SEBI प्रमुख माधबी बुच व सदस्य अनंत नारायण के खिलाफ कांग्रेस ने लगाए नए आरोप
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SEBI प्रमुख माधबी बुच व सदस्य अनंत नारायण के खिलाफ कांग्रेस ने लगाए नए आरोप

कांग्रेस ने बुच और अनंत नारायण के खिलाफ हितों के टकराव का मामला बताया; कहा कि बुच के पास पैराडाइज पेपर्स से जुड़ी कंपनी के गैर-सूचीबद्ध शेयर थे


Congress On Madhabi Puri Buch : कांग्रेस ने सेबी की चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच के खिलाफ आरोपों की नई फेहरिस्त ला दी है। सबसे पहले, कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने मंगलवार (29 अक्टूबर) को एक प्रेस वार्ता में घोषणा की कि बुच ने मुकुल और विपुल बंसल के स्वामित्व वाली कंपनी ग्रीन वर्ल्ड बिल्डकॉन एंड इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड को एक संपत्ति किराए पर दी है। हालांकि, मुकुल बंसल इंडियाबुल्स समूह के वरिष्ठ प्रबंधन का भी हिस्सा हैं, जिसे 2021 और 2022 के बीच सेबी की ओर से कई नियामकीय कार्रवाइयों का सामना करना पड़ा। खेड़ा ने कहा कि इस दौरान वह उक्त संपत्ति से किराये की आय अर्जित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि सेबी के अलावा अन्य नियामकों और अदालतों ने भी कंपनी की खिंचाई की है।


पैराडाइज पेपर्स से संबंध
पवन खेड़ा ने दावा किया कि बुच के पास पैराडाइज पेपर्स (2017) से जुड़ी एक कंपनी के गैर-सूचीबद्ध शेयर भी थे। उन्होंने कहा कि बुच 2 मई, 2016 को शामिल की गई प्रेडिबल हेल्थ प्राइवेट लिमिटेड के शुरुआती शेयरधारकों में से एक थीं। उन्होंने आरोप लगाया, "सेबी की पूर्णकालिक सदस्य बनने के बाद भी उन्होंने कंपनी में शेयर रखना जारी रखा।"
उन्होंने दावा किया कि बुच ने वित्त वर्ष 2021-22 में एक अमेरिकी कंपनी (मेसर्स एनफ्रेंस इंक) को शेयर बेचे, जिससे पांच साल में शुरुआती निवेश का 226 गुना रिटर्न मिला। प्रेडिबल को भारत सरकार की स्टार्टअप इंडिया पहल के तहत भी फंड मिला था।
हालांकि, प्रेडिबल के अन्य निवेशकों में से एक जैसीसा इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड थी, जिसे आईसीआईजे द्वारा साझा किए गए पैराडाइज पेपर्स द्वारा ऑफशोर लीक में सूचीबद्ध किया गया था। खेरा ने कहा, "इसका मतलब है कि जैसीसा इन्वेस्टमेंट्स से समझौता किया गया है और इसकी विस्तृत जांच की जानी चाहिए।"

पवन खेड़ा ने किये सवाल

कांग्रेस ने सोशल मीडिया 'X' हैंडल पर सवाल करते हुए पूछा कि

▪️ माधबी बुच ने अपनी दूसरी प्रॉपर्टी ऐसी कंपनी को क्यों दी, जिसका SEBI से रिश्ता है?

▪️ माधबी बुच ने ऐसी कंपनी में शेयर क्यों रखे, जिनके इन्वेस्टर के नाम पैराडाइज़ पेपर में आए?

▪️ अनंत नारायण ने अपनी प्रॉपर्टी एक ऐसे स्टॉक ब्रोकर को क्यों दी, जो SEBI की जांच के दायरे में आता है?

▪️ अनंत नारायण ने ऐसी कंपनी में शेयर क्यों रखे, जो SEBI के दायरे में आते हैं?


सेबी के एक अन्य सदस्य के खिलाफ आरोप
बुच ही नहीं, खेड़ा ने एक अन्य पूर्णकालिक सेबी सदस्य अनंत नारायण के खिलाफ भी इसी तरह के आरोप लगाए। कांग्रेस नेता ने दावा किया कि उन्हें मुंबई में एक संपत्ति के लिए ब्रोकरेज फर्म में कार्यरत स्टॉक ब्रोकर से 64.8 लाख रुपये का किराया मिला। खेड़ा ने कहा, "किराएदार थंगम विनोद राजकुमार हैं, जो ब्रोकरेज फर्म आईएमसी इंडिया सिक्योरिटीज द्वारा नियुक्त एक स्टॉक ब्रोकर हैं, जो सेबी द्वारा विनियमित है।"
खेड़ा ने बताया कि इससे हितों के टकराव की संभावना का संकेत मिलता है क्योंकि नारायण मार्केट इंटरमीडियरीज रेगुलेशन एंड सुपरविजन डिपार्टमेंट (MIRSD) के सदस्य हैं, जो ब्रोकर्स के विनियमन की देखरेख करता है। उन्होंने कहा कि नारायण के पास इनक्रेड कैपिटल के 70 करोड़ रुपये के शेयर भी हैं, जो सेबी की जांच के दायरे में भी आता है।

बुच सवालों के घेरे में
अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडेनबर्ग रिसर्च द्वारा लगाए गए हितों के टकराव के आरोपों - विशेष रूप से अडानी समूह के साथ - के कारण सवालों के घेरे में आए बुच ने पिछले सप्ताह संसद की लोक लेखा समिति के साथ एक सत्र में भाग नहीं लिया था। कांग्रेस ने भी उनके खिलाफ कई ऐसे ही आरोप लगाए हैं। बुच ने इन आरोपों पर काफी हद तक चुप्पी साध रखी है, कुछ को बकवास बताया है, लेकिन ज्यादा जानकारी नहीं दी है।


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