
भारत-अमेरिका ट्रेड डील पर पांचवें दौर की बातचीत पूरी, 1 अगस्त से पहले अंतिम रूप संभव
Bilateral Trade Agreement: दोनों देशों की कोशिश है कि सितंबर-अक्टूबर 2025 तक प्रस्तावित व्यापार समझौते के पहले चरण की बातचीत पूरी कर ली जाए. इससे पहले वे एक अंतरिम समझौते पर सहमति बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं.
India US Trade Deal: भारत और अमेरिका के बीच प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) को लेकर वॉशिंगटन में पांचवें दौर की वार्ता 17 जुलाई को संपन्न हो गई. यह बातचीत 14 से 17 जुलाई तक चार दिनों तक चली. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भारतीय दल अब वापस देश लौट रहा है.
इस वार्ता में भारत की ओर से वाणिज्य विभाग में विशेष सचिव और मुख्य वार्ताकार राजेश अग्रवाल ने नेतृत्व किया. यह वार्ता इसलिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है. क्योंकि दोनों पक्ष 1 अगस्त से पहले एक अंतरिम व्यापार समझौते को अंतिम रूप देना चाहते हैं. 1 अगस्त वह तिथि है, जब अमेरिका द्वारा लगाए गए ट्रंप युग के टैरिफ पर लगी अस्थायी रोक समाप्त हो रही है.
जल्द फैसला ज़रूरी
2 अप्रैल 2024 को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कई देशों पर उच्च शुल्क (reciprocal tariffs) लगाने की घोषणा की थी. भारत पर भी 26 प्रतिशत शुल्क लगाया गया था. इस शुल्क की तत्काल प्रभाव से 90 दिनों के लिए रोक लगाई गई थी, जिसे 9 जुलाई तक और फिर 1 अगस्त तक बढ़ा दिया गया. अमेरिका इस दौरान कई देशों के साथ व्यापार समझौतों पर बातचीत कर रहा है.
कृषि, ऑटोमोबाइल और तकनीकी मुद्दों पर चर्चा
इस पांचवें दौर की वार्ता में कृषि और ऑटोमोबाइल सेक्टर से जुड़े मुद्दे प्रमुख रहे. इसके अलावा SCOMET (Special Chemicals, Organisms, Materials, Equipment, and Technologies) से जुड़ी तकनीकी चर्चाएं भी हुईं. अमेरिका की मांग है कि भारत कृषि और डेयरी उत्पादों पर शुल्क में राहत दे. लेकिन भारत ने इस पर सख्त रुख अपनाया है. भारत ने अब तक डेयरी क्षेत्र में किसी भी एफटीए (Free Trade Agreement) के तहत शुल्क रियायत नहीं दी है. भारतीय किसान संगठनों ने सरकार से अपील की है कि इस व्यापार समझौते में कृषि संबंधी मुद्दों को शामिल न किया जाए।.
भारत की मांगें और रणनीति
भारत चाहता है कि अमेरिका द्वारा लगाए गए 26 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क को हटाया जाए. इसके अलावा भारत स्टील और एल्यूमिनियम (50%) और ऑटो सेक्टर (25%) पर लगे ऊंचे टैरिफ में राहत चाहता है. भारत ने विश्व व्यापार संगठन (WTO) के नियमों के तहत प्रतिशोधात्मक शुल्क लगाने का अधिकार सुरक्षित रखा है. भारत ने व्यापार समझौते में कपड़ा, रत्न-आभूषण, चमड़ा, परिधान, प्लास्टिक, रसायन, झींगा, तिलहन, अंगूर और केले जैसे श्रम-प्रधान क्षेत्रों के लिए टैरिफ रियायत की मांग की है.
अमेरिका की प्राथमिकताएं
अमेरिका चाहता है कि भारत कुछ औद्योगिक उत्पादों, इलेक्ट्रिक वाहन, वाइन, पेट्रोकेमिकल उत्पाद, कृषि वस्तुएं, डेयरी उत्पाद, सेब, ट्री नट्स और जेनेटिकली मॉडिफाइड फसलों पर शुल्क में राहत दे.
पहले चरण का समझौता संभव
दोनों देशों की कोशिश है कि सितंबर-अक्टूबर 2025 तक प्रस्तावित व्यापार समझौते के पहले चरण की बातचीत पूरी कर ली जाए. इससे पहले वे एक अंतरिम समझौते पर सहमति बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं. चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में भारत से अमेरिका को मर्चेंडाइज़ निर्यात में 22.8% की वृद्धि दर्ज की गई, जो 25.51 अरब डॉलर तक पहुंच गया. वहीं, अमेरिका से आयात में 11.68% की वृद्धि हुई और यह 12.86 अरब डॉलर रहा.