महंगाई नियंत्रण में होने का दावा, लेकिन घर खरीदना बनते जा रहा सपना
Economic Survey: द फेडरल के प्रधान संपादक ने आर्थिक सर्वेक्षण के विश्लेषण में कहा कि उपभोग में कमी आई है. निजी क्षेत्र में मौजूदा आर्थिक माहौल में निवेश करने का आत्मविश्वास नहीं है.
Economic survey 2025: आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 ने भारत की वित्तीय रूपरेखा तैयार करते हुए FY26 के लिए GDP वृद्धि 6.3% से 6.8% के बीच रहने का अनुमान लगाया है. हालांकि, निजी निवेश धीमा बना हुआ है, ग्रामीण मांग की रिकवरी सुस्त है और महंगाई आम लोगों के खर्च को प्रभावित कर रही है. ऐसे में The Federal के प्रधान संपादक एस श्रीनिवासन ने इस व्यापक रिपोर्ट के प्रमुख बिंदुओं और चुनौतियों पर प्रकाश डाला.
AI और नौकरी की सुरक्षा
आर्थिक सर्वेक्षण इस बात पर जोर देता है कि AI नौकरियों को खत्म करने के बजाय उन्हें बेहतर बनाएगा. श्रीनिवासन ने कहा कि हालांकि कुछ नौकरियां अप्रासंगिक हो सकती हैं. लेकिन AI दक्षता बढ़ाता है और नए अवसर पैदा करता है. इस बदलाव का सामना करने के लिए पुनः-प्रशिक्षण (Reskilling) आवश्यक होगा. तकनीकी प्रगति को अपनाने के लिए भारत की कार्यबल को खुद को ढालने की आवश्यकता है.
महंगाई और आम आदमी
भले ही महंगाई नियंत्रण में होने का दावा किया गया हो. लेकिन टमाटर, दाल जैसी आवश्यक वस्तुएं अभी भी महंगी हैं. श्रीनिवासन कहते हैं कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) का भार दैनिक आवश्यकताओं पर अधिक होता है और अत्यधिक गर्मी या बारिश जैसी मौसमी बाधाएं कीमतों को प्रभावित करती हैं. 'TOPS' (टमाटर, प्याज, आलू आपूर्ति श्रृंखला) जैसी योजनाएं कीमतों को स्थिर करने के लिए बनाई गई हैं. लेकिन प्रगति धीमी है.
बढ़ती हाउसिंग लागत
मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए घर खरीदना अब एक दूर का सपना बनता जा रहा है. श्रीनिवासन भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की रेपो दरों को लेकर सतर्कता और वित्त मंत्रालय की दरों में कटौती की मांग के बीच खींचतान की ओर इशारा करते हैं. जब तक वित्तीय अनुशासन (Fiscal Discipline) विकास-केंद्रित नीतियों के साथ संरेखित नहीं होता, तब तक ब्याज दरें ऊंची बनी रह सकती हैं.
कॉरपोरेट मुनाफा बनाम वेतन वृद्धि
बड़ी कंपनियों ने 22-24% का रिकॉर्ड मुनाफा दर्ज किया है. लेकिन वेतन केवल 1.5% बढ़े. श्रीनिवासन इस असमानता को उजागर करते हैं कि निवेश बढ़ाने के मकसद से किए गए कॉरपोरेट टैक्स कटौती का वांछित लाभ नहीं मिला. उपभोग (Consumption) कम हो रहा है और वर्तमान आर्थिक माहौल में निजी क्षेत्र निवेश करने में हिचकिचा रहा है.
ऊर्जा परिवर्तन और GCC में AI का प्रभाव
भारत का लक्ष्य 2030 तक अपनी कुल ऊर्जा खपत का 50% नवीकरणीय स्रोतों से हासिल करना है. लेकिन श्रीनिवासन चेतावनी देते हैं कि भारत अभी भी चीन से सस्ते सौर उपकरण आयात पर निर्भर है. इन लक्ष्यों को पूरा करने के लिए निवेश और तकनीकी उन्नयन आवश्यक है. ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर (GCC) के क्षेत्र में AI कुछ नौकरियों को प्रभावित कर सकता है. लेकिन भारत वैश्विक बैक-ऑफिस हब के रूप में मजबूत बना रहेगा. श्रीनिवासन सुझाव देते हैं कि हमें उन क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए. जहां AI प्रतिस्थापन नहीं कर सकता. जैसे कि रचनात्मक समस्या-समाधान (Creative Problem-Solving).
वित्तीय अनुशासन बनाम मुफ्त योजनाएं
वित्तीय अनुशासन बनाए रखने के लिए सरकार की प्रशंसा करते हुए श्रीनिवासन बताते हैं कि वित्तीय घाटा (Fiscal Deficit) 4.8% के आसपास रहने की संभावना है. लेकिन चुनावों के दौरान दी जाने वाली मुफ्त योजनाओं (Freebies) और कल्याणकारी योजनाओं का वित्तीय संतुलन पर प्रभाव चिंता का विषय बना हुआ है. वे कहते हैं कि इसका सबसे अधिक बोझ मध्यम वर्ग उठाता है. संतुलन बनाए रखना महत्वपूर्ण है.