EPFO बोर्ड बैठक में प्रॉविडेंट फंड निकालने के नियम को बनाया गया और सरल, न्यूनतम पेंशन पर फैसला नहीं
x

EPFO बोर्ड बैठक में प्रॉविडेंट फंड निकालने के नियम को बनाया गया और सरल, न्यूनतम पेंशन पर फैसला नहीं

ईपीएफ सदस्यों की सुविधा के लिए, मौजूदा 13 जटिल नियमों को समाहित कर एक सरल और स्पष्ट ढांचा बनाया गया है, जिसे तीन श्रेणियों में विभाजित किया गया है जिसमें आवश्यक जरूरतें (बीमारी, शिक्षा, विवाह), हाउसिंग संबंधी जरूरतें, और विशेष परिस्थितियां शामिल है.


Click the Play button to hear this message in audio format

ईपीएफओ बोर्ड की बैठक में प्रॉविडेंट फंड निकासी के नियमों को सरल बनाने को लेकर बड़ा फैसला लिया गया है. मनसुख मांडविया की अध्यक्षता में सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (CBT), ईपीएफ की 238वीं बैठक बैठक में सदस्यों की सुविधा और सेवानिवृत्ति सुरक्षा बढ़ाने के लिए आंशिक निकासी प्रक्रिया को सरल और उदार बनाने का फैसला लिया गया है.

ईपीएफ सदस्यों की सुविधा के लिए, मौजूदा 13 जटिल नियमों को समाहित कर एक सरल और स्पष्ट ढांचा बनाया गया है, जिसे तीन श्रेणियों में विभाजित किया गया है जिसमें आवश्यक जरूरतें (बीमारी, शिक्षा, विवाह), आवास संबंधी जरूरतें, और विशेष परिस्थितियाँ शामिल है. अब सदस्य कर्मचारी और नियोक्ता, दोनों के अंशदान सहित संपूर्ण पात्र शेष राशि का 100% तक आंशिक निकासी कर सकेंगे. शिक्षा के लिए निकासी सीमा को 10 गुना और विवाह के लिए 5 गुना तक बढ़ाया गया है (पहले कुल 3 बार की निकासी सीमा थी). सभी सभी आंशिक निकासी के लिए कर्मचारी की न्यूनतम सेवा अवधि अब केवल 12 महीने कर दी गई है. विशेष परिस्थितियों के दौरान प्रॉविडेंट फंड से पैसा निकालने पर सदस्य को कोई कारण बताने की आवश्यकता नहीं होगी.

सदस्य के खाते में कुल योगदान का 25% न्यूनतम शेष बनाए रखने का प्रावधान जोड़ा गया है ताकि उच्च ब्याज दर (वर्तमान में 8.25% वार्षिक) का लाभ निरंतर मिलता रहे. ईपीएफओ बोर्ड बैठक में ये फैसला लिया गया है कि अब बिना किसी दस्तावेज़ की आवश्यकता के 100% ऑटो-सेटलमेंट संभव होगा. इसके अलावा, ईपीएफ की अग्रिम अंतिम निकासी की अवधि को 2 महीने से बढ़ाकर 12 महीने और अंतिम पेंशन निकासी की अवधि को 2 महीने से बढ़ाकर 36 महीने किया गया है.

ईपीएफ योगदान के देरी से भुगतान पर लगाए गए भारी दंड के कारण बड़ी संख्या में मुकदमे लंबित थे. मई 2025 तक, कुल ₹2,406 करोड़ के दंड और 6,000 से अधिक मामले अलग-अलग न्यायालयों में लंबित थे. 21,000 संभावित मामले ईपीएफओ की ई-प्रोसीडिंग्स पोर्टल पर लंबित थे. पेनल्टी दर को अब घटाकर 1% प्रति माह कर दी गई है. 2 महीने तक के विलंब पर 0.25% और 4 महीने तक के विलंब पर 0.5% की ग्रेडेड दर लागू होगी. यह योजना 6 महीने तक लागू रहेगी, जिसे 6 महीने और बढ़ाया जा सकेगा. इसमें वे सभी मामले शामिल होंगे जो न्यायालयों या ईपीएफओ की कार्यवाही में लंबित हैं यह कदम नियोक्ताओं और कर्मचारियों दोनों के लिए लाभकारी होगा विवादों में कमी, त्वरित निपटान, और भरोसेमंद अनुपालन सुनिश्चित होगा.

ईपीएफओ बोर्ड बैठक में घर-घर डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट सुविधा को लेकर बड़ा फैसला लिया गया है. ईपीएफओ और इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (IPPB) के बीच समझौता हुआ है जिसके तहत ईपीएस’95 पेंशनभोगियों को 50 प्रति प्रमाणपत्र की दर से घर बैठे डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट सेवा उपलब्ध कराई जाएगी. यह पहल ग्रामीण और दूरदराज़ क्षेत्रों के बुजुर्ग पेंशनरों के लिए बड़ी राहत होगी. अब वे डाक विभाग के नेटवर्क के माध्यम से अपने जीवन प्रमाण पत्र घर से ही जमा कर सकेंगे.

Read More
Next Story