
कच्चा तेल 60 डॉलर प्रति के नीचे लुढ़का, क्या अब सस्ता होगा पेट्रोल-डीजल?
पिछले महीने केंद्र सरकार कच्चे तेल के दामों में कमी के बाद पेट्रोल डीजल पर एडिशनल एक्साइज ड्यूटी बढ़ाकर पूरा फायदा अपनी जेब में रख लिया.
Crude Oil Price: सरकार तेल कंपनियों और भारत सरकार के लिए राहत की खबर है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम 60 डॉलर प्रति बैरल के नीचे जा लुढ़का है. तेल उत्पादक देशों के संगठन ओपेक प्लस (OPEC+) ने जून महीने से कच्चे तेल के उत्पादन को बढ़ाने का फैसला लिया है जिसके चलते कच्चे तेल के दामों में ये गिरावट आई है. ओपेक प्लस के इस फैसले के चलते आने वाले दिनों में कच्चे तेल की सप्लाई में इजाफा होने की उम्मीद है जिसके चलते कीमतों में गिरावट आई है.
सोमवार 5 मई 2025 को ब्रेंट क्रूड ऑयल की कीमत 3.62 फीसदी की गिरावट के साथ घटकर 59 डॉलर प्रति बैरल पर आ गई. तो वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (WTI) पर कच्चे तेल की कीमत 56 डॉलर प्रति बैरल के नीचे जा लुढ़का है. ओपेक देशों ने एक बयान में कहा है मौजूदा मार्केट के हालात को देखते हुए और ऑयल इन्वेंटरी में कमी के बाद यह फैसला लिया गया है जून 2025 में मई 2025 के उत्पादन स्तर की तुलना में 4,11,000 बैरल प्रतिदिन का प्रोडक्शन बढ़ाया जाएगा. बयान में कहा गया कि बाजार की बदलती परिस्थितियों के आधार पर इस फैसले को रोकने के साथ वापस भी लिया जा सकता है. अगली बैठक 1 जून को होगी जिसमें जुलाई के उत्पादन स्तर पर निर्णय लिया जाएगा।
OPEC+ के इस कदम से आने वाले महीनों में वैश्विक बाजारों में तेल की आपूर्ति बढ़ेगी. कच्चे तेल के दामों में गिरावट पश्चिम एशिया में तनावपूर्ण हालातों के बीच देखी जा रही है. बहरहाल ओपेक देशों के इस फैसले से अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की सप्लाई बढ़ाने में मदद मिलेगी साथ ही इसका असर कच्चे तेल के दामों पर भी देखने को मिल सकता है.
क्या सस्ता होगा पेट्रोल - डीजल
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के उत्पादन में गिरावट से सबसे ज्यादा फायदा सरकारी तेल कंपनियों को होगा. एक तो कच्चे तेल के दामों में गिरावट साथ में डॉलर में कमजोरी यानी डबल फायदा. पर सवाल उठता है कि कच्चे तेल के दामों में कमी का फायदा उपभोक्ताओं को सस्ते पेट्रोल डीजल के रूप में मिलेगा या नहीं. पिछले महीने केंद्र सरकार कच्चे तेल के दामों में कमी के बाद पेट्रोल डीजल पर एडिशनल एक्साइज ड्यूटी बढ़ाकर पूरा फायदा अपनी जेब में रख लिया. उपभोक्ताओं को कोई लाभ नहीं मिला. अब सवाल उठता है कि कच्चे तेल के दामों के 60 डॉलर के नीचे आने के बाद क्या पेट्रोल डीजल सस्ता होगा?CR