पिछले 5 साल में घर की कीमतों में आया जबरदस्त उछाल, इन दोनों इलाकों में रही भारी मांग
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पिछले 5 साल में घर की कीमतों में आया जबरदस्त उछाल, इन दोनों इलाकों में रही भारी मांग

कोविड महामारी के बाद हाउसिंग मार्केट में तेजी और प्रमुख कच्चे माल की कीमतों में वृद्धि के कारण भारत के दो प्रमुख बाजारों में आवासीय घरों की कीमतों में भारी वृद्धि देखी गई है.


Indian Housing Market: कोविड महामारी के बाद हाउसिंग मार्केट में तेजी और प्रमुख कच्चे माल की कीमतों में वृद्धि के कारण भारत के दो प्रमुख बाजारों में आवासीय घरों की कीमतों में भारी वृद्धि देखी गई है. एनारॉक रिसर्च के नवीनतम आंकड़ों से पता चलता है कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (एनसीआर) और मुंबई मेट्रो क्षेत्र (एमएमआर) में पिछले पांच वर्षों में घर आधे से अधिक महंगे हो गए हैं.

रिपोर्ट के अनुसार, देश के दो शीर्ष रियल्टी हॉटस्पॉट एनसीआर और एमएमआर में पिछले पांच वर्षों में औसत आवासीय कीमतों में लगभग 49 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है. जहां दिल्ली-एनसीआर में साल 2019 की पहली छमाही में इस साल की पहली छमाही की तुलना में औसत आवासीय कीमतों में 49 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई. वहीं, एमएमआर में इसी अवधि में औसत आवासीय कीमतों में 48 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई.

भारी बिक्री के कारण एनसीआर में बिना बिके स्टॉक में 52 प्रतिशत से अधिक की गिरावट देखी गई और एमएमआर में पिछले पांच वर्षों में 13 प्रतिशत की गिरावट देखी गई.

रिपोर्ट के अनुसार, एनसीआर में लगभग 2.72 लाख यूनिट बिकीं. जबकि एमएमआर में 5.50 लाख यूनिट्स की बिक्री हुई. एनसीआर में औसत आवासीय कीमतें 4,565 रुपये प्रति वर्ग फीट से बढ़कर 6,800 रुपये प्रति वर्ग फीट हो गई हैं. वहीं, एमएमआर में औसत आवासीय कीमतें 48 प्रतिशत बढ़ीं - H1 2019 में 10,610 रुपये प्रति वर्ग फीट से H1 2024 में 15,650 रुपये प्रति वर्ग फीट हो गईं.

दिल्ली-एनसीआर और एमएमआर में आवास की कीमतों में भारी वृद्धि निर्माण लागत में भारी बढ़ोतरी के साथ-साथ अच्छी बिक्री के कारण हुई है. महामारी भी इन दो आवासीय बाजारों के लिए वरदान साबित हुई, जिससे मांग नई ऊंचाइयों पर पहुंच गई. रिपोर्ट में बताया गया है कि शुरुआत में डेवलपर्स ने ऑफर और फ्री गिफ्ट के साथ बिक्री को बढ़ावा दिया. लेकिन मांग बढ़ने के साथ उन्होंने धीरे-धीरे औसत कीमतें बढ़ा दीं. दिलचस्प बात यह है कि साल 2024 की पहली छमाही में एनसीआर में इन्वेंट्री ओवरहैंग घटकर 16 महीने रह गई है. जबकि साल 2019 की पहली छमाही में यह 44 महीने थी. साल 2019 की पहली छमाही से 2024 की पहली छमाही के बीच एनसीआर में करीब 1.72 लाख यूनिट्स लॉन्च की गईं.

गंगा रियल्टी के संयुक्त प्रबंध निदेशक विकास गर्ग ने बताया कि लग्जरी घरों और अपार्टमेंट की बिक्री के तेज़ आंकड़ों से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में आवास क्षेत्र में आत्मविश्वास बढ़ा है. पिछले पांच वर्षों में बिना बिके घरों की संख्या में 52% की गिरावट आई है, जिसकी वजह से डेवलपर्स अपार्टमेंट की बिक्री की कीमतों में बढ़ोतरी कर रहे हैं. खासकर एनसीआर के मामले में गुरुग्राम घर निवेश के मामले में शिखर पर है, जहां प्रॉपर्टी खरीदार द्वारका एक्सप्रेसवे के पास सेक्टर- 84 और 85 जैसे नए रास्तों को अपने स्थायी घर के रूप में प्राथमिकता दे रहे हैं.

वहीं, त्रेहन ग्रुप के प्रबंध निदेशक सारांश त्रेहन ने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में खासकर गुरुग्राम में प्रीमियम और लग्जरी हाउसिंग सेगमेंट में जबरदस्त उछाल आया है. खासकर महामारी के बाद पिछले कुछ सालों में घरों की कीमतों में उछाल न तो आश्चर्यजनक है और न ही उपभोक्ताओं की भावनाओं पर नकारात्मक प्रभाव डालेगा. निर्माण लागत और घरों की खपत दरों में उछाल के कारण डेवलपर्स घरों की कीमतें बढ़ाने का रणनीतिक निर्णय ले रहे हैं. जेन-जेड और मिलेनियल आबादी के बढ़ते बसावट और लग्जरी और प्रीमियम सेगमेंट में निवेश करने की उनकी प्रवृत्ति से हाउसिंग सेक्टर को कोई चिंता नहीं है.

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