
दिवाली के बाद की स्थिति: क्या सोने-चांदी की चमक अब पड़ेगी फीकी?
global markets में भारी बिकवाली और घरेलू बाजार में रुपये की कमजोरी के बीच सोने के भाव में बना यह अंतर फिलहाल बरकरार रह सकता है. निवेशक अब अमेरिकी महंगाई आंकड़ों और फेड की नीति संकेतों पर नजर रखेंगे.
Gold prices: वैश्विक स्तर पर सोने की कीमतों में लगातार तीसरे दिन तेज गिरावट देखी जा रही है, जो $4,000 प्रति औंस के स्तर तक फिसल गई हैं. वहीं, घरेलू बाजार में एमसीएक्स (MCX) पर दिसंबर वायदा सोना 2% चढ़कर ₹1,24,100 प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया है. इस विरोधाभास ने निवेशकों को हैरान कर दिया है, जो इस असमानता को समझने की कोशिश कर रहे हैं.
गुरुवार को स्पॉट गोल्ड लगभग 0.5% गिरा, जिससे पिछले दो सत्रों में कुल 6% की भारी गिरावट दर्ज की गई. दूसरी ओर, एमसीएक्स पर चांदी के दिसंबर वायदे 2% बढ़कर ₹1,48,474 पर पहुंच गए. विशेषज्ञों का कहना है कि रुपये की कमजोरी और त्योहारी मांग अब भी घरेलू कीमतों को सहारा दे रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बुधवार को गोल्ड-समर्थित एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ETFs) से पांच महीनों में सबसे बड़ी एक-दिवसीय निकासी दर्ज की गई. लंबी तेजी के बाद अब सोना एक रबर बैंड की तरह वापस उछल रहा है. $4,000 के ऊपर टिके रहना यह दर्शाता है कि यह तकनीकी सुधार है, न कि बुनियादी कमजोरी. सेफ हेवन मांग और करेंसी डिवैल्यूएशन ट्रेंड अब भी बरकरार है.
हालिया ऊंचाइयों से सोना लगभग 8% टूटा है, जो संभावित ट्रेंड रिवर्सल का संकेत है. सोमवार को रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स (RSI) दर्शाता है कि तेजी की गति थम रही है और अब सुधार का दौर शुरू हो सकता है. गोल्ड ETFs, स्पॉट और फ्यूचर्स सभी में टेक्निकल इंडिकेटर्स स्पष्ट रूप से रिवर्सल के संकेत दे रहे हैं. नवंबर और दिसंबर में और गिरावट देखने को मिल सकती है, खासकर त्योहारी मांग के कमजोर होने के बाद.
त्योहारी सीजन के समाप्ति के साथ मांग में नरमी आने लगी है, जिससे ट्रेडर्स अब पुट ऑप्शंस में अपनी स्थिति बढ़ा रहे हैं — यानी आने वाले महीनों में कमजोरी की संभावना पर दांव लगा रहे हैं. इसी बीच निवेशक अमेरिका-चीन व्यापार समझौते की संभावनाओं पर भी नजर बनाए हुए हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि उनकी शी जिनपिंग से होने वाली बैठक में “अच्छा समझौता” हो सकता है, हालांकि यह बैठक फिलहाल तय नहीं है.
सोना और चांदी की कीमतें हालिया दो दिनों की गिरावट के बाद क्रमशः $4,050 और $48 प्रति औंस पर स्थिर रहीं. यह गिरावट मुनाफावसूली और जोखिम वाले एसेट्स की ओर झुकाव को दर्शाती है. भारत में मौसमी मांग भी घट रही है, जिससे भौतिक बाजार पर दबाव बना है. हालांकि, पूरी तस्वीर निराशाजनक नहीं है. सोना इस साल अब तक करीब 55% बढ़ चुका है. फेडरल रिजर्व द्वारा वर्ष के अंत तक ब्याज दरों में 0.25% की कटौती की उम्मीदों से भी कीमतों को सहारा मिला है. अब बाजार शुक्रवार को आने वाली अमेरिकी सीपीआई रिपोर्ट पर नजरें टिकाए हुए है.
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सोने का भाव $4,080 के आसपास है, जिसे $3,800–$3,670 पर सपोर्ट और $4,190 पर रेजिस्टेंस मिलने की उम्मीद है. $4,260 के ऊपर टिकाव मिलने पर मंदी के संकेत निष्फल हो सकते हैं. घरेलू स्तर पर, एमसीएक्स पर सोना ₹1,28,270 के स्तर पर है, जिसमें ₹1,21,000 और ₹1,15,000 पर सपोर्ट और ₹1,30,200 पर रेजिस्टेंस दिख रहा है. ₹1,32,000–₹1,34,500 के ऊपर ब्रेकआउट मिलने पर फिर से तेजी लौट सकती है.
अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने का सपोर्ट $4,020–$3,975 और रेजिस्टेंस $4,125–$4,170 पर है. चांदी का सपोर्ट $47.85–$47.40 और रेजिस्टेंस $48.75–$49.30 के बीच है. भारतीय बाजार में सोने का सपोर्ट ₹1,21,070–₹1,20,580 और रेजिस्टेंस ₹1,22,350–₹1,23,000 पर है. वहीं, चांदी को ₹1,44,350–₹1,43,450 पर सपोर्ट और ₹1,46,850–₹1,47,780 पर रेजिस्टेंस मिल सकता है.