में कंपनी के एक आंतरिक खाते से लगभग $44 मिलियन डॉलर (करीब ₹380 करोड़) की क्रिप्टो संपत्ति चुरा ली गई। CoinDCX के सह-संस्थापक नीरज खंडेलवाल ने इस घटना की जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर साझा की।
CoinDCX के एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कंपनी जल्द ही बग बाउंटी प्रोग्राम शुरू करेगी ताकि तकनीकी खामियों को उजागर किया जा सके और चुराए गए फंड्स की रिकवरी की जा सके।हम अपने एक्सचेंज पार्टनर्स के साथ मिलकर चोरी हुई संपत्ति को ब्लॉक और रिकवर करने पर काम कर रहे हैं। साथ ही, हम जल्द ही एक बग बाउंटी प्रोग्राम शुरू करने जा रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि इस घटना से सीखने का अवसर मिला है और कंपनी अपनी सुरक्षा प्रणाली को और मज़बूत करेगी।
खाते को अलग किया गया, जांच शुरू
खंडेलवाल ने बताया कि जैसे ही कंपनी को हमले की जानकारी मिली, टीम ने तुरंत प्रभावित खाते को आइसोलेट कर दिया ताकि हमला और न फैले। इस घटना की जांच के लिए साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों की मदद ली जा रही है। ये विशेषज्ञ सुरक्षा कमजोरियों की पहचान कर रहे हैं और यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि चोरी किया गया पैसा कहां गया।
ग्राहकों के फंड पूरी तरह सुरक्षित
CoinDCX ने भरोसा दिलाया कि ग्राहकों के किसी भी वॉलेट को नुकसान नहीं पहुंचा है। यह हमला केवल कंपनी के एक आंतरिक खाते तक सीमित रहा। सभी सामान्य ट्रेडिंग सेवाएं और INR निकासी पहले की तरह सामान्य रूप से चल रही हैं।Web3 सेगमेंट की ट्रेडिंग को सुरक्षा के लिहाज से अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया गया है।
CoinDCX की पूरी टीम इस स्थिति को संभालने में लगी है। ग्राहक की सभी एसेट्स सुरक्षित हैं और ट्रेडिंग व INR निकासी पर कोई असर नहीं पड़ा है-नीरज खंडेलवाल
भारत में एक साल में दूसरा बड़ा क्रिप्टो हमला
CoinDCX भारत में पिछले एक साल में हैकर्स का शिकार बनी दूसरी प्रमुख क्रिप्टो एक्सचेंज है। जुलाई 2024 में WazirX को भी इसी तरह के एक साइबर हमले का सामना करना पड़ा था, जिसमें उसके एक वॉलेट से $234 मिलियन (₹1900 करोड़) मूल्य की क्रिप्टोकरेंसी चोरी हो गई थी।
उस समय WazirX को ट्रेडिंग और निकासी सेवाएं बंद करनी पड़ी थीं, जिससे 44 लाख भारतीय यूज़र्स में भारी घबराहट फैल गई थी। कंपनी ने FIR दर्ज करवाई और एक व्हाइट हैट बाउंटी प्रोग्राम शुरू किया जिसमें $23 मिलियन तक का इनाम रखा गया।
हालांकि, एक साल बाद भी कंपनी केवल $3 मिलियन की ही रिकवरी कर पाई है। अंतरराष्ट्रीय जांच एजेंसियों ने उस हमले को उत्तर कोरिया समर्थित हैकर्स से जोड़ कर देखा है।