
सन टीवी में पारिवारिक जंग: दयानिधि ने भाई कलानिधि पर लगाया हजारों करोड़ की धोखाधड़ी का आरोप
Sun TV नेटवर्क में सत्ता संघर्ष, परिवारिक रिश्तों में दरार वाली इस लड़ाई के बीच—क्या कंपनी की वास्तविक मालिकाना हक़ और पारदर्शिता खतरे में है?
पूर्व केंद्रीय मंत्री दयानिधि मारन ने अपने बड़े भाई और सन टीवी नेटवर्क के मुखिया कलानिधि मारन सहित कुल आठ लोगों को कानूनी नोटिस भेजा है। आरोप है कि उन्होंने ठगी, विश्वासघात और धोखा करके कंपनी शेयर जबरन हड़पे। कलानिधि मारन की पत्नी कावेरी मारन का नाम भी नोटिस में शामिल है।
शेयर ट्रांसफर की कहानी
नोटिस में दलील है कि 2003 में पिता की मृत्यु के बाद शेयर उनकी मां मल्लिका मारन के नाम ट्रांसफर कर दिए गए। लेकिन मृत्यु प्रमाणपत्र या लीगल हीर सर्टिफिकेट बने ही नहीं थे। बाद में इनका निर्माण “जानबूज़ कर तब किया गया,” ताकि shares बाद में कलानिधि को आसानी से ट्रांसफर किया जाए, जैसा नोटिस में आरोप लगाया गया है।
12 लाख शेयर
15 सितंबर 2003 को कथित तरीके से कलानिधि ने सीधा 12 लाख प्राइवेट टीवी नेटवर्क लिमिटेड के इक्विटी शेयर ₹10 प्रति शेयर के भाव पर अपने नाम कर लिए। उस समय इनका वास्तविक मूल्य ₹2,500–3,000 था। बिना जांच-मूल्यांकन, बिना कंपनी की मंजूरी, बिना बोर्ड की सहमति ये कृत्य धोखाधड़ी, विश्वासघात और शेयरधारक अधिकारों का उल्लंघन है।
कंपनी को पूंजी की जरूरत
दस्तावेज़ दावा करता है कि उस वक्त कंपनी की वित्तीय स्थिति मजबूत थी—पूंजी की कमी नहीं थी। फिर अचानक लाखों शेयर जारी करना सवालों को जन्म देता है। इसके अलावा ₹8,500 करोड़ के निवेश का जिक्र किया गया है, जिसका स्रोत अज्ञात बचत खाते बताए गए हैं। दयानिधि का आरोप है कि कलानिधि ने SEBI, NSE और BSE को धोखाधड़ी कर तैयार ‘रेड हिरिंग प्रॉस्पेक्टस’ भेजकर Sun TV को स्टॉक मार्केट में सूचीबद्ध कराने में लीड मैनेजर्स के साथ मिलीभगत की।
कलानिधि मारन
कलानिधि वर्तमान में Sun TV नेटवर्क के 75% हिस्से के मालिक हैं और भारत के सबसे धनी उद्यमियों में गिने जाते हैं—उनकी संपत्ति $2.9 बिलियन मानी जाती है।
वहीं, 10 जून 2025 के नोटिस में दयानिधि ने शेयर, लाभांश, संपत्ति, कुल आर्थिक मुनाफ़ा सभी वापस करने की मांग की है। SFIO (Serious Fraud Investigation Office) से औपचारिक जांच कराने की भी बात की है। अगर रिएक्शन न मिला तो नागरिक, आपराधिक, नियामक और प्रवर्तन अभियोग चलाने की चेतावनी दी गई है।
कुल मिलाकर क्या है मामला?
Sun TV नेटवर्क में सत्ता संघर्ष, परिवारिक रिश्तों में दरार वाली इस लड़ाई के बीच—क्या कंपनी की वास्तविक मालिकाना हक़ और पारदर्शिता खतरे में है? सरकारों और मीडिया नियामकों की नजर अब इस केस पर टिकी है।